Greater Noida : उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच बह रही यमुना नदी पर यूपी की जमीन विवाद में अब एक नया मोड़ आ गया है। भूमि विवाद से जुड़ी असली खतौनी गायब हो गई थी, जो अब अचानक से प्रकट हो गई है। इस मामले में अहम भूमिका निभाने वाले लेखपाल ने प्रशासनिक कार्रवाई और नौकरी जाने के डर से असली खतौनी को प्रशासन को सौंप दिया है। असली खतौनी मिलने के बाद अब यूपी हरियाणा की भूमि को लेकर अब जल्द ही सर्वे काम शुरू हो सकेगा और दोनों राज्यों के बीच उत्पन्न जमीन विवाद को समाप्त कराया जाएगा।
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आपको बता दें कि हरियाणा और यूपी के किसानों के बीच जमीन को लेकर विवाद रहता है। गौतमबुद्धनगर जनपद में 32 गांवों में हरियाणा के किसानों की जमीन को लेकर विवाद है। इस समय जिले के फ्लैदा और हरियाणा के सोलड़ा गांव के किसानों के बीच काफी विवाद चल रहा है। वर्ष 1974 की बाढ़ के बाद सोलड़ा गांव की जमीन फ्लैदा गांव में आ गई थी। दीक्षित अवार्ड में इसकी खतौनी तैयार की गई। जो जेवर तहसील के राजस्व रिकॉर्ड में सुरक्षित है, लेकिन हरियाणा के किसानों ने 1100 एकड़ की खतौनी होने का दावा किया है। उसके आधार पर जमीन बेचना शुरू कर दिया। जिले के किसानों की शिकायत पर प्रशासन ने जांच शुरू की तो पता चला कि जेवर तहसील से असली खतौनी गायब है। तत्कालीन सर्वे लेखपाल दीपक कुमार ने तबादला होने के बाद दस्तावेजों को जमा नहीं कराया था। प्रशासन ने चेतावनी देने के बाद लेखपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने की कार्रवाई शुरू की, लेकिन इसकी भनक तत्कालीन लेखपाल को लग गई। पिछले सप्ताह लेखपाल सर्वे कार्यालय पहुंचा और असली खतौनी समेत अन्य दस्तावेज प्रशासनिक अधिकारियों को सौंप दिए हैं।
गौतमबुद्धनगर के सहायक अभिलेख अधिकारी भैरपाल सिंह ने बताया कि असली खतौनी ना मिलने के बाद तत्कालीन सर्वे लेखपाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई की जा रही थी, लेकिन इससे पहले ही लेखपाल ने तीन एकड़ जमीन से जुड़े मूल दस्तावेज सौंप दिए हैं। हरियाणा सीमा से सटे 32 गांवों में जल्द सर्वे शुरू होगा। सर्वे के माध्यम से जमीन के विवाद को समाप्त कराया जाएगा।
सर्वे के आधार पर होगा भूमि का फैसला
प्रशासनिकअ अधिकारी बताते हैं कि, प्रशासन के पास हरियाणा से आई तीन एकड़ जमीन का रिकॉर्ड उपलब्ध है, जबकि हरियाणा के सोलड़ा व पैहरूका गांव के किसानों ने 1100 एकड़ जमीन और उसके दस्तावेज होने के दावे किए हैं। तीन एकड़ की खतौनी में दीक्षित अवार्ड का जिक्र है, जबकि हरियाणा के किसानों की खतौनी में दीक्षित अवार्ड का जिक्र नहीं है। अब जल्द ही फ्लैदा गांव का सर्वे किया जाएगा। हर गाटा संख्या पर विपक्षी पार्टी से आपत्ति मांगी जाएगी। अगर हरियाणा या यूपी का किसान गाटा संख्या को अपना बताता है तो उनको जमीन से जुड़े साक्ष्य उपलब्ध कराने होंगे।
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