Saturday, 4 January 2025

कागजों में सिमटकर रह गई डॉग पालिसी, जानें कब से है लंबित

Greater Noida News : योजनाएं तो बड़े जोर शोर से बनाई जाती हैं लेकिन उनको लागू करने या धरातल पर…

कागजों में सिमटकर रह गई डॉग पालिसी, जानें कब से है लंबित

Greater Noida News : योजनाएं तो बड़े जोर शोर से बनाई जाती हैं लेकिन उनको लागू करने या धरातल पर उतारने में जमीन आसमान का फर्क होता है। ग्रेटर नोएडा में करीब चार महीने पहले डॉग पालिसी लागू हुई। इसमें वहां के निवासियों ने सैकड़ों आवेदन डाले मगर वे आज भी लंबित हैं। पालतू कुत्तों के वैक्सीनेशन और पंजीकरण के लिए लागू की गई डॉग पालिसी अभी तक एजेंसी के एप से बाहर ही नहीं निकल पाई है। प्राधिकरण की ओर से कुत्ता पालने वालों के घर पर होने वाला भौतिक सत्यापन भी शुरू नहीं हो पाया। इस कारण से ग्रेटर नोएडा में अब तक एक भी प्रमाण पत्र नहीं जारी किया गया है। यहां किसी भी योजना परियोजना का शुरुआती हाल ऐसा ही होकर रह जाता है।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा पालतू कुत्तों के पंजीकरण की पहल

दरअसल, ग्रेनो में सेक्टर व सोसाइटियों में कुत्ता या बिल्ली के काटने समेत अन्य प्रकार के कई विवाद लगातार बढ़ रहे थे जिसके कारण ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने पालतू कुत्तों के पंजीकरण के लिए मित्रा ऐप लांच किया है। इस ऐप पर पंजीकरण निशुल्क हैं और पंजीकरण कराने के बाद, कुत्तों को वैक्सीनेशन की सुविधा का प्रावधान है। पंजीकरण नहीं कराने पर, कुत्ते के मालिक पर दो हजार रुपये का जुर्माना लगाने का नियम है। इसके अलावा सार्वजनिक जगह पर कुत्ते को खुला छोड़ने पर पहली बार 100 रुपये, दूसरी बार 200 रुपये, और तीसरी बार 500 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। छह महीने या उससे ज्यादा उम्र के स्वस्थ पालतू कुते की नसबंदी कराना जरूरी है। इसका उल्लंघन करने पर, हर महीने 2,000 रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। इतना ही नहीं, अगर कोई कुत्ता काटता है, तो उसे शेल्टर होम ले जाकर इलाज किया जाएगा।

विवादों के बढ़ने के बाद लिया गया था संज्ञान

ग्रेनो में सेक्टर व सोसाइटियों में कुत्ता या बिल्ली के काटने समेत अन्य प्रकार के कई विवाद सामने आ चुके हैं। यहां तक कि कुत्तों के काटने से पूर्व में बच्चों की मौत तक हो चुकी है। खासकर हाईराइज सोसायटीज में कुत्तों से जुड़े विवाद सबसे ज्यादा है। इसलिए प्राधिकरण ने डॉग पालिसी लाया। तय नियम के अनुसार आवारा कुतों स्ट्रलाइजेशन और वैक्सीनेशन का काम प्राधिकरण की ओर से चयनित संस्था कराएगी। अगस्त में लांच हुए इस एप पर सैकड़ों आवेदन किए गए हैं, मगर इसके सत्यापन की रफ्तार इतनी सुस्त है कि अब तक पंजीकरण प्रमाणपत्र नहीं वितरित किए गए हैं। इसके शुरू न होने से यहां के लोगों को पहले जैसी ही समस्या से दो चार होना पड़ रहा है।

बरात घर व ग्रीन बेल्ट में बनेंगे शेल्टर होम

शहर में लावारिस कुत्तों और बिल्लियों के लिए तीन शेल्टर होम बनाने की योजना है। इसमें खाली पड़े बरात घर, ग्रीन बेल्ट और सामुदायिक केंद्र की जगह चिन्हित की गई है। ज्यादातर एनजीओ की सहमति मिलने पर शेल्टर होम की संख्या छह तक हो सकती है। इन शेल्टर होम में श्रीगार या घायल कुत्ता व बिल्ली का इलाज किया जाएगा। होम के निर्माण के लिए एनजीओ को आमंत्रित करने के लिए एक्सप्रेशन आॅफ इंटरेस्ट (ईओआई) जारी किया है। प्राधिकरण की ओर से जारी प्रपत्र के मुताबिक शेल्टर होम का संचालन एनबी या निजी संस्थाएं करेंगी। Greater Noida News

देश के कई बड़े एनजीओ ने रुचि दिखाई

प्राधिकरण के ईओआई पर एनसीआर सहित देश के कई बड़े एनजीओ ने रुचि दिखाई है और पालतू व आवारा कुत्तों के पुर्नवास से लेकर उनके इलाज आदि पर अलग अलग प्रस्ताव भी दिए हैं। कुत्तों के खाने पीने से लेकर उपचार की जिम्मेदारी भी एनजीओ उठाने को तैयार हैं। इस बारे में लक्ष्मी वीएस, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की एसीईओ ने कहा कि हमने इसकी समीक्षा की है। जल्द ही एप पर आए सभी आवेदनों का सत्यापन कर प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाएंगे।

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