Monday, 21 October 2024

नोएडा न्‍यूज, 21 अक्‍टूबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा…

नोएडा न्‍यूज, 21 अक्‍टूबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

Noida News: नोएडा उत्तर प्रदेश का प्रसिद्ध शहर है। हर कोई नोएडा के विषय में जानना चाहता है। यहां नोएडा के प्रतिदिन के सभी समाचार अखबारों के हवाले से हम समाचार प्रकाशित करते हैं। नोएडा शहर से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्रों में 21 अक्‍टूबर को क्या खास समाचार प्रकाशित हुए हैं यहां एक साथ पढऩे को मिलेंगे।

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समाचार अमर उजाला से

अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “नवंबर से नोएडा में हर माह खुलेगा 500 फ्लैटों की रजिस्ट्री का रास्ता” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि नोएडा प्राधिकरण ने वर्षों से इंतजार कर रहे फ्लैट खरीदारों की रजिस्ट्री का खाका तैयार किया है। प्राधिकरण के मुताबिक नवंबर से हर माह 500 फ्लैट की रजिस्ट्री का रास्ता खुलेगा। दावे का आधार जीरो पीरियड पॉलिसी में बकाये का 25 प्रतिशत जमा कर शामिल हो चुके 22 बिल्डरों समेत अन्य परियोजनाएं हैं। इन 22 बिल्डरों की पहली किस्त नवंबर में बनने जा रही है। पॉलिसी के नियमों के मुताबिक 100 करोड़ रुपये तक बकाया होने पर बिल्डर को जीरो पीरियड का लाभ 25 प्रतिशत जमा करते ही दिया गया। अब आगे बाकी की रकम एक साल में जमा करनी है। 100 से 300 करोड़ रुपये के बकाएदार बिल्डरों के लिए यह समय दो साल का है। इस तरह बिल्डर किस्तों में बकाया जमा करते रहेंगे और उसी अनुपात में प्राधिकरण रजिस्ट्री की मंजूरी देता रहेगा।

प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इसके अलावा अन्य ग्रुप हाउसिंग परियोजनाएं भी हैं जिनमें आंशिक बकाया जमा हो रहा है। इसके साथ ही एनजीटी प्रभाव क्षेत्र के दो साल का जीरो पीरियड कौन सी परियोजनाओं को दिया जाना है यह परीक्षण भी शुरू हो गया है। इस प्रभाव क्षेत्र का लाभ पाने वाले बिल्डर और तेजी से बकाया जमा करेंगे।

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अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों पर आई जीरो पीरियड पॉलिसी में जिन 22 बिल्डरों ने 25 प्रतिशत जमा किया है उनसे प्राधिकरण को करीब 396 करोड़ बकाया मिल गया है। इन बिल्डरों पर कुल करीब 1200 करोड़ रुपये बकाया था। परियोजनाओं में 3000 फ्लैट की रजिस्ट्री बकाया न जमा होने से फंसी हुई थी। इनके पॉलिसी में शामिल हुए करीब 6 महीने का समय बीत चुका है। अब बाकी का बकाया जमा करने को 6 महीने ही बाकी बचे हैं।

पॉलिसी आने के समय दिसंबर-2023 में प्राधिकरण की 57 ग्रुप हाउसिंग परियोजनाओं में करीब करीब 7 हजार 800 करोड़ रुपये बकाया था। दो साल के जीरो पीरियड के लाभ से गणना होने पर करीब 1500 करोड़ रुपये कम हो हुए। अलग- अलग बिल्डर का देखने पर 5 बकायेदार बिल्डर ऐसे थे जिनका बकाया ही जीरो हो गया। वहीं 7 ग्रुप हाउसिंग में बकाया 5 करोड़ रुपये से कम था उनमें से 4 जमा कर चुके हैं। बाकी कई बिल्डरों ने आंशिक धनराशि भी जमा की है। इस तरह पॉलिसी आने के बाद अब तक कुल 2400 फ्लैट की रजिस्ट्री का रास्ता खुला है। इसमें से 1600 से ज्यादा फ्लैट की रजिस्ट्री हो गई हैं। प्राधिकरण बाकी रजिस्ट्री कराने के लिए भी बिल्डरों को नोटिस जारी कर रहा है।

