एसआईआर प्रक्रिया पर सपा का फोकस तेज, जानबूझकर नाम काटे जाने का आरोप

समाजवादी पार्टी (सपा) ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कई जगहों पर अनियमितता की शिकायतें सामने आ रही हैं। सपा का आरोप है कि एसआईआर में जानबूझकर कुछ विशेष लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं और प्रक्रिया को निष्पक्ष तरीके से नहीं चलाया जा रहा।

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अखिलेश यादव
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar01 Dec 2025 09:32 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश में इन दिनों एसआईआर प्रक्रिया तेजी से चल रही है। प्रदेशभर के नागरिक अपने-अपने फार्म भरकर जमा कर रहे हैं, लेकिन इसी बीच समाजवादी पार्टी (सपा) ने पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा है कि कई जगहों पर अनियमितता की शिकायतें सामने आ रही हैं। सपा का आरोप है कि एसआईआर में जानबूझकर कुछ विशेष लोगों के नाम हटाए जा रहे हैं और प्रक्रिया को निष्पक्ष तरीके से नहीं चलाया जा रहा।

सपा ने की जिला-स्तरीय मॉनिटरिंग की व्यवस्था

अनियमितता के आरोपों के बीच समाजवादी पार्टी ने घोषणा की है कि उसने उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में एसआईआर प्रक्रिया की निगरानी के लिए पदाधिकारी नियुक्त कर दिए हैं। ये पदाधिकारी जिले और विधानसभा स्तर पर पूरी प्रक्रिया पर नजर रखेंगे और अपनी निगरानी रिपोर्ट नियमित रूप से पार्टी नेतृत्व को भेजेंगे।

विधानसभा स्तर पर भ्रमण और समीक्षा अनिवार्य

सपा द्वारा जारी पत्र में पदाधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे अपने आवंटित जिलों की प्रत्येक विधानसभा का तुरंत दौरा करें।

 विधानसभा-स्तर पर बीएलओ की सूची की जांच करें। बूथ प्रभारियों से मिलकर एसआईआर फॉर्म वितरण व जमा प्रक्रिया का मूल्यांकन करें। यह पता करें कि अब तक कितने प्रपत्र वितरित हुए, कितने जमा हुए, कितने आॅनलाइन अपलोड किए गए। सपा ने कहा है कि पदाधिकारी इन सभी बिंदुओं की सघन समीक्षा करें और अपनी विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द पार्टी कार्यालय को भेजें।

सपा का दावा : लोगों को जानबूझकर वंचित किया जा रहा

पार्टी ने आरोप लगाया कि कई क्षेत्रों में जानबूझकर ऐसे व्यक्तियों के नाम एसआईआर सूची से हटाए जा रहे हैं जो पात्र हैं। कई लोगों से पूछताछ में बहुत से जेनविन लोगों के भी नाम सूची से गायब कर दिए गए हैं। सपा का कहना है कि यह प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास है और पार्टी इसका जोरदार विरोध करेगी। पार्टी ने यह भी कहा कि यदि अनियमितताएँ जारी रहीं, तो वह इसे सार्वजनिक रूप से उठाने के साथ-साथ आवश्यक राजनीतिक कदम भी उठाएगी।

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उत्तर प्रदेश की धरती पर सफल हुआ शक्ति प्रदर्शन

रैली में भारी भीड़ जुटाकर चन्द्रशेखर आजाद रावण शक्ति प्रदर्शन करने के काम में सफल साबित हुए हैं। विश्लेषकों का स्पष्ट मत है कि निकट भविष्य में आजाद समाज पार्टी (आसपा) पश्चिमी उत्तर प्रदेा में बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित हो सकती है।

उत्तर प्रदेश की धरती से चन्द्रशेखर आजाद की शक्ति प्रदर्शन वाली हुंकार (1)
उत्तर प्रदेश की धरती से चन्द्रशेखर आजाद की शक्ति प्रदर्शन वाली हुंकार
locationभारत
userआरपी रघुवंशी
calendar27 Nov 2025 05:09 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की धरती पर बुधवार को राजनीतिक शक्ति प्रदर्शन पूरी तरह से सफल रहा। पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर शहर में यह शक्ति प्रदर्शन आजाद समाज पार्टी (आसपा) के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद रावण ने किया। चन्द्रशेखर आजाद रावण ने यह शक्ति प्रदर्शन संविधान दिवस के मौके पर संविधान बचाओ रैली का आयोजन करके किया है। आसपा की संविधान बचाओ रैली में बड़ी संख्या में दलित तथा मुस्लिम समाज के लोगों ने भाग लिया।

