सहेली के पति को चुराने वाली महिला राहुल गांधी पर लगा रही फ्लाइंग किस का इल्जाम, कांग्रेस नेत्री ने स्मृति ईरानी को जमकर धोया

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calendar30 Nov 2025 08:49 AM
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Flying Kiss in Parliament | चेतना मंच | सुप्रिया श्रीवास्तव | 11 अगस्त 2023 | Noida News
Flying Kiss in Parliament : भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी ने कुछ दिन पहले संसद भवन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर फ्लाइंग किस देने का इल्जाम लगाया था। जिसकी वजह से सियासत काफी गर्म हो गई थी। अब इस मामले में बिहार की कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी ने बीजेपी पर बड़ा हमला बोला है।

राहुल गांधी पर लगे फ्लाइंग किस मामले में कांग्रेस नेत्री ने स्मृति ईरानी को जमकर धोया -

कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी ने एक इंटरव्यू के दौरान बीजेपी पर बड़ा हमला बोलते हुए, पार्टी पर राहुल गांधी को बदनाम करने की साजिश का आरोप लगाया है। इसके साथ ही कांग्रेस नेत्री ने भाजपा नेत्री स्मृति ईरानी को भी खूब खरी खोटी सुनाई है।। इस मामले से जुड़ा एक वीडियो सामने आया है जिसमें बिहार की कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी कहती हुई नजर आ रही है कि -" फ्लाइंग किस का कोई मामला नहीं है। स्मृति ईरानी जी अपना देखें। जिस सहेली ने उन्हें संरक्षण दिया और उनकी मदद की उसके पति को भगाकर शादी कर ली और वो हमारे नेता राहुल जी की बात करती हैं। उन्हें शर्म आना चाहिए। वो ऐसा सवाल उठाती हैं। हम लोगों ने पूरा वीडियो देखा है, ऐसा कुछ नहीं है उन्होंने सिर्फ एक स्पीकर की तरह हाथ उठाया है। कांग्रेस नेत्री नीतू कुमारी ने आगे यह भी कहा कि हमारे नेता राहुल गांधी को लड़कियों की कोई कमी नहीं है। उन्हें किस देना होगा तो वह लड़कियों को देंगे 50 साल की बुड्ढी स्मृति ईरानी को फ्लाइंग किस क्यों देंगे। बीजेपी पर हमला बोलते हुए कांग्रेस विधायक नीतू कुमारी ने कहा कि सरकार उनकी है, स्पीकर उनके हैं, जांच करवा ले, और मेरे नेता को बदनाम करने वाले दोषी पर कार्यवाही हो।

देखें वीडियो:

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Atiq Murder Case : पुलिस क​स्टडी में कैसे हो सकती है हत्या, सुप्रीम कोर्ट ने UP सरकार से मांगा जवाब

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Atiq Murder Case
locationभारत
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calendar29 Nov 2025 06:17 AM
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Atiq Murder Case / नई दिल्ली : यूपी के कुख्यात माफिया सरगना अतीक अहमद व उसके भाई अशरफ अहमद की पुलिस कस्टडी में हत्या के साथ ही 2017 के बाद से यूपी में हुए एनकाउंटर पर सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रूख अपनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने प्रदेश सरकार से 2017 के बाद हुए एनकांउटर पर चार सप्ताह के भीतर हल्फानामा दाखिल करने आदेश दिए हैं।

Atiq Murder Case

माफिया सरगना अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की बहन नूरी की याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को सख्त टिप्पणी की।

कोर्ट ने कहा कि पुलिस हिरासत में कैसे किसी की हत्या हो सकती है। हमलावरों को यह कैसे पता था कि अतीक व उसके भाई को कहां ले जाया जा रहा है। इसमें पुलिस की भी भूमिका हो सकती है। यह व्यवस्था लोगों में कानून के प्रति विश्वास को कमजोर करती है। कोर्ट ने पूछा कि क्या जस्टिस चौहान कमिशन की रिपोर्ट लागू की गई हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने चार हफ्तों के अंदर उत्तर प्रदेश में हुए 183 एनकाउंटर पर सरकार से हल्फानामा दाखिल करने के लिए कहा। अतीक की बहन नूरी ने सुप्रीम कोर्ट में अतीक और अशरफ हत्याकांड की न्यायिक जांच कराने को लेकर याचिका दायर की थी। याचिका में जस्टिस चौहान की सिफारिशों को लागू न करने की बात भी कही गई थी। Atiq Murder Case