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नोएडा हिन्‍दी खबर, 18 अक्‍टूबर के अखबारों से, एक साथ पढ़ें

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अमर उजाला अखबार ने अपने नोएडा संस्करण में मुख्य समाचार “251 निर्माणाधीन प्लॉट पर 3 करोड़ जुर्माने का नोटिस” शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि प्रदूषण का स्तर बढ़ने के साथ ही इसे नियंत्रित करने को प्रशासन की तरफ से सख्ती भी बढ़ाई जा रही है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने नोएडा प्राधिकरण क्षेत्र में निर्माणाधीन 251 प्लॉट पर एक साथ 3.39 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाने की सिफारिश के साथ नोटिस जारी कर दिया है। कार्रवाई बोर्ड के नोएडा क्षेत्रीय कार्यालय की तरफ से की गई। नियम के मुताबिक 500 वर्गमीटर से बड़े क्षेत्रफल वाले प्लॉट पर निर्माण के दौरान डस्ट कंट्रोल ऑडिट का रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर कार्रवाई की गई है।

क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने बताया कि प्राधिकरण से उसके क्षेत्र में मौजूदा समय में हो रहे निर्माण की सूची मांगी गई थी। प्राधिकरण ने अपने 10 वर्क सर्कल के हिसाब से 350 निर्माणधीन प्लॉट की सूची सौंपी। इनमें से 91 का रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पाया गया।

6 प्लॉट का क्षेत्रफल 500 वर्गमीटर से नीचे था। जबकि दो निर्माण स्थल के प्लॉट का क्षेत्रफल नहीं बताया गया। इस तरह 251 निर्माण स्थलों पर इस जुर्माने  की सिफारिश की गई। क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि हर एक निर्माण स्थल पर जुर्माना उसके क्षेत्रफल के हिसाब से तय किया गया है। बड़े प्लॉट का जुर्माना भी ज्यादा होगा। प्रदूषण कंट्रोल बोर्ड के क्षेत्रीय ऑफिस से इन निर्माण स्थलों को अब नोटिस भेजे जाएंगे।

Hindi News:

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Noida News: अमर उजाला ने 21 अक्‍टूबर 2024 के अंक में प्रमुख समाचार “किसान चौक पर अंडरपास बनाने के लिए शिफ्ट किए जाएंगे 800 पेड़”  शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि ग्रेनो वेस्ट के किसान चौक पर अंडरपास बनाने के लिए 800 पेड़ों को शिफ्ट किया जाएगा। जबकि 200 से अधिक पेड़ काटे जाएंगे। वन विभाग ने प्राधिकरण को इसकी अनुमति दे दी है। पेड़ों को शिफ्ट करने की तैयारी शुरू कर दी गई है। उद्यान विभाग सेक्टर-2 व 3 के पार्कों में पेड़ों को शिफ्ट करेगा। पेड़ और यूटिलिटी हटने के बाद अंडरपास का निर्माण शुरू होगा। यहां नववर्ष तक अंडरपास का काम शुरू होने की उम्मीद है।

किसान चौक के जाम से राहत दिलाने के लिए ग्रेनो वेस्ट के किसान चौक पर अंडरपास का निर्माण किया जाना है। इसका टेंडर भी जारी हो चुका है। दीपावली से अंडरपास का निर्माण शुरू होना था, लेकिन पेड़ों को हटाने के कार्य पूरा नहीं होने से दीपावली से पहले काम शुरू नहीं हो सका। प्राधिकरण ने पेड़ों को हटाने की अनुमति वन विभाग से मांगी थी।

