Greater Noida News : उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा-नोएडा सहित कई इलाकों में भीषण गर्मी का कहर जारी है। इस बीच सड़कों पर टायर फटने के मामले में भी बढ़ रहे है। वहीं उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा यमुना एक्सप्रेसवे पर वाहनों के टायरों में नाइट्रोजन गैस भराई जा रही है। जिसके कारण वाहनों के टायर ठंडे रहे और हादसों के मामलों में कमी आए।
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टायरों में क्यों भरी जा रही है नाइट्रोजन गैस
आपको बता दें कि ग्रेटर नोएडा के परी चौक से आगरा तक यमुना एक्सप्रेसवे की शुरुआत साल 2012 में हुई थी। इस एक्सप्रेसवे पर शुरुआत से लेकर अब तक सड़क हादसों का आंकड़ा डरा देने वाला है। एक तरफ जहां बढ़ती गर्मी में पारा 45 के पहुंच चुका है। ऐसे में यमुना एक्सप्रेसवे पर टायरों के फटने के चलते होते हादसों की के कारण वाहन चालकों को ज्यादा सचेत रहने की जरबरत है। दरअसल ग्रेटर नोएडा के यमुना एक्सप्रेसवे का संचालन जेपी समूह द्वारा किया जा रहा है।
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इस एक्सप्रेस वे पर 2012 से 2023 तक 7256 हादसे हुए हैं। वहीं, इन हादसों में 1237 लोगों ने अपनी जान गंवा दी है, जबकि 10,520 लोग घायल हो चुके हैं। इस एक्सप्रेसवे पर सबसे ज्यादा हादसे ड्राइवर को नींद आने के कारण हुए है। वहीं, दूसरे नंबर पर ओवर स्पीड है, तो तीसरा सबसे बड़ा कारण है एक्सप्रेसवे पर टायर फटने का। कई बार इस एक्सप्रेसवे पर टायर फटने खतरनाक दुर्घटनाएं हुई है।
टोल प्लाजा पर है नाइट्रोजन गैस भराने की सुविधा
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुणवीर सिंह ने बताया कि बढ़ती गर्मी में एक्सप्रेस-वे पर टायर फटने से वर्तमान में कम हादसे हो रहे हैं। हादसों में कमी के लिए एक्सप्रेसवे पर बने तीनों टोल प्लाजा, एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर टायरों में नाइट्रोजन भराने की सुविधा की गई है। साथ ही टोल प्लाजा पर पानी पीने की व्यवस्था भी कर दी गई है। साथ ही चालकों से कम स्पीड रखने के भी निर्देश जारी किए गए है। क्योंकि कभी-कभी अधिक घर्षण होने की वजह से भी हादसे होने की वजह बन जाते है। प्राधिकरण सीईओ ने बताया कि हादसों को रोकने के लिए सभी टोल प्लाजा एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर अनाउंसमेंट भी किया जा रहा है। Greater Noida News