Greater Noida News : यूपी भूसंपदा विनियामक प्राधिकरण (यूपी रेरा) के रिकवरी सर्टिफिकेट (आरसी) पर बिल्डरों से वसूली में लापरवाही बरती जा रही है। प्रशासन कभी सख्ती से वसूली कर रहा है तो कभी बिल्डरों पर मेहरबानी दिखा रहा है। यही कारण है कि किसी महीने प्रशासन 92 करोड़ तक वसूली कर रहा है तो किसी महीने में 17 करोड़। यूपी रेरा की आरसी का करीब 800 करोड़ रुपये बिल्डरों पर बकाया है।
सबसे अधिक आरसी गौतमबुद्ध नगर प्रशासन से जुड़ी
यूपी रेरा आदेश का पालन नहीं करने पर बिल्डरों के खिलाफ आरसी जारी करता है, ताकि खरीदारों का पैसा उनको वापस दिलाया जा सके। संबंधित जिलों को आरसी पर वसूली की जिम्मेदारी दी जा रही है। सबसे अधिक आरसी गौतमबुद्ध नगर प्रशासन से जुड़ी है। अभी 2500 से अधिक आरसी लंबित हैं, जो करीब 800 करोड़ तक की है, जिन पर दादरी और सदर तहसील की राजस्व टीम वसूली कर रही हैं।
जुलाई में सर्वाधिक हुई वसूली
वित्तीय वर्ष 2024-25 के पहले दो महीने में प्रशासन केवल 17-17 करोड़ रुपये की वसूली कर सका, जबकि जून और जुलाई में 165 करोड़ की वसूली हुई थी। उसके बाद हर महीने औसतन 40 करोड़ रुपये की वसूली हो रही है, हालांकि जनवरी में वसूली का आंकड़ा कम हुआ है। 20 दिन के अंदर केवल 16 करोड़ की वसूली हो सकी। प्रशासन के अफसरों का कहना है कि चुनाव और अन्य कार्यों के कारण वसूली प्रभावित होती है।
10 महीने में 400 करोड़ की वसूली 800 करोड़ रुपये अभी बाकी
प्रशासन ने 10 महीने में बिल्डरों से 400 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली कर चुका है, लेकिन अभी 800 करोड़ रुपये बकाया है। वहीं यूपी रेरा से हर महीने वसूली के लिए आरसी आ रही हैं। इस कारण खरीदारी के बकाया धनराशि का आंकड़ा कम नहीं हो रहा है। प्रशासन ने वेव मेगा सिटी बिल्डर की 23 करोड़ की आरसी यूपी रेरा को वापस लौटा दी है। अफसरों का कहना है कि इन आरसी में बिल्डर ने खरीदारों से समझौता कर लिया है। सभी का शपथ दिया गया है, जिसके बाद आरसी वापस यूपी रेरा को लौटा दी गई है। Greater Noida News
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