Bihar : इस मंदिर के शिवलिंग की ऊंचाई तोड़ेगी सारे रिकार्ड्स...

IMG 20230607 WA0002
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 07:51 PM
bookmark
भारत को हमेशा से ही यहाँ के मंदिरों के कारण एक अलग पहचान मिली है लेकिन Bihar में 20 जून से बनने जा रहा विराट राम मंदिर भारत के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ने जा रहा है। इस मंदिर को बनाने के लिए चुनी गयी जगह भी बहुत विशेष है। पूर्वी चम्पारण के कैथवलिया स्थान में यह मंदिर 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगा। इस जगह को मंदिर निर्माण के लिए चुनने का कारण यह है कि कैथवलिया में ही भगवान राम की बारात जनकपुर से लौटते समय रुकी थी।

Bihar

120 एकड़ के वृहद क्षेत्र में बनने जा रहे इस 270 फीट ऊँचे मंदिर के द्वारा सिर्फ भारत की ही जनता नहीं बल्कि देश विदेश के लोग भी दांतो तले उंगली दबा लेंगें। इतना ही नहीं यहाँ पर निर्मित होने वाले शिवलिंग की ऊंचाई भारत के सभी मंदिरों में मौजूद शिवलिंग की ऊंचाइयों के रिकॉर्ड को तोड़ेगी। 33 फीट ऊँचे इस शिवलिंग का वजन 250 टन होगा। ब्लैक ग्रेनाइट से बनने जा रहे इस शिवलिंग में एक हजार आठ शिवलिंग को स्थापित किया जाएगा जिसके कारण इसे सहस्त्रलिंगम कहा जाएगा।

500 करोड़ की लागत से तैयार होगा भारत का अद्भुत राम मंदिर

बताया जा रहा है कि Bihar में इस मंदिर के सम्पूर्ण निर्माण में लगभग 500 करोड़ का खर्च आएगा। मंदिर के अंदर भारत के चार महान ऋषियों के आश्रम भी बनेगें और वैष्णो एवं शैव सम्प्रदाय के कुल मिलाकर 22 मंदिर यहाँ मौजूद होंगे। इन मंदिर के निर्माण को सनटेक इंफ़्रा सोल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के द्वारा किया जायेगा जो कि वर्ष 2025 तक बन कर तैयार हो जाएगा।

भव्य मंदिर में होंगे हजारों पिलर

मंदिर के निर्माण कार्य को स्पॉन्सर करने वाली कंपनी सनटेक इंफ़्रा के श्रवण कुमार भास्कर मजूमदार और नीरज चौधरी ने जानकारी दी है कि विराट राम मंदिर में 3102 पिलर्स बनाये जायेंगे जिनमें लगभग 1050 टन स्टील और 15 क्यूबिक मीटर कंक्रीट की ख़पत आएगी। विशाल शिवलिंग को स्थापना के लिए यहाँ लाने के लिए सड़क के निर्माण और चौड़ीकरण का कार्य भी बहुत जोरों-शोरों से चल रहा है।

MC Square : गुर्जर समाज के अभिषेक बैंसला कैसे बने पॉपुलर रैपर MC Square?

अगली खबर पढ़ें

एक लाश को मांग रहे 5 लोग, ओडिशा रेल हादसे की दर्दभरी कहानी पीड़ितों की जुबानी

03 4
Odisha Train Accident
locationभारत
userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:31 AM
bookmark

Odisha Train Accident / नई दिल्ली। ओडिशा में हुए दर्दनाक रेल हादसे ने बहुत से परिवारों का सबकुछ छीन लिया है। वहीं कोरोमंडल एक्सप्रेस फिर से पटरी पर दौड़ने लगी है। इस दर्दनाक ट्रेन हादसे में दर्जनों लाश अभी भी ऐसी हैं, जिनकी पहचान नहीं हुई है और वह अपने अंतिम संस्कार का इंतजार कर रही हैं। ऐसे में एक लाश ऐसी भी मिली है, जिसे लेने और अंतिम संस्कार करने के लिए पांच अलग अलग लोग दावेदारी कर रहे हैं। आखिर ये लाश किसकी है और इसे पाने के लिए पांच लोगों द्वारा इस लाश की मांग क्यों की जा रही है। आइए जानते हैं...

Odisha Train Accident

आपको बता दें कि ओडिशा रेल हादसे में 288 लोगों की मौत हुई है। हादसे में एक हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। 205 मृतकों की पहचान हो चुकी है, जबकि शेष की तलाश होना बाकी है।

मोहम्मद इनाम उल हक ने बताया कि मेरे भतीजों और मेरे भाई की ट्रेन हादसे में मौत हो गई थी, इसलिए हम उनके शव लेने आए हैं। हम पिछले चार दिनों से यहां घूम रहे हैं। मेरे भाई और दो भतीजे (तौसीफ आलम और तौसीर आलम) इस ट्रेन में यात्रा कर रहे थे, जिनकी मौत हो गई। हमें आज AIIMS में एक भतीजे की बॉडी तो मिल गई है, अब मैं अपने भाई और दूसरे भतीजे की तलाश कर रहा हूं।

4 दिन से तलाश रहा भाई और भतीजे को

इनाम ने कहा कि मैंने उनकी तलाश में वह सब कुछ किया है जो मैं कर सकता था, मैं उन सभी अस्पतालों में गया, जहां अधिकारियों ने मुझे जाकर जांच करने के लिए कहा. मैंने उन्हें हर जगह ढूंढा लेकिन अभी तक कोई नहीं मिला. अब कहा जा रहा है कि DNA सैंपल देना होगा. वे कह रहे हैं कि जिसका भी डीएनए मैच होगा, हम उसी को बॉडी दे देंगे.