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि किसान चौक गोलचक्कर, सेंट्रल वर्ज और आसपास के 1000 से अधिक पेड़ों को हटाने की अनुमति दी गई है। इनमें 800 से अधिक पेड़ दूसरी जगह पर शिफ्ट किए जाएंगे। इनमें पीपल, पीलखन, फाइकस, चंपा, बोतल पाम आदि शामिल हैं। जबकि 200 से अधिक पेड़ों को काटा जाएगा। जिन पेड़ों को काटा जाएगा। उनकी उम्र एक से 10 वर्ष के बीच हैं। उनकी जगह प्राधिकरण को पौधरोपण करना होगा। इसका पैसा भी प्राधिकरण ने जमा करा दिया है। विभागीय अफसरों ने बताया कि आसपास की ग्रीन बेल्ट के साथ सेक्टर 2 और 3 के पाकों में पेड़ों को शिफ्ट करने के लिए गड्ढे खोदने का काम शुरू कर दिया गया है। तीन से चार दिन में पेड़ों को शिफ्ट करने का काम शुरू होगा।

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Noida News: अमर उजाला ने 21 अक्‍टूबर 2024 के अंक में प्रमुख समाचार “200 किमी की रफ्तार से सुपर बाइक से किया स्टंट”  शीर्षक से प्रकाशित किया है। इस समाचार में बताया गया है कि यमुना एक्सप्रेसवे पर रफ्तार और स्टंट के शौकीन आए दिन अपनी और दूसरों की जान जोखिम में डालते रहते हैं। एक बार फिर रविवार को यमुना एक्सप्रेसवे पर 20 से 25 बाइकर्स ने स्टंटबाजी की। उन्होंने 150 से 200 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से एक्सप्रेसवे पर सुपर बाइक दौड़ाई। बाइकर्स ने करीब दो घंटे तक स्टंटबाजी और फिर लौट गए।

बाइकर्स दो घंटे तक लोगों की जान जोखिम में डाल नियमों की धज्जियां उड़ाते रहें, लेकिन उन्हें रोकने वाला कोई नहीं मिला। सुबह करीब 7 बजे से यमुना  एक्सप्रेसवे के जीरो पाइंट पर 20 से 25 बाइकर्स का गैंग पहुंचा। उन्होंने वहां से जेवर टोल प्लाजा तक तेज रफ्तार में बाइक दौड़ाई। इस दौरान रफ्तार 150 से 200 किमी प्रति घंटा के आसपास दर्ज की गई। एक्सप्रेसवे के यात्रियों ने बताया कि बाइकर्स ने आपस में शर्त लगाकर रेस की। एक-दूसरे से पहले एक निश्चित दूरी पर पहुंचने की दौड़ में अन्य वाहन चालकों जान जोखिम में डाली। करीब दो घंटे तक बाइकर्स नियमों की धज्जियां उड़ाते रहें, लेकिन उनको रोकने वाला कोई नहीं मिला।

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समाचार दैनिक जागरण से

Noida News: दैनिक जागरण के नोएडा संस्करण में 21 अक्‍टूबर 2024 का प्रमुख समाचार “बिना फिटनेस दौड़ रहीं एंबुलेंस जान पर भारी” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि सड़क दुर्घटना में घायल हो, बीमार व्यक्ति हो या गर्भवती महिला। हर किसी को एक फोन पर अस्पताल पहुंचाने वाली एंबुलेंस सड़कों पर नियम-कानून को ताकपर रखकर बिना फिटनेस के दौड़ रही हैं। सरकारी अस्पताल की ओर से संचालित एंबुलेंस नियमों को ताक पर रखकर संचालित हो रही हैं। जिला अस्पताल में खड़ी तमाम एंबुलेंस की जब फिटनेस समेत अन्य नियमों की पड़ताल की गई तो बहुत ही चौकाने वाले तथ्य सामने आए, जिसने माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी। इसमें सामाजिक संस्थाएं भी लापरवाही बरतने में पीछे नहीं हैं। कई एंबुलेंस मालिकों ने तो चालान तक जमा नहीं किया और सरकारी राजस्व को चूना लगाने में जुटे हैं।

