Himachal Tourism :/ सैय्यद अबू साद : चेतना मंच डेस्क।नेचर को करीब से महसूस करने वाले और पानी और जंगल से प्यार करने वालों के लिए बेहद खास बन जाता है हिमाचल प्रदेश का जीभी गांव। यहां आप न सिर्फ पक्षियों के चहचहाने की आवाज साफ-साफ सुन सकते हैं, बल्कि पानी का निर्मल संगीत भी मन को रम देगा। हिमाचल प्रदेश की प्राकृतिक खूबसूरती से तो सभी वाकिफ हैं। आजकल वहां टूरिस्ट की भीड़ उसकी लोकप्रियता भी बयान कर रही है। यहां कुल्लू, मनाली, कुफ्री, शिमला सहित कई फेमस टूरिस्ट स्पॉट हैं, लेकिन अगर आप यहां न जाकर हिमाचल में की खूबसूरत पहाड़ियों के बीच शहर की भागदौड़ भरी जिंदगी से दूर किसी शांत जगह पर परिवार के साथ अच्छा समय बिताना चाहते हैं, तो आपके लिए कुल्लू की बंजार घाटी में बसा जीभी गांव आदर्श पर्यटन स्थल साबित होगा। बंजार घाटी प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग के समान है। इस घाटी में स्थित जीभी गांव विदेशी और बाहरी राज्यों के पर्यटकों को काफी आकर्षित करता है। जंगल और खेतों के बीच बसे जीभी गांव में आप शांति को अंदर से महसूस कर सकते हैं। यहां आप पक्षियों के चहचहाने की आवाज साफ-साफ सुन सकते हैं।
जीभी गांव का सौंदर्य किसी को भी इस जगह का कायल बना सकता है। पहाड़ी पक्षियों के मधुर गीत, आसमान को छूते देवदार के ऊंचे-ऊंचे वृक्ष, पेड़ों के पत्तों की सांय-सांय करती आवाज, मीठी-मीठी धूप और महकते हुए रंगीन जंगली फूल इस जगह को इतना खूबसूरत बना देते हैं कि जो यहां एक बार आता है, वह इसे कभी नहीं भूल पाता है। प्रकृति प्रेमी ही नहीं, बल्कि पक्षी-प्रेमियों के लिए भी यह जगह काफी खास है। यहां पहाड़ी पक्षियों की करीब 181 प्रजातियां पाई जाती हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार पुराने जमाने में जीभी गांव में ब्रिटिश रूट केवल मिट्टी और पत्थर से बना हुआ था। जीभी गांव की खूबसूरती देखने आपको भी जरूर जाना चाहिए। चेतना मंच के इस लेख में जानें जीभी और यहां की लुभावनी जगहों के बारे में…
प्रकृति के नजदीक ले जाता जालोरी पास Jalori Pass
जलोरी पास, समुद्र तल से 10282 फीट की ऊंचाई पर जीभी से 12 किमी दूर स्थित है जालोरी पास के टॉप पर, महाकाली को समर्पित एक मंदिर है, जहां आप तीर्थन नदी, घाटी और देवदार के जंगल के कुछ मजेदार नजारों को देख सकते हैं। टॉप पर, कुछ छोटे-छोटे ढाबे हैं, जहां आप दोपहर के खाने का मजा ले सकते हैं। जालोरी पास सेरोलसर झील, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, लम्बिर जैसे कुछ सबसे खूबसूरत छोटे ट्रेक के रूप में भी कार्य करता है। यहां जाने के लिए आप सरकारी बस या प्राइवेट टैक्सी ले सकते हैं। देवदार के वृक्षों और चट्टानी पहाड़ियों की सुंदर आकृतियों के कारण लाई गई शांति के कारण जालोरी पास एक दर्शनीय स्थल है, जो वास्तव में देखने योग्य जगहों में से है। यह एक सुंदर जगह है जहां आप प्रकृति की शरण में जा सकते हैं। यहां जाकर आप प्रकृति की खूबसूरती देखते हुए बहती हुई हवा की आवाज महसूस कर सकते हैं। कुछ अद्भुत पौधों के जीवन और वन्यजीवों के साथ आप प्रकृति के वास्तविक पहलुओं के बारे में जानने के लिए एक बार इस खूबसूरत जगह की यात्रा जरूर करें। इस जगह की प्राकृतिक सुंदरता इसे एक सुखद यात्रा के लायक बनाती है। सुकून, शांति और व्यस्त दुनिया से मुक्त होने की भावना यहां की यात्रा करने का सबसे महत्वपूर्ण कारण है।
