National Handloom: राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर दिल्ली के प्रगति मैदान के “भारत मंडपम” में देशभर के 3000 कारीगरों और बुनकरों द्वारा साड़ियों, खादी के फैशनेबल कपड़ों , घर की सजावट के लिए अद्वितीय कलाकृतियां में पूरा भारत सिमट आया है। कल दिल्ली के प्रति प्रगति मैदान में 12:00 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राष्ट्रीय हैंडलूम प्रदर्शनी का उद्घाटन कर रहे हैं। इस मौके पर नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी द्वारा भारत भर के वस्त्र उद्योग को देश की जनता के लिए,”भारतीय वस्त्र उद्योग एवं शिल्पकोष का उद्घाटन भी कर रहे हैं। हैंडलूम दिवस पर देश भर के तमाम राज्यों से 3000 बुनकरों और कारीगरों के शिल्प के अनूठे नमूने हर वर्ग के दर्शकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
National Handloom: दिल्ली के प्रगति मैदान में स्थित भारत मंडपम के जगमगाते स्टॉल
स्टॉलों पर कहीं लखनऊ की चिकनकारी के बने कुर्ते अपनी और अग्रस्त कर रहे हैं तो कहीं दूसरी तरफ उड़ीसा की इक्कत साड़ियां हमें अपनी तरफ बुला रही हैं। नजर जरा सी ऊपर उठती है तो दूसरी तरफ असम एरी सिल्क की साड़ियां हमें ललचा रही हैं, जिन्हें हम पूजा या शादी के अवसर पर पहन कर देवी की तरह से अलौकिक दिखते हैं।
National Handloom: भारत में हर पांच किलोमीटर पर संस्कृति बदल जाती है, अलग परिवेश अलग पूजा पाठ के ढंग, अलग पहनावा अलग ही मंदिरों का शिल्प, कपड़े पहनने का स्टाइल भी अलग और संस्कृति के रंगारंग खूबसूरत कलाकृतियां भी अलग। दरअसल भारत के बुनकरों कारीगरों और प्रतिभाओं में अपने स्थानीय संसाधनों से उन्हें अपनी कारीगरी के हुनर से कुछ अनूठा बनाने की रचनात्मकता है । यह शिल्पी छोटे से कीड़े से रेशम निकालकर हमें लाखों लाखों की साड़ियां बनाकर पेश कर देता है।
जहां रेशम ना हो वहां मामूली सा जूट से भी हमारे कारीगर भव्य होटल ,घरों और पारंपरिक दीवारों को सजाने के लिए पेंटिंग कलाकृतियां दरियों का खजाना बना देते हैं। आधुनिक घरों के लिए घर के दरवाजे पर प्रवेश करते ही सुंदर सुंदर फूट पैड बनाने में भी माहिर है।
National Handloom: घर सजाने के सामान सस्ती कीमत पर
अगर आपको घर बैठे देश भर के तमाम राज्यों की साड़ियां दरियां कलाकृतियां देखने और खरीदने का मन हो तो प्रगति मैदान के हैंडलूम प्रदर्शनी में जाना ना भूले। हम यहां से एक से बढ़कर एक घर सजाने के सामान सस्ती कीमत में खरीद सकते हैं। लेकिन अपने व्यक्तित्व में चार चांद लगाने वाले युवाओं के लिए भी स्किन फ्रेंडली वेस्टर्न स्टाइल के कपड़ो का अद्भुत भंडारन है। कहीं आपको इस प्रदर्शनी में फैशन की दुनिया से जुड़ी कपड़ों की दुनिया दिख रही है तो कहीं मुगल काल से ही लोगों के शाही आकर्षण का केंद्र चिड़िया के पंखों से भी हल्की साड़ियों का अद्भुत खजाना यहां पर सिमट आया है।
National Handloom: एक से बढ़कर एक कपड़ों के अनूठे रंग
प्रगति मैदान में जहां तक दूर तक निगाहें जाएं वहीं तक एक से बढ़कर एक कपड़ों के अनूठे रंग है किसी में भगवान की मूर्तियां दिखती हैं तो किसी में मंदिर के चक्र दिखते हैं किसी में इमली की फूल पत्तियां दिखाई पड़ रही हैं तो कहीं हैंडलूम का फैशनेबल दुनिया में अनूठा रंग है। हमने अपनी परंपरा को 21वीं शताब्दी के हिसाब से फैशन की दुनिया से भी जोड़ कर रख दिया है लेकिन यह सारे रंग सादगी के साथ उन कारीगरों ने चुराकर अपनी शिल्पकृतियों में भरे हैं, जो कारीगर अपनी दो जून रोटी खाने के लिए भीलाचारसाहैवह एक एक दरी और एक-एक साड़ी बनाने के लिए चार-चार पांच-पांच महीने लगाते हैं। लेकिन फिर भी उनकी उंगलियां थकती नहीं.. उनका दिमाग पूरी रचनात्मकता से अपने शिल्प पर अथक लगा रहता है। उनकी कमर बैठे-बैठे थक जाती है हाथों की उंगलियां ईश्वर की तरह चलती रहती है बिना रुके बिना थके।
National Handloom:
आजादी के समय महात्मा गांधी ने इन बुनकरों को स्वदेशी आंदोलन से जोड़ा था और उनकी प्रतिभा को स्वदेशी आंदोलन में अमिट बना दिया था। गांधी जी ने स्वयं हाथ में चरखा लेकर ग्रामीण मुक्ति मिट्टी से जुड़े बुनकर शिल्पियों को अलग पहचान थी उनके योगदान को आजादी का हिस्सा बना दिया था।