स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहर में 108 सेवा की 14 और 102 सेवा की 17 एंबुलेंस मरीजों की सेवा के लिए चलाई जा रही हैं। 108 सेवा की एंबुलेंस से आपातकालीन मरीजों के लिए, जबकि 102 सेवा की एंबुलेंस गर्भवती महिलाओं के लिए चलाई जाती हैं। यूपी 81 एजी 0676 नंबर की टाटा सूमो एंबुलेंस हेड क्वार्टर जेल प्रशासन अलीगढ़ के नाम पर 14 अगस्त 2014 को निकाली गई थी। जिम्मेदारों ने आठ साल बाद भी एंबुलेंस की फिटेनस चेक नहीं कराई, जो अगस्त 2016 में ही खत्म हो चुकी थी। बीमा भी कई साल से नहीं कराया गया। यूपी 32 ईजी 3236 ईको एंबुलेंस पर उत्तर प्रदेश सरकार लिखा था। उसका बीमा 6 जुलाई 2022, जबकि फिटनेस 8 अगस्त 2023 को खत्म है। वहीं, यूपी 16जी 0955 नंबर की एंबुलेंस की फिटनेस वर्ष 2021 में खत्म है। इतना ही नहीं, चालक की लापरवाही पर 20 नवंबर 2021 को दो हजार रुपये का चालान कटा था, जो अभी तक जमा नहीं हुआ है। इसी तरह यूपी 16 एचटी 0556 नंबर की ईको एंबुलेंस पर बड़े अक्षर में उत्तर प्रदेश सरकार लिखा था।

इसकी भी फिटनेस और बीमा खत्म हो गया था। पड़ताल में सामने आया है कि चित्रगुप्ता सभा द्वारा यूपी 16 डीटी 7005 नंबर की ईको एंबुलेंस दान में दी गई है, जिसकी फिटनेस 2019 में और बीमा सितंबर 2023 से खत्म है। वहीं, यातायात पुलिस ने पहला चालान 300 रुपये का 26 सितंबर 2019 को, जबकि दूसरा चालान 1500 रुपये का 27 दिसंबर 2021 में काटा था। दोनों चालान अभी तक जमा नहीं किए गए। इनके अलावा यूपी 16 एचटी 0545 नंबर की एंबुलेंस को भी तीन जुलाई 2021 को 500 रुपये का चालान कट चुका है।

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Noida News: दैनिक जागरण के 21 अक्‍टूबर 2024 के अंक में अगला प्रमुख समाचार “खुदरा बाजार से जुड़े 44 करोड़ लोगों के रोजगार पर संकट” शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल की रविवार को सेक्टर-5 स्थित हरौला बाजार में व्यापारियों की बैठक हुई, इसमें आनलाइन कारोबार पर पर चर्चा की गई। इसमें बहुत ही चौकाने वाले तथ्य निकल कर सामने आए हैं। व्यापारियों ने बताया कि आनलाइन बाजार में अलग-अलग क्षेत्रों में 50 से 70 फीसदी, प्रतिवर्ष तक की बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इससे खुदरा और असंगठित क्षेत्र में करोड़ों लोगों की नौकरियों पर खतरा पैदा हो गया है।

आनलाइन बाजार ने जिस तरह से बाजार में अपने पैर जमाया है, प्रतिदिन देश भर में न्यूनतम 30 लाख आनलाइन आर्डर हो रहे हैं। इनमें मोबाइल, कपड़े, मशीनें, चश्मे से लेकर रोजमर्रा के इस्तेमाल होने वाली दाल-सब्जी जैसी चीजें भी शामिल हैं। 120 से 140 फीसदी तक कंपनियों के कारोबार में बढ़ोतरी हुई है। प्रतिनिधमंडल जिलाध्यक्ष नरेश कुच्छल ने कहा कि देश भर के खुदरा क्षेत्र में 6.5 करोड़ दुकानदार छोटी- मझोले स्तर की दुकानों से अपना रोजगार चलाते हैं, जिसके नीचे गिरने