आसपा की रैली में जुटे दलित तथा अल्पसंख्यक

बुधवार को आसपा की रैली में शक्ति प्रदर्शन सफल नजर आया। इस रैली में पश्चिमी उत्तर प्रदेश में दलित समाज तथा अल्पसंख्यक समाज के लोग बड़ी संख्या में नजर आए। राजनीतिक विश्लेषकों का दावा है कि आसपा के अध्यक्ष चन्द्रशेखर आजाद रावण ने जिस मकसद से रैली का आयोजन किया था वह मकसद अपनी राजनीतिक शक्ति का प्रदर्शन करने का था। रैली में भारी भीड़ जुटाकर चन्द्रशेखर आजाद रावण शक्ति प्रदर्शन करने के काम में सफल साबित हुए हैं। विश्लेषकों का स्पष्ट मत है कि निकट भविष्य में आजाद समाज पार्टी (आसपा) पश्चिमी उत्तर प्रदेा में बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में स्थापित हो सकती है।

मुख्यमंत्री के सेंटरों पर लटका देंगे ताला

आजाद समाज पार्टी (आसपा) की रैली को संबोधित करते समय चन्द्रशेखर आजाद रावण उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा भाजपा के विरूद्ध हमलावर नजर आए। उन्होंने कहा कि CM योगी डिटेंशन सेंटर के द्वारा हमें डराना चाहते हैं, हमारी सरकार आएगी तो हम मुख्यमंत्री के डिटेंशन सेंटरों पर ताला लटका देंगे। चन्द्रशेखर आजाद रावण ने एसआईआर... को वोट चोरी का बड़ा हथियार बताया। उन्होंने कहा कि हमारे कार्यकर्ता SIR के द्वारा वोट चोरी नहीं होने देंगे। अपने कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा कि BLO की एक-एक हरकत पर नजर रखें तथा एक भी वोट कटने ना दें।

पदयात्रा करके करेंगे जनता को जागरूक

रैली में बोलते हुए चन्द्रशेखर आजाद रावण ने कहा कि जनवरी में पदयात्रा के जरिए दलितों एवं पिछड़ों को निजी क्षेत्र में आरक्षण दिलाने और बैलेट से चुनाव कराने के लिए आंदोलन होगा। भाजपा सरकार में जो बोलता है, उसके घर पर बुलडोजर चल जाता है। कटाक्ष करते हुए कहा कि जो इनका विरोध करता है वह राष्ट्रविरोधी हो जाता है और जो पार्टी ज्वाइन कर लेता है वही राष्ट्रवादी हो जाता है। उन्होंने कहा कि इस सरकार में किसान बेहाल है। एक क्विंटल गन्ना उत्पादन पर 350 रुपये से अधिक की लागत आती है लेकिन भाव 400 रुपये ही मिल रहा है। यदि 2027 में उनकी पार्टी सत्ता में आई तो गन्ना मूल्य 500 रुपये प्रति क्विंटल देंगे। भुगतान की व्यवस्था 14 दिन के बदले नौ दिन में कराई जाएगी। हाईकोर्ट की अतिरिक्त बैंच स्थापित कराएंगे। मौजूदा सरकार ने एससी-एसटी और ओबीसी के 20 हजार पद समाप्त कर दिए हैं। ठेकेदारी खत्म कर युवाओं को पक्की नौकरी दिलाई जाएगी। इस दौरान पूर्व विधायक शाहनवाज राना रैली के मंच पर पहुंचे और उन्होंने चन्द्रशेखर आजाद रावण द्वारा आसपा की सदस्यता ली। रैली में आसपा के राष्ट्रीय महासचिव रविंद्र भाटी ने कहा कि न बटेंगे और न कटेंगे। सभी लोग एक रहेंगे और मजबूत रहेंगे। तानाशाह सरकार को उखाडक़र फेंकना होगा। वह तोडऩे की बात करेंगे तो आसपा जोडऩे की बात करेगी। UP News

