उत्तर प्रदेश में अतीक का गैंग अब भी बेखौफ, साढ़ू समेत आठ पर FIR दर्ज

UP News : उत्तर प्रदेश में माफियावाद की जड़ें सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि आज की हकीकत भी हैं। उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद माना जा रहा था कि उसका नेटवर्क कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आई ताजा घटना ने इस भ्रम को तोड़ दिया है। अतीक की मौत के बावजूद उसका आपराधिक तंत्र जिले में सक्रिय बना हुआ है। अब उसी गैंग के सक्रिय सदस्य और अतीक के साढ़ू इमरान अहमद समेत आठ लोगों पर जबरन जमीन कब्जाने, फर्जी दस्तावेजों से बिक्री करने और पांच करोड़ की रंगदारी मांगने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
जमीन मालिकों को बनाया गया था बंधक
यह पूरा विवाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के बमरौली उपहार निवासी मनोज कुमार भारतीया की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे की यह कहानी करीब दो दशक पुरानी है, लेकिन इसके पीछे की साजिश आज भी उतनी ही ताजा है। पीड़ित के अनुसार, साल 2001 में माफिया अतीक अहमद और उसके साढ़ू इमरान अहमद ने मिलकर असली जमीन मालिकों—रामदास, शोभलाल, राम आसरे और ओंकार—को अगवा कर लिया और जान से मारने की धमकी देकर एक फर्जी बैनामा जबरन सुरेश द्विवेदी के नाम करवा लिया। वर्ष 2003 में भले ही यह बैनामा अदालत के आदेश से रद्द हो गया हो, लेकिन इसके बाद भी जालसाजी का सिलसिला थमा नहीं। आरोप है कि षड्यंत्रकारी लगातार नए नामों से फर्जी सौदों का खेल रचते रहे।
जमीन का दोबारा फर्जी हस्तांतरण हरिश्चंद्र नामक व्यक्ति के नाम कर दिया गया। समय के साथ यह जमीन कई लोगों के नाम बेची जाती रही, और अंततः वर्ष 2022 में इमरान अहमद ने मोहम्मद सलमान, समीर और नसीम को यह ज़मीन बेच दी। जब 5 मार्च 2025 को मनोज भारतीया ने जमीन के इस अवैध सौदे पर आपत्ति दर्ज कराई, तो आरोपियों ने उनकी पिटाई कर डाली और ₹5 करोड़ की रंगदारी की मांग रखी। साथ ही धमकी दी कि जब तक रकम अदा नहीं की जाती, वे जमीन पर कोई भी गतिविधि नहीं कर पाएंगे।
जिलाधिकारी ने कराई जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी प्रयागराज ने राजस्व विभाग को मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होते ही पूरामुफ्ती थाने में इमरान अहमद, हरिश्चंद्र, बीएल भारतीया, मोहम्मद सलमान, समीर, नसीम, मोहम्मद रहमान और राना सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ-साथ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से छानबीन कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि अतीक अहमद के आपराधिक साम्राज्य की जड़ें जिले में और किन-किन स्थानों तक फैली हुई हैं। UP News
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UP News : उत्तर प्रदेश में माफियावाद की जड़ें सिर्फ इतिहास नहीं, बल्कि आज की हकीकत भी हैं। उत्तर प्रदेश के कुख्यात माफिया अतीक अहमद की हत्या के बाद माना जा रहा था कि उसका नेटवर्क कमजोर पड़ जाएगा, लेकिन उत्तर प्रदेश के प्रयागराज से आई ताजा घटना ने इस भ्रम को तोड़ दिया है। अतीक की मौत के बावजूद उसका आपराधिक तंत्र जिले में सक्रिय बना हुआ है। अब उसी गैंग के सक्रिय सदस्य और अतीक के साढ़ू इमरान अहमद समेत आठ लोगों पर जबरन जमीन कब्जाने, फर्जी दस्तावेजों से बिक्री करने और पांच करोड़ की रंगदारी मांगने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।
जमीन मालिकों को बनाया गया था बंधक
यह पूरा विवाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज के बमरौली उपहार निवासी मनोज कुमार भारतीया की पुश्तैनी जमीन पर कब्जे की यह कहानी करीब दो दशक पुरानी है, लेकिन इसके पीछे की साजिश आज भी उतनी ही ताजा है। पीड़ित के अनुसार, साल 2001 में माफिया अतीक अहमद और उसके साढ़ू इमरान अहमद ने मिलकर असली जमीन मालिकों—रामदास, शोभलाल, राम आसरे और ओंकार—को अगवा कर लिया और जान से मारने की धमकी देकर एक फर्जी बैनामा जबरन सुरेश द्विवेदी के नाम करवा लिया। वर्ष 2003 में भले ही यह बैनामा अदालत के आदेश से रद्द हो गया हो, लेकिन इसके बाद भी जालसाजी का सिलसिला थमा नहीं। आरोप है कि षड्यंत्रकारी लगातार नए नामों से फर्जी सौदों का खेल रचते रहे।
जमीन का दोबारा फर्जी हस्तांतरण हरिश्चंद्र नामक व्यक्ति के नाम कर दिया गया। समय के साथ यह जमीन कई लोगों के नाम बेची जाती रही, और अंततः वर्ष 2022 में इमरान अहमद ने मोहम्मद सलमान, समीर और नसीम को यह ज़मीन बेच दी। जब 5 मार्च 2025 को मनोज भारतीया ने जमीन के इस अवैध सौदे पर आपत्ति दर्ज कराई, तो आरोपियों ने उनकी पिटाई कर डाली और ₹5 करोड़ की रंगदारी की मांग रखी। साथ ही धमकी दी कि जब तक रकम अदा नहीं की जाती, वे जमीन पर कोई भी गतिविधि नहीं कर पाएंगे।
जिलाधिकारी ने कराई जांच
मामले की गंभीरता को देखते हुए जिलाधिकारी प्रयागराज ने राजस्व विभाग को मामले की विस्तृत जांच का आदेश दिया। जांच रिपोर्ट में आरोपों की पुष्टि होते ही पूरामुफ्ती थाने में इमरान अहमद, हरिश्चंद्र, बीएल भारतीया, मोहम्मद सलमान, समीर, नसीम, मोहम्मद रहमान और राना सिंह के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के साथ-साथ अनुसूचित जाति/जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया। अब पुलिस इस पूरे नेटवर्क की गहराई से छानबीन कर रही है और यह पता लगाने में जुटी है कि अतीक अहमद के आपराधिक साम्राज्य की जड़ें जिले में और किन-किन स्थानों तक फैली हुई हैं। UP News