एक लाश के 5 दावेदार

मोहम्मद इनाम उल हक ने कहा कि मेरा एक भतीजा है जिसकी हमने पहचान तो कर ली है, लेकिन पांच और दावेदार हैं जो कह रहे हैं कि यह उनका रिश्तेदार है। इसलिए उसकी बॉडी का डीएनए टेस्ट कराया जाएगा। यहां जिम्मेदार लोग कह रहे हैं कि जिससे उसका डीएनए टेस्ट होगा उसी को बॉडी मिलेगी।

बॉडी लेने के लिए DNA टेस्ट ही ऑप्शन'

न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, जब मोहम्मद इनाम उल हक से पूछा गया कि DNA टेस्ट कैसे होगा, इस पर उन्होंने कहा कि मैं दूसरे भतीजे के डीएनए सैंपल के साथ एक डीएनए परीक्षण करवा रहा हूं। वे इस बच्चे के डीएनए के साथ मेरे भतीजे की लाश के डीएनए का मिलान करेंगे। उन्होंने कहा कि हमारे पास यह पता लगाने के लिए डीएनए परीक्षण करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है कि यह किसकी बॉडी है। पूरी प्रक्रिया में लंबा समय लगता है।

'हादसे में बेटे और 2 पोतों को खोया'

ट्रेन हादसे में मारे गए 12 वर्षीय बच्चे के दादा निज़ामुद्दीन ने कहा कि वह मेरा पोता है। उसकी बॉडी तो मिल गई है, लेकिन इसके पिता और इसके बड़े भाई का अभी तक कुछ भी पता नहीं चल सका है। खूब कोशिश की, यहां वहां भटका लेकिन मेरा बेटा और एक पोता अभी भी नहीं मिल सके हैं। सिर्फ एक पोते की बॉडी मिली है तो मजबूरी में इसे ही अपने साथ लेकर जा रहा हूं।

कब और कैसे हुआ था ओडिशा रेल हादसा ?

ट्रेन नंबर 12481 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन के (शालीमार-मद्रास) मेन लाइन से गुजर रही थी, उसी वक्त डिरेल होकर वो अप लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई। ट्रेन पूरी रफ्तार (फुल स्पीड) में थी, इसका परिणाम यह हुआ कि 21 कोच पटरी से उतर गए और 3 कोच डाउन लाइन पर चले गए। दरअसल, बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है।

ऐसे में दोनों ही ट्रेनों की रफ्तार तेज थी। बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतरी तो ट्रेन के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े। इसी दौरान हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए। हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ।

25 साल पहले घर वालों ने निकाला, फिर इधर-उधर बिताया जीवन, पढ़िए शशि की तकलीफों भरी कहानी

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।
अगली खबर पढ़ें

हाय री किस्मत: पत्नी के साथ-साथ पूरा परिवार सरकारी नौकरी में, खुद की जॉब लगते ही हुई अनहोनी

17 5
Rajsthan News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar27 Nov 2025 05:32 AM
bookmark

Rajsthan News /बीकानेर। राजस्थान के बीकानेर शहर में सड़क हादसे में एक कम्प्यूटर टीचर की मौत हो गई। पहली बार कार छोड़कर दोस्त की बाइक ली ताकि जल्दी घर पहुंच सके और सवेरे जल्दी काम पर आ सके। लेकिन सामने से आ रहे ट्रक ने बाइक सवार को रौंद दिया और मौके पर ही उसकी जान चली गई। हादसा बीकानेर जिले के श्रीडूंगरगढ़ क्षेत्र का है। परिवार में खुशी का माहौल था क्योंकि अभी डेढ़ महीने पहले ही वह सरकारी शिक्षक बना था। इस घटना के बाद घर में कोहराम मचा हुआ है।

Rajsthan News

दरअसल, श्रीडूंगरगढ़ के बाना गांव में यह हादसा हुआ। नजदीक ही बिग्गा गांव में रहने वाला कमलेश कुमार मेघवाल अभी डेढ़ महीने पहले ही सरकारी कम्प्यूटर टीचर बना था और उसने पद ज्वाइन किया था। कुछ समय पहले ही उसकी शादी हुई थी और उसकी पत्नी भी सरकारी टीचर बनी थी। परिवार में पिता हैं जो पोस्ट ऑफिस से रिटायर हो गए हैं। उसके बाद बेटी और दामाद भी सरकारी शिक्षक हैं।

वह खुद और उसकी पत्नी भी सरकारी शिक्षक हो गए। भाई और भाभी भी सरकारी शिक्षक हैं। इन सभी को देखकर कमलेश ने भी जमकर मेहनत की और करीब डेढ़ महीने पहले ही वह भी सरकारी शिक्षक बन ही गया। डेढ महीने पहले ही घर से कुछ किलोमीटर दूरी पर ताल मैदान क्षेत्र में उसने राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में कम्प्यूटर टीचर का पद जवाइन किया था।

राहत शिविर से लौट रहा था कमलेश कुमार

इन दिनों उसकी ड्यूटी गांव के नजदीक ही इंदपालसर गांव में महंगाई राहत शिविर में चल रही थी। वह हमेशा कार से ही स्कूल और राहत शिविर आता जाता था। कल रात भी वह राहत शिविर से लौट रहा था। बीच में कोई काम होने के कारण उसने अपने दोस्त से बाइक ली और उसका हैलमेट पहनकर घर की ओर रवाना हो गया। लेकिन इस बीच उसे एक ट्रक ने कुचल दिया। मौके पर ही मौत हो गई।

नोएडा कमिश्नरी की पुलिस ने चलाया बच्चों के जीवन को संवारने का अभियान, 25 बच्चे मिले Noida News

देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देश-दुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुकपर लाइक करें या ट्विटरपर फॉलो करें।