इतिहास को समेटे रघुपुर किला Raghupur Fort
रघुपुर किला जलोरी पास से 3 किमी दूर समुद्र तल से 10800 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। किला काफी खंडहर हो चुका है, लेकिन आप यहां से कुल्लू और मंडी क्षेत्र का हर एक नजारा देख सकते हैं। रघुपुर किला हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं के शानदार नजारों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के घास के मैदान फोन में लगे वॉल पेपर जैसे लगते हैं। टॉप पर, आप चरवाहों को बकरियों के साथ देख सकते हैं जो इस जगह की सुंदरता को बढ़ाते हैं। टॉप पर पहुंचने के बाद पानी और खाने का किसी भी तरह का स्रोत नहीं है, इसलिए जब भी ऊपर जाएं तो जालोरी पास से खाना और पानी खरीदकर आगे की ओर बढ़ें। वहां जान के लिए आपको 3 किमी का ट्रैक पूरा करना पड़ेगा और जलोरी पास तक यहां जाने के लिए आपको 1 घंटे का समय लगेगा।
कुछ खास है ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क Great Himalayan National Park
जीभी की यात्रा ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क को देखे बिना अधूरी ही मानी जाएगी, क्योंकि यह जीभी में शीर्ष टूरिस्ट स्थानों में से एक है। यह एक ऐसा स्थान है, जो प्राकृतिक वनस्पतियों और जीवों को देखने के लिए एक बेहतर दृश्य प्रदान करता है। यहां फिशिंग का शौक पूरा करने का अवसर भी मिलता है। यह पर्यटकों के बीच काफी प्रसिद्ध स्थानों में से एक है। यदि आप इस स्थान पर जाना चाहते हैं तो आपको विशेष अनुमति लेनी होगी। हिमाचल प्रदेश में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क की यात्रा के लिए सबसे अच्छी जलवायु और सुंदर वनस्पतियां, मार्च, अप्रैल, मई, जून और मध्य सितंबर, अक्टूबर और नवंबर हैं। इस राष्ट्रीय उद्यान में 100 से अधिक पौधों की प्रजातियां हैं, जिनमें औषधीय जड़ी-बूटियां भी हैं। इसमें विभिन्न प्रकार की जड़ी-बूटियां हैं जैसे कि पाइन, चेस्टनट, स्प्राउट्स टू जनीपर और अल्पाइन जड़ी-बूटियां।
वास्तविक खूबसूरती है तीर्थन वैली में
तीर्थन और बंजार की जुड़वां घाटियां हिमाचल प्रदेश में हर यात्री के लिए कुछ न कुछ देखने योग्य प्राकृतिक दृश्य प्रदान करती हैं। आधुनिकीकरण से अपेक्षाकृत अछूती ये घाटियां आज भी कुछ हद तक खुद में एक गुप्त रहस्य समेटे हैं। इन जादुई घाटियों का दर्शन करने के लिए कुछ खास प्रयास करने की आवश्यकता होती है। तीर्थन वैली की खूबसूरती वास्तव में देखने योग्य है जो जीभी गांव से कुछ दूरी पर स्थित होने के अलावा पर्यटकों के लिए एक मुख्य पर्यटन स्थल भी है।
बर्फीली पहाड़ियों के बीच श्रृंग ऋषि मंदिर Shringa Rishi Temple
जीभी से लगभग 9 किमी दूर बग्गी गांव में श्रृंग ऋषि मंदिर स्थित है। ये मंदिर अपनी अद्भुत खूबसूरती के लिए प्रसिद्ध है। ये मंदिर ऋषि श्रृंग को समर्पित है जो कुल्लू घाटी के 18 मुख्य देवताओं में से एक हैं। रामायण के युग में श्रृंग ऋषि एक महान ऋषि थे। इसी वजह से स्थानीय लोगों के बीच इस मंदिर का बहुत बड़ा धार्मिक महत्व है। यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु भगवान श्रृंग का आशीर्वाद लेने आते हैं। इस मंदिर में आप अप्रैल से नवंबर के बीच जा सकते हैं बर्फ की वजह से अन्य महीनों में जाना थोड़ा मुश्किल है।
