Greater Noida News : यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर सोमवार को संयुक्त किसान मोर्चा की पंचायत हुई। जिसके बाद ही संबंधित अधिकारियों ने किसानों की मांगों पर विचार करने के लिए आपस में बैठक की। तीनों प्राधिकरण, पुलिस व जिला प्रशासन की बैठक में किसानों की मांगों पर विचार होगा। इसके बाद इसकी संभावना है कि किसानों की मांग को लेकर सात जनवरी को अहम फैसला हो सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे के जीरो प्वाइंट पर सोमवार को हुई संयुक्त किसान मोर्चा की पंचायत में अधिकारियों ने इस बात की घोषणा की है। पंचायत में गौतमबुद्ध नगर के आलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कई जिलों से किसान पहुंचे थे। इस दौरान भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि धरना-प्रदर्शन करने कलों पर लाठी-डंडे बरसाने का समय चला गया है। केवल जेल जाने का डर बचा है। किसान जेल जाने से डरें नहीं। टिकैत ने किसानों को हिदायत दी कि अधिकारियों के झांसे में न आकर उनसे लिखित में आश्वासन लें। क्योंकि अधिकारी ट्रांसफर होकर चले जाएंगे किसान अपने हक के लिए भटकता रहेगा। उन्होंने जेल में बंद किसान नेताओं को मंगलकर तक रिहाई करने की मांग भी की।
अधिकारियों से लिखित आश्वासन जरूर लें
दस प्रतिशत आबादी भूखंड, भूमि अधिग्रहण कानून के सभी लाभ देने के लिए 25 नवंबर से शुरू हुए धरना-प्रदर्शन में अधिकारियों ने सिर्फ झूठा आश्वासन देने व बलपूर्वक किसानों की आवाज दबाने का काम किया है। किसानों ने कहा कि भले ही सरकार किसानों की समस्याओं को हल करना चाहती हो लेकिन प्राधिकरण में बैठे अधिकारी सरकार को गुमराह कर बाधा डालते हैं। अभी तक जेल में बंद किसानों को रिहा तक नहीं किया गया है। इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए राकेश टिकैत ने कहा कि सात जनवरी को होने वाली बैठक में अधिकारियों से लिखित आश्वासन जरूर लें। इस लड़ाई को वह किसान सफल बनाएंगे जो खेत में पसीना बहाते हैं। महंगे कपड़े व गाड़ियों में चलने वाले किसानों से लड़ाई सफल होने वाली नहीं है।
किसान जहां बैठेगा सरकार वहीं आएगी
राकेश टिकैत ने कहा कि दलित प्रेरणा स्थल पर किसानों का प्रदर्शन करना गलत था। वहां हिंसक आंदोलन होने पर सरकार उसे दबा देती है। अगर किसान दलित प्रेरणा स्थल पर बैठे रहते तो किसान व दलितों को भिड़ा दिया जाता। अब किसान को सरकार के पास जाने की जरूरत नहीं है। किसान जहां बैठेगा सरकार वहीं आएगी। हम खेतों में महनत करने वाले किसान अपने हक के लिए आवाज उठाते रहेंगे। हमारी मांगें जायज हैं सरकार को उन्हें मान लेना चाहिए।
तीनों प्राधिकरण में भी मुआवजा दरों में जल्द बढ़ोतरी होगी
यमुना प्राधिकरण के ओएसडी शैलेंद्र सिंह, एडीएम वित्त अतुल कुमार व अन्य अधिकारी पंचायत स्थल पर पहुंचे और राकेश टिकैत व संयुक्त किसान मोर्चा में शामिल किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की। उन्होंने कहा कि सात जनवरी तक हम किसानों की मांगों पर अहम फैसला ले लेंगे। ओएसडी शैलेंद्र सिंह ने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंभीर हैं। अधिकारियों को किसानों के मामलों को तेजी से निस्तारित करने के निर्देश दिए हैं। ओएसडी ने कहा कि सात जनवरी को तीनों प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी, पुलिस कमिश्नर व जिलाधिकारी बैठक कर किसानों की मांगों पर विचार करेंगे। एक दिसंबर को हुई बैठक के बाद कई निर्णय लिए गए हैं। जल्द ही सर्किल रेट बढ़ेंगे। नोएडा एयरपोर्ट से प्रभावित किसानों का मुआवजा बढ़ाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि तीनों प्राधिकरण में भी मुआवजा दरों में जल्द बढ़ोतरी होगी। जानकारी दी कि शिफ्टिंग प्रकरण के निस्तारण के लिए यीडा सीईओ की अध्यक्षता में समिति गठित हो चुकी है। एक माह में सभी प्रकरण का निस्तारण हो जाएगा।
95 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने की अध्यक्षता
किसानों की इस पंचायत में महिलाओं को बोलबाला रहा। बड़ी संख्या में महिलाएं पंचायत में पहुंची। मंच पर भी बुजुर्ग महिलाओं को बैठाया गया। सबसे अहम यह रहा कि 95 वर्षीय मोहरो देवी ने पंचायत की अध्यक्षता की। किसानों ने अपनी समझ और दरियादिली दिखाते हुए महिलाओं की सम्मान को सबसे ऊपर रखा और पूरे पंचायत की अध्यक्षता का जिम्मा ही एक बुजुर्ग महिला को सौंप दिया। Greater Noida News
कुछ किसान संगठन नहीं हुए शामिल
संयुक्त किसान मोर्चा में दस संगठनों ने मिलकर धरने प्रदर्शन की शुरुआत की थी, लेकिन सोमवार की पंचायत में भारतीय किसान परिषद, किसान एकता संघ, अखिल भारतीय किसान सभा ने इसमें शामिल न होकर किनारा कर लिया। इसके बावजूद किसानों की यह पंचायत काफी जोरदार रही और इसमें क्षेत्र के तमाम किसान और उनके घर की महिलाओं ने काफी बढ़-चढ़कर भाग लिया। इसीलिए अधिकारियों को भी उनकी मांगों पर विचार करने के लिए बाध्य होना पड़ा। Greater Noida News
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