Noida News : अधिकारी बदला तो बदल गया शहर का मिजाज भी, सबकुछ है बदला बदला

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khudiram Bose Jayanti : आज़ादी के लिए सिर्फ बाल लाल पाल और भगत सिंह ही नहीं थे बलिदानी

नफरत बनी भाजपा की पहचान 3
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calendar11 Aug 2023 06:55 PM
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khudiram Bose Jayanti | भूपेंद्र भटनागर | 11 अगस्त 2023 | चेतना मंच | Noida News Desk

19 जुलाई, 1905 एक ऐसी तारीख थी जब लॉर्ड कर्ज़न ने बंगाल विभाजन का फ़ैसला किया। इसके बाद बंगाल ही नहीं पूरे भारतवर्ष में अंग्रेज़ों के ख़िलाफ़ आक्रोश भड़क उठा। फिर इसके बाद कई जगह विरोध मार्च हुए, विदेशी सामान का बहिष्कार हुआ और अख़बारों में अंग्रेजी सल्तनत के खिलाफ लेख लिखे गए.

क्या यह राजद्रोह है?

जुगाँतर' अख़बार में उसी ज़माने में स्वामी विवेकानंद के भाई भूपेंद्रनाथ दत्त ने 'एक लेख लिखा जिसे सरकार ने राजद्रोह माना। कलकत्ता प्रेसिडेंसी के मजिस्ट्रेट डगलस हाँलिन्सहेड किंग्सफ़ोर्ड ने न सिर्फ़ प्रेस को ज़ब्त करने का आदेश दिया, बल्कि भूपेंद्रनाथ दत्त को ये लेख लिखने के आरोप में एक साल की कैद की सज़ा सुनाई. इस फ़ैसले ने अंग्रेज़ो के खिलाफ आक्रोश जागा दिया।

khudiram Bose Jayanti

अंग्रेजी सलतनत यहां नहीं थमी 

किंग्सफ़ोर्ड ने वन्दे मातरम का नारा बुलंद करने वाले एक 15 वर्षीय छात्र को 15 बेंत लगाने की कठोर सज़ा सुना दी। फिर 6 दिसंबर, 1907 की रात को मिदनापुर ज़िले में नारायणगढ़ के पास बंगाल के लेफ़्टिनेंट गवर्नर एंड्र्यू फ़्रेज़र की ट्रेन को बम से उड़ाने की कोशिश हुई। कुछ दिनों बाद चंद्रनागौर में लेफ़्टिनेंट गवर्नर की ट्रेन को उड़ाने का एक और प्रयास किया गया जिसमें बरींद्र घोष, उलासकर दत्त और प्रफुल्ल चाकी शामिल थे।

[caption id="attachment_107338" align="aligncenter" width="700"]khudiram Bose Jayanti khudiram Bose Jayanti[/caption]

हुआ क्या था?

अंग्रेज़ों के एक पिट्ठू रामचरण सेन ने उनको शासन विरोधी पर्चा बांटते देख लिया जिस मे सत्येंद्रनाथ बोस ने वन्दे मातरम शीर्षक से अंग्रेज़ी शासन का विरोध करते हुए एक पर्चा छपवाया और खुदीराम बोस को मेले में इस पर्चे के वितरण की ज़िम्मेदारी सौंपी थी।

जब अंग्रेजी पुलिस ने खुदीराम को पकड़ने का प्रयास किया तब खुदीराम ने उस सिपाही के मुंह पर एक घूंसा जड़ दिया। फिर खुदीराम बोस को पकड़ लिया गया।