बेहद खूबसूरत और शांत सेरोलसर झील
3040 मीटर की ऊंचाई पर स्थित सेरोलसर झील, जीभी में घूमने के लिए सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। यह चीड़ के पेड़ों के साथ सुरक्षित घने जंगल के बीच स्थित एक बेहद खूबसूरत झील है। अगर आप जालोरी पास जा रहे हैं, तो इस प्राकृतिक खूबसूरती को बिल्कुल भी न मिस करें। यहां एक बुद्ध नागिन नाम का एक मंदिर है जो स्थानीय लोगों द्वारा सेरोलसर झील से जुड़ा हुआ है। स्थानीय लोगों का मानना है कि झील के पानी में औषधीय गुण हैं। इस झील का पानी बेहद साफ है और साफ होने के पीछे का कारण बेहद दिलचस्प है। यहां एक अभि नाम का पक्षी पाया जाता है, जो झील में गिरने वाली हर चीज जैसे पेड़ के पत्ते, छोटी लकड़ी आदि को उठाकर बाहर फेंक देता है। इस जगह तक पहुंचने के लिए आपको 5 किमी का ट्रैक पूरा करना पड़ेगा, जो जालोरी पास से 2 घंटे दूर है। झील शांत रूप से स्थित है और देखने के लिए एक खूबसूरत दृश्य प्रस्तुत करती है। झील जालोरी दर्रा के पूर्व में है। झील पर आने के लिए ट्रेकिंग मुख्य विकल्प है। भले ही विभिन्न सिल्वर ओक के पेड़ झील को घेर लेते हैं, लेकिन झील के बाहर एक भी गिरे हुए पत्ते को आप नहीं देख सकते हैं।
यहां भी है एक मिनी थाईलैंड
समृद्ध वन क्षेत्र के बीच मौजूद, मिनी थाईलैंड जीभी में एक छिपा हुआ रत्न है। इस जगह का नाम नदी के रास्ते पर एक तालाब के साथ-साथ पत्थर की झोपड़ी की संरचना से मिलता है। पर्यटक इसे मिनी थाईलैंड कहते हैं जबकि स्थानीय लोग इस जगह को कुली कटांडी कहते हैं। तालाब का पानी इतना क्रिस्टल और साफ है कि आप इसमें तैर भी सकते हैं।
जंगल के बीच जीभी वॉटर फॉल Jibhi Waterfall
पानी में भीगने के शौकीनों के लिए जीभी वॉटर फॉल बेहद शानदार व खूबसूरत जगह है। इसकी सबसे खूबसूरत बात ये है कि जीभी वॉटर फॉल को आप तब तक नहीं देख सकते हैं, जब तक आप घने जंगल के अंदर नहीं चले जाते हैं। इसी बहाने आप जंगल की भी सैर कर आते हैं। पानी का कण्ठ संगीत की तरह बहता है और पूरे स्थान को मंत्रमुग्ध कर देता है। छोटे लकड़ी के पुल झरने के पास बनाए गए हैं, जो इस जगह को सुरम्य दृश्य प्रदान करते हैं। छोटे लकड़ी के मचानों को झरने के करीब बनाया गया है, जो इस जगह को बेहद आनंदमयी बना देता है। जीभी के मुख्य बाजार से 1 किमी या 15 मिनट की पैदल दूरी पर स्थित, जीभी वाटरफॉल, घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है। यह मुख्य सड़क से केवल 5 किमी की पैदल दूरी पर मौजूद है, इसलिए वहां आप अपनी कार भी चलाकर ले जा सकते हैं। झरने की ओर जाने वाला रास्ता भी काफी अच्छे से बना हुआ है, जिसमें आपको नदी पार करने के लिए कुछ लकड़ी के पुल दिख जाएंगे। साथ ही झरने के आसपास का क्षेत्र भी काफी साफ सुथरा है। झरने के ठीक नीचे एक पुल भी है, जहां आप नहा सकते हैं।
तो देर किस बात की शांति की तलाश में बैठकर प्रकृति की खूबसूरती का आनंद लेना चाहते हैं तो इस जगह पर जरूर जाएं और झरने के पास बैठकर बहते पानी के संगीत का आनंद उठाएं। एक बार इस खूबसूरत जगह की खूबसूरती का मजा जरूर उठाएं।