Sunday, 4 May 2025

ग्रेनो में अब आबादी भूखंड के लिए नहीं लगाना होगा चक्कर, समय पर जारी होगा आवंटन पत्र

Greater Noida news : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सात फीसदी आबादी भूखंड के लिए अब किसानों को चक्कर नहीं लगाना…

ग्रेनो में अब आबादी भूखंड के लिए नहीं लगाना होगा चक्कर, समय पर जारी होगा आवंटन पत्र

Greater Noida news : यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में सात फीसदी आबादी भूखंड के लिए अब किसानों को चक्कर नहीं लगाना होगा। जमीन के अधिग्रहण के दौरान बैनामे के साथ ही किसानों को प्लॉट का आरक्षण पत्र सौंप दिया जाएगा। जमीन लेने के बाद 90 दिन के अंदर भूखंड का आवंटन पत्र जारी होगा। प्राधिकरण आठ महीने में विकास कार्य करा कर कब्जा दे देगा। आरक्षण पत्र में ही भूखंड का क्षेत्रफल और लोकेशन के बारे में पता चलेगा। प्राधिकरण ने इसकी योजना तैयार कर ली है।

जमीन अधिग्रहण के बाद बैनामे के वक्त ही आरक्षण पत्र देने का निर्णय

किसानों को जमीन अधिग्रहण के बाद बैनामे के वक्त ही आबादी भूखंड का आरक्षण पत्र देने का निर्णय लिया गया है। इसके बाद 90 दिन में किसानों को आवंटन पत्र जारी होगा और 8 माह में प्राधिकरण यहां विकास कार्य पूरे करेगा। सूची का एक ही बार में सत्यापन होगा, जिसके लिए डिप्टी कलेक्टर, प्रबंधक परियोजना, विधि अधिकारी, संबंधित ओएसडी व तहसीलदार की कमेटी बनाई गई है। दरअसल, आबादी भूखंड क्षेत्र के किसानों की सबसे बड़ी समस्या है, जिसे लेकर आए दिन किसान धरना व प्रदर्शन भी करते रहते हैं।
अधिग्रहण व जमीन खरीद पर किसानों को 64.7 प्रतिशत मुआवजा और सात प्रतिशत आबादी भूखंड का प्रावधान है। अभी तक आबादी भूखंड आवंटन की प्रक्रिया काफी कठिन और लंबी थी, जिसके चलते अधिकांश किसानों को 10 वर्षों के बाद भी भूखंड नहीं मिल पाया है। Greater Noida news

आठ गांव में 1700 किसानों के भूखंड अटके हैं

प्राधिकरण ने 29 गांवों में से 12 के किसानों को सात प्रतिशत आबादी भूखंड का आवंटन कर दिया है। आठ गांव में 1700 किसानों के भखेर अटके इन्हें भूखंड देने की गांव में प्रारंभिक प्रकाशन जारी है। तीन में दूसरी बार प्रकाशन की तैयारी है। नए नियम में मनचाही लोकेशन का खेल पूरी तरह से खत्म हो गया है। अब किसानों को बैनामे के समय ही प्लॉट के क्षेत्र फल और लोकेशन की जानकारी दे दी जाएगी। प्राधिकरण सात प्रतिशत आबादी भूखंड के तहत न्यूनतम 120 वर्गमीटर और अधिकतम 2,500 वर्गमीटर का भूखंड आवंटित करता है। पहले छोटे भूखंड का क्षेत्रफल 40 वर्गमीटर था, जिसे विगत बोर्ड बैठक में 120 वर्गमीटर करने का निर्णय लिया गया था।
डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण ने बताया कि प्राधिकरण ने नियमों में बदलाव कर एक वर्ष के अंदर भूखंड देने की योजना तैयार कर लागू कर दी है। अब जमीन के बैनामे के साथ ही किसानों को भूखंड का आरक्षण पत्र लगाकर दिया जाएगा। Greater Noida news

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