Greater Noida : उत्तर प्रदेश का आधुनिक शहर ग्रेटर नोएडा। देश की राजधानी दिल्ली के बिल्कुल बगल में बसा ग्रेटर नोएडा का एक गांव ऐसा भी है, जहां पर कई गांवों की बेटियों के सपनों को उड़ान मिल रही है। गांव की इन बेटियों के सपनों को उड़ान भरवाने वाली भी एक बेटी ही है। यह बेटी अंतर्राष्ट्रीय पहलवान है, जो गांव की बेटियों के सपनों को पूरा कराने में उनकी दिल खोलकर न केवल मदद कर रही है, बल्कि स्पेशल ट्रेनिंग भी दे रही है। इस महिला पहलवान की बूते ग्रेटर नोएडा और आसपास के गांवों की 400 लड़कियां अपना भविष्य संवार रही है।
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ग्रेटर नोएडा के पास एक बहुत पुराना गांव है सादुल्लापुर। इस गांव की बेटी और अंतर्राष्ट्रीय स्तरीय महिला पहलवान बबीता नागर न केवल अपने बल्कि आसपास और यहां तक कि हरियाणा राज्य की बेटियों का भविष्य बनाने का काम कर रही है। बबीता नागर न केवल गांव की बेटियों में भविष्य के प्रति जोश भर रही है, बल्कि उन्हें एक खास तरह की ट्रेनिंग भी उपलब्ध करा रही है, ताकि गांव की बेटियां हर कदम और रणक्षेत्र में डंटकर खड़ी हो सकें।
देश और देश की राजधानी की सुरक्षा
दरअसल, गांव सादुल्लापुर निवासी अंतर्राष्ट्रीय महिला पहलवान बबीता नागर गांव की लड़कियों के लिए ग्रामीण स्पोर्ट्स एजुकेशनल सोसायटी का संचालन करती हैं। इस सोसायटी के तहत बबीता नागर द्वारा गांव में एक ट्रेनिंग सेंटर का संचालन भी किया जाता है। इस ट्रेनिंग सेंटर में गांव की लड़कियों को पुलिस और सेना के लिए तैयार किया जाता है। बबीता नागर ने सादुल्लापुर की ही रहने वाली रेनू और उसकी बहन समेत करीब 400 लड़कियों के सपने को सच करने में अपना योगदान दिया है।
रेनू के परिजनों ने कभी सोचा नहीं था कि उनकी बेटियां देश की राजधानी दिल्ली की सुरक्षा व्यवस्था को संभालेंगी। घर की भी स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह चारों लड़कियों को कहीं बाहर भेज कर तैयारी करा सके, लेकिन उनकी बेटियों के भविष्य को उड़ान देने में अहम किरदार गांव की बेटी व अंतरराष्ट्रीय पहलवान बबीता नागर ने निभाया। रेनू व उसकी दो बहनें दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं, जबकि एक बहन आरपीएफ में देश की रक्षा कर रही है।
सुबह 5 बजे पसीना बहाती हैं बेटियां
अंतर्राष्ट्रीय महिला पहवान बबीता नागर द्वारा संचालित ग्रामीण स्पोर्ट्स एजुकेशन सोसायटी में न केवल ग्रेटर नोएडा के गांव बल्कि दूरस्थ शामली और हरियाणा के कई गांव की लड़कियां सुबह पांच बजते ही पसीना बहाने के लिए पहुंच जाती हैं। यहां पहुंचने वाली इन लड़कियों को खेल और नौकरी दोनों तरह से तैयारी कराई जाती है। यहां पहुंचने वाली हर लड़की से बबीता नागर कहती है कि बदलाव प्रकृति का नियम है। खुद पर विश्वास ही सबसे बड़ी ताकत है। वह हर उस लड़की की मदद करती हैं, जो अपने सपनों को लेकर उनके पास आती है।
बबीता का पहला लक्ष्य
बबीता द्वारा चलाए जाने वाले संस्थान में करीब 100 से लड़कियां भविष्य की विजेता बनने की तैयारी में जुटी हुईं है। उनको शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत बनाना ही बबीता का पहला लक्ष्य है।बबीता ने बताया कि उन्होंने संस्थान ही इसलिए ही खोला है ताकि उनकी तरह किसी ओर लड़की को एक घंटे की ट्रेनिंग के लिए ट्रेन का सफर करके दिल्ली नहीं जाना पड़े। उन्होंने बताया कि उनके घर के पास ही मारीपत स्टेशन है। वह प्रतिदिन एक घंटे की ट्रेनिंग लेने के लिए करीब छह से सात घंटे का सफर तय करती थीं। उस दौरान उन्हें कई लोगों के ताने भी सुनने पड़ते थे, लेकिन तानों को ही उन्होंने शक्ति के रुप में बदल कर दिल्ली पुलिस में नौकरी का सफर तय किया।
फ्री में दिया जा रहा प्रशिक्षण
बबीता नागर ने वर्ष 2001 में दिल्ली पुलिस में भर्ती होने के बाद ही ठान लिया था कि वह उन गरीब परिवारों की लड़कियों को फ्री में ट्रेनिंग देगी जो आत्मनिर्भर बनना चाहती हैं। जिसके बाद वह वर्ष 2015 से वह घर पर ही प्रशिक्षण संस्थान चला रही है। उन्होंने परिवार से स्पष्ट कह दिया कि वह लड़कों की तरह जीना चाहती हैं, अपने सपनों को सच करना चाहती हैं। बचपन में लड़कों को कुश्ती करते देखा जिसके बाद उनका बालमन कुश्ती की तरह आकर्षित हो गया। वह कुश्ती करने लगीं और स्पोर्ट्स कोटा के तहत ही उन्हें दिल्ली पुलिस में नौकरी मिली।
Greater Noida – बबीता नागर को मिले पदक
1999 में कुश्ती में प्रतिस्पर्धा शुरू करने के बाद से बबीता ने खुद एक कई पदक जीते हैं। उन्होंने इस साल कुश्ती में और आखिरी बार 68 किलोग्राम वर्ग में विश्व पुलिस और फायर गेम्स में स्वर्ण पदक जीता। उन्होंने 2013 से 2018 तक लगातार अखिल भारतीय पुलिस खेलों में भी पदक जीते हैं।
इन वर्षों में, उन्होंने महिला सीनियर और जूनियर राष्ट्रीय कुश्ती चैंपियनशिप में रजत और कांस्य पदक जीते हैं। वर्ष 2005 में कामनवेल्थ गेम्स में देश का प्रतिनिधित्व किया और रतज पदक जीता। दमदार प्रयास के कारण उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने उन्हें यूथ आइकन अवार्ड से सम्मानित कर चुके है। साथ ही वह दिल्ली पुलिस की सीपी गोल्ड मेडल भी जीत चुकी हैं। पिछले साल नीदरलैंड में आयोजित विश्व पुलिस और फायर गेम्स में स्वर्ण पदक जीतने के बाद उन्हें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सम्मानित किया था। Greater Noida
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