National Handloom: आज फिर से हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत के शिल्पियों को उच्च स्थान देने के लिए उन्हें आर्थिक रूप से निर्भर बनाने के लिए कपड़ा उद्योग में तमाम तरह की योजनाएं चला कर सुविधा दी है। आज कपड़ा उद्योग फैशन उद्योग में सिमट कर रोजगार के लिए एक बड़ा अवसर बना है।
National Handloom: राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर राजधानी दिल्ली में आयोजित प्रदर्शन में फैशन इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी यानी निफ्ट के स्टाइल पर फैशनेबल दुनिया का अनूठा संसार है भारत की युवती और युवाओं के विशेष आकर्षण का केंद्र है। निफ्ट की प्रतिभाओं के जरिए बनाए एक से बढ़कर एक फैशनेबल कपड़े हैंडलूम में अपनी प्रतिभा की ऊंचाइयां दुनिया भर को दिखा रहे हैं।
उल्लेखनीय है राष्ट्रीय हैंडलूम दिवस पर भारत मंडपम में हैंडलूम खड़ी से जुड़े हटाकर का उद्योग के 3000 शिल्पी अपनी कला का प्रदर्शन दिखाने के लिए शिरकत कर रहे हैं आर्थिक दृष्टि से विश्व स्तर पर कपड़ा उद्योग में एक अलग मंच मिलेगा। इस प्रदर्शनी में खादी ग्राम उद्योग, हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल, राज्य हैंडलूम विभाग इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैंडलूम टेक्नोलॉजी के दिग्गज नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रतिनिधि देशभर से हिस्सा ले रहे हैं।
National Handloom: परंपराओं से जुड़ा हैंडलूम का यह खजाना
परंपराओं से जुड़ा हैंडलूम का यह खजाना देश की सांस्कृतिक आत्मा को समेट कर हमें बता रहा है कि भारत की प्रकृति मंदिरों की संस्कृति मंदिरों की घंटियां फूल पत्ती प्रकृति से प्रेरित बुनकर कारीगरी की रचनात्मक सोच छोटे से छोटे कपास और संसाधन से बेमिसाल नमूने तैयार कर देती है जैसे हम मिट्टी से भगवान बना देते हैं जिसमें भगवान बसते हैं । ठीक इसी तरह हैंडलूम प्रदर्शनी में आप अपनी अपनी पसंद के एक से बढ़कर एक कपड़े, साड़ियां घर को सजाने सुंदर तुम कलाकृतियां, दरिया कालीन खरीद कर ला सकते हैं । हैंडलूम की यह सुंदर दुनिया देखकर हम मन ही मन कर उठते हैं… रचनात्मकता में भारत की आत्मा बसती है। भारत ही तो दुनिया का स्वर्ग है भारत ही तो दुनिया की सोने की चिड़िया है जिसके कारण कारण में अपार सुख है। जो कपास और रेशम के कीड़े से ऐसे शाही लिबास बना देते हैं जिन्हें देखकर आंखें हटती नहीं।
National Handloom: इसलिए भारत भर के तमाम राज्यों की हैंडलूम प्रदर्शनी का नजारा लेने आप प्रगति मैदान जरूर जाएं। जहां कपड़ो की एक से बढ़कर एक दुनिया आपके लिए इंतजार कर रही है। हैंडलूम की इस दुनिया में भारत की संस्कृति और परंपरा का नजारा लें और अपने घर को सजा दें अब मां अपने मनचाहे अंदाज में आप उड़ीसा के संस्कृति घर में लाना चाहे या पंजाब की, आप असम की संस्कृति लाना चाहे या फिर गुजरात की। राजस्थान की रंगीलीबेडसीटऔर पटोला साड़ियां खरीदना चाहे, या उत्तर प्रदेश लखनऊ की चिकनकारी।
यहां आपका मन चाहा संसार से सिमट सा आया है। कपड़ा उद्योग का यह विस्तार भारत की मिट्टी की सौंधी गंध में आप महसूस कर सकते हैं ,और आप गर्व कर सकते हैं यह है मेरा भारत महान जहां की रंगीली संस्कृति जहां का रचनात्मक शिल्प हमेशा से पूरी दुनिया को आकर्षित करता रहा है।
National Handloom: आओ हम कदम बढ़ाएं !
आओ हम कदम बढ़ाएं, प्रगति मैदान की तरफ जहां कपड़ा उद्योग के तमाम खादी ग्राम उद्योग हैंडलूम एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल राज्य हैंडलूम विभाग इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ हैंडलूम टेक्नोलॉजी के प्रतिनिधि नेशनल हैंडलूम डेवलपमेंट कॉरपोरेशन के प्रतिनिधि देशभर से शिरकत कर रहे हैं। आप परिवार सहित हैंडलूम प्रदर्शनी में जाना ना भूले। क्योंकि यह वह अवसर है जो देश भर के तमाम राज्यों के जाए बिना हमारे बच्चे और हमारा परिवार भारत भर की संस्कृति के नजदीक जाकर वहां का आनंद ले सकता है उन्हें छू सकते हैं उन्हें अपने घर की सजावट का हिस्सा बन सकते हैं। और वहां की जीवंत दुनिया में उतर कर अपने घर को भी उसी के अनुरूप अपनी पसंद में अपना घर सजा सकता है और हैंडलूम के कपड़ों में अपने व्यक्तित्व में चार चांद लगा सकता है ।