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उत्तर प्रदेश का घोसी विस उपचुनाव सपा-भाजपा के लिए नाक की लड़ाई बना

2022 में सपा के दारा सिंह चौहान ने चुनाव जीतने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया। इससे सीट खाली हुई और उपचुनाव हुआ। 2023 में सपा के सुधाकर सिंह ने चुनाव जीतकर सीट को सपा के खाते में रखा। अब उनके निधन के बाद फिर से उपचुनाव हो रहा है।

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सीएम योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव
locationभारत
userयोगेन्द्र नाथ झा
calendar27 Nov 2025 05:15 PM
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UP News : मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट में उपचुनाव का ऐलान हो गया है। इसका मुख्य कारण है सपा विधायक सुधाकर सिंह का निधन, जिनकी उम्र 67 साल थी। सुधाकर सिंह 2023 के उपचुनाव में जीत हासिल कर विधायक बने थे। दिलचस्प बात यह है कि घोसी सीट पिछले पांच साल में दो बार उपचुनाव का गवाह बन चुकी है। 2022 में सपा के दारा सिंह चौहान ने चुनाव जीतने के बाद बीजेपी का दामन थाम लिया। इससे सीट खाली हुई और उपचुनाव हुआ। 2023 में सपा के सुधाकर सिंह ने चुनाव जीतकर सीट को सपा के खाते में रखा। अब उनके निधन के बाद फिर से उपचुनाव हो रहा है। इस तरह, पांच साल के भीतर घोसी में दो-दो बार उपचुनाव होने की अनोखी स्थिति बन गई है।

राजनीतिक महत्व

यह उपचुनाव यूपी विधानसभा चुनाव 2027 से पहले राजनीतिक तापमान नापने का एक अहम परीक्षण है। घोसी के नतीजे संकेत देंगे कि प्रदेश में सत्ता पक्ष और विपक्ष किस स्थिति में हैं। बीजेपी और सपा दोनों इसे जीतने के लिए पूरी रणनीति के साथ उतरेंगे। विशेष रूप से यह सीट यह भी बताएगी कि सहानुभूति लहर कितना असर डाल सकती है और स्थानीय वोटर ब्लॉकों की ताकत किस हद तक निर्णायक होगी।

समाजवादी पार्टी (सपा) की रणनीति

सुधाकर सिंह के निधन के बाद सपा का फोकस परिवार के किसी सदस्य को उम्मीदवार बनाना माना जा रहा है। संभावित उम्मीदवार सुजीत सिंह (सुधाकर सिंह का छोटा बेटा), जो पहले दो बार ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं। सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने परिवार से मिलने जाकर संवेदना जताई, जिससे यह संकेत मिलता है कि सपा परिवार को प्राथमिकता दे सकती है। सपा के लिए यह सीट महत्वपूर्ण है, क्योंकि पिछली बार यहां से जीत हासिल कर पार्टी ने उपचुनाव में ताकत दिखाई थी।

बीजेपी की दिक्कतें और संभावित उम्मीदवार

बीजेपी के लिए घोसी सीट चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है। 2023 में दारा सिंह चौहान को हार मिली थी, और अब वह एमएलसी बन चुके हैं, इसलिए उनकी उम्मीदवारी लगभग असंभव है। चर्चा में है कि बीजेपी पूर्व विधायक विजय राजभर को मैदान में उतार सकती है।

घोसी में राजभर वोटर ब्लॉक अहम है, और विजय राजभर के चुनावी अनुभव को बीजेपी फायदेमंद मान रही है। बीजेपी इस सीट को जीतकर सपा पक्ष के प्रभाव को चुनौती देना चाहती है और आगामी विधानसभा चुनावों की राह आसान बनाना चाहती है। दोनों दलों की पूरी ताकत इस छोटे लेकिन अहम विधानसभा क्षेत्र में झोंकी जाएगी। घोसी सीट पर नतीजे यह भी बताएंगे कि मऊ जिले में स्थानीय वोटर किस दल के साथ ज्यादा जुड़े हैं, और यह संकेत मिलेगा कि 2027 के लिए राजनीतिक समीकरण किस दिशा में बदल रहे हैं।