लक्ष्मेंद्र चोपड़ा खुदीराम बोस के बारे में लिखते हैं कि, "सत्येंद्रनाथ भी उसी मेले में घूम रहे थे. उन्होंने सिपाहियों को झिड़कते हुए कहा, आपने डिप्टी मजिस्ट्रेट के लड़के को क्यों पकड़ा है ?  ये सुनते ही सिपाहियों के होश उड़ गए। जैसे ही सिपाहियों की पकड़ छोड़ी ढ़ीली हुई खुदीराम बोस वहां से ग़ायब हो गए।"

आरोप तो लगने ही थे, अंग्रेजी सरकार जो है

8 अप्रैल, 1908 को जब प्रफुल्ल चाकी को डगलस किंग्सफ़ोर्ड की हत्या का दायित्व सौंपा गया तब खुदीराम बोस सिर्फ 17 वर्ष के थे। इससे पहले क्रांतिकारियों ने किंग्सफ़ोर्ड को एक पार्सल बम भेजकर मारने की कोशिश भी की थी। लेकिन वो पार्सल उनकी जगह उनके एक कर्मचारी ने खोला जो बम फटने कि वजह से घायल हो गया।

किंग्सफ़ोर्ड ने डरकर अपना तबादला बंगाल से दूर बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर में करवा लिया। युगांतकारी संगठन की ओर से खुदीराम को पिस्तौल और हैंडग्रेनेड देकर मुज़फ़्फ़रपुर भेजा गया।

क्या हुआ मुज़फ़्फ़रपुर  में ? 

मुज़फ़्फ़रपुर पहुच कर वो मोती झील क्षेत्र में एक धर्मशाला में ठहरे। बारीक़ी से किंग्सफ़ोर्ड के आवास और उसकी दिनचर्या का अध्ययन ऐसे किया के पुलिस के गुप्तचरों को भी इस योजना की कुछ भनक लग गई थी। जब किंग्सफ़ोर्ड को इस बारे मे भनक लगी तब उनकी सुरक्षा बढ़ा दी गई।"

क्या थी हत्या की साज़िश ?

जब खुदीराम और प्रफुल्ल चाकी को इस बात का अंदाज़ा हुआ कि किंग्सफ़ोर्ड हर रात विक्टोरिया बग्घी में अपनी पत्नी के साथ स्टेशन क्लब आते हैं तब दोनों ने योजना बनाई कि क्लब से वापसी के समय किंग्सफोर्ड की बग्घी पर बम फेंककर उनकी हत्या कर दी जाए।

कलकत्ता की तुलना में मुज़फ़्फ़रपुर की शामें जल्दी ख़त्म हो जाया करती थी। फिर भी उस ज़माने में मुज़फ़्फ़रपुर के स्टेशन क्लब में शाम को बहुत रौनक हुआ करती थी। हर शाम ब्रिटिश अधिकारी और ऊंचे पदों पर काम करने वाले भारतीय जमा हो कर पार्टी करते थे और इनडोर गेम्स खेला करते थे।

https://twitter.com/upwestbjp/status/1689881184506089472?s=20

कैसे हुई हत्या ? 

30 अप्रैल, 1908 की शाम 8 बजे जब खेल ख़त्म हुआ तो दो अंग्रेज़ महिलाएं श्रीमती कैनेडी और ग्रेस कैनेडी घोड़े की एक बग्घी पर सवार हुईं। ये बग्घी किंग्सफ़ोर्ड की बग्घी से बहुत कुछ मिलती जुलती थी। वही दूसरी बग्घी में किंग्सफ़ोर्ड और उनकी पत्नी सवार हुए। उन महिलाओं ने वही सड़क ली जो किंग्सफ़ोर्ड के घर के सामने से होकर जाती थी।

वो बदले की अंधेरी रात 

अंधेरी में जब बग्घी किंग्सफ़ोर्ड के घर के अहाते के पूर्वी गेट पर पहुंची तो सड़क के दक्षिणी छोर पर छिपे हुए दो लोग उसकी तरफ़ दौड़े और उन्होंने बग्घी के अंदर बम फेंक दिया।"

घायल लोगों को किंग्सफ़ोर्ड के घर लाया गया। ग्रेस कैनेडी की एक घंटे के अंदर मौत हो गई जबकि श्रीमती कैनेडी की भी 2 मई को उनकी भी मौत हो गई.

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