Thursday, 1 May 2025

प्रोटो टाइप स्टार्टअप लैब के लिए जिम्स को मिले एक करोड़, मिली मंजूरी

Greater Noida News : राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में प्रोटो टाइप स्टार्टअप लैब के लिए शासन ने एक करोड़ की…

प्रोटो टाइप स्टार्टअप लैब के लिए जिम्स को मिले एक करोड़, मिली मंजूरी

Greater Noida News : राजकीय आयुर्विज्ञान संस्थान (जिम्स) में प्रोटो टाइप स्टार्टअप लैब के लिए शासन ने एक करोड़ की मंजूरी दी है। साथ ही मुख्य सचिव की बैठक में कंपनी एक्ट के नॉन प्रोफिट सेक्शन-8 में कंपनी बनाने की भी सहमति दी गई है। कंपनी बनने के बाद जिम्स को शासन की ओर से ग्रांट मिलने लगेगी। कंपनी नहीं बनने के कारण अब तक ग्रांट नहीं मिल पा रही थी। लैब में स्वास्थ्य से संबंधित समस्याओं का हल निकालने के लिए डॉक्टर प्रोटो टाइप तैयार कर सकेंगे। मरीजों को सस्ता इलाज मिल सकेगा।

प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीजों का इलाज

जिम्स निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. राकेश कुमार गुप्ता ने बताया कि अस्पताल में प्रतिदिन दो हजार से अधिक मरीजों का इलाज होता है। अस्पताल के पास 10 लाख से अधिक का क्लीनिकल डेटा है। प्रदेश में रिसर्च, पब्लिकेशन, मरीज की देखभाल में जिम्स को प्रथम स्थान मिला है। इतने आंकड़े और शोधपत्र हैं कि उनसे नए मेडिकल ट्रेंड की जानकारी मिल रही है। इन्हीं पहलुओं को ध्यान में रखकर जिम्स को चुना गया है। संस्थान को इंक्यूबेशन का नोडल सेंटर भी बनाया जा गया है। Greater Noida News

आइडिया को प्रोटो टाइप में बदल सकेंगे

जिम्स के हेड आॅफ इंक्यूबेशन डॉ. राहुल कुमार सिंह ने बताया कि पेटेंट मिलने पर डॉक्टरों के साथ ही अन्य लोगों को इस लैब का लाभ मिल सकेगा। वो अपने आइडिया को प्रोटो टाइप में बदल सकेंगे। उन्हें यहां विशेषज्ञों की राय भी मिल सकेगी। उनका प्रोटो टाइप रन कर सकेगा। वर्तमान में जिम्स के इनक्यूबेशन हब में 40 से अधिक स्टार्टअप तैयार हैं। एक ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से मानसिक रोगियों के इलाज की तकनीक दी है। ऐसे कई आइडिया आ रहे हैं। यहां ध्यान यह रखा जा रहा है जो आइडिया आए हैं, वह कितने व्यावहारिक हैं, ताकि उनसे विशेषज्ञों का समय बच सके। Greater Noida News

कंपनी सेक्शन 8 नॉन प्रॉफिट होगी

(पीएमआईसी) उत्तर प्रदेश स्टार्टअप नीति में एक समिति है। जो नीति कार्यान्वयन इकाई (पीआईयू) की अनुमति के बाद ही पीएमआईसी की बैठक में सेक्शन 8 में कंपनी बनाने की मंजूरी देती है। स्टार्ट इन यूपी पॉलिसी के तहत इनक्यूबेशन का सेक्शन 8 होना अनिवार्य है। कंपनी सेक्शन 8 नॉन प्रॉफिट होगी। इस तरह से सारी स्थितियां नियम कायदे के अंतरगत आने पर ही यह स्टार्टअप आगे बढ़ाया जा सकता है। Greater Noida News

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