सेबी के पास है निवेशकों के पुनर्भुगतान का पैसा: सहारा
लखनऊ (ब्यूरो)। सहारा इंडिया परिवार (Sahara India family ) ने पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) के समक्ष कहा कि सेबी के पास जो रूपये 24,000 करोड़ से अधिक की धनराशि जमा है, वह सहारा गु्रप कंपनीज़ के निवेशकों के पुनर्भुगतान के लिए है। किंतु निवेशकों को सेबी (SEBI )से भुगतान नहीं मिला है और यह धनराशि सेबी के पास व्यर्थ पड़ी है।
सहारा इंडिया परिवार (Sahara India family ) की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि विगत् 09 वर्षों में सेबी ने निवेशकों को केवल रूपये 128 करोड़ (Rs 128 crore )का ही पुनर्भुगतान किया है। सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित आदेश में समूह की अन्य कंपनियों के निवेशकों की देनदारी चुकाने के प्रति कोई रोक नहीं है। पटना उच्च न्यायालय द्वारा जारी सम्मन के वाद सहारा की ओर से न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश प्रसाद सिंह (Senior Advocate Umesh Prasad Singh) ने एक लिखित उत्तर में यह बात कही।
इसके साथ ही यह तर्क भी दिया गया कि सर्वोच्च न्यायालय या किसी अन्य न्यायालय द्वारा सेबी को सहारा (Sahara) की दो कंपनियों के अलावा अन्य कंपनियों/सोसाइटियों के निवेशकों को पुनर्भुगतान करने से रोकने के लिए कोई बाधा या आदेश पारित नहीं किया गया है। जबकि उन कंपनियों द्वारा किए गए निवेश सर्वोच्च न्यायालय द्वारा फ्रीज़ कर दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि वास्तव में लखनऊ उच्च न्यायालय के समक्ष दायर एक रिट याचिका में सेबी ने स्वयं यह कहा था कि सहारा से प्राप्त धन का उपयोग सहारा क्यू शॉप सहित सभी निवेशकों को पुनर्भुगतान करने के लिए किया जाएगा। किसी भी स्थिति में यदि पुनर्भुगतान नहीं किया जाता है, तो पैसा ब्याज सहित सहारा को वापस कर दिया जाएगा।
सहारा के वकील द्वारा दाखिल की गई दलीलों का सेबी के वकील संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। उच्च न्यायालय ने सेबी को 25 मार्च (25 March) को या उससे पहले लिखित में अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने आगे निर्देश दिया कि माननीय उच्च न्यायालय द्वारा उठाए गए सभी सवालों के जवाब देने के लिए मुंबई (Mumbai ) में सेबी के हेड ऑफि़स का एक जि़म्मेदार अधिकारी 28 मार्र्च को अदालत में उपस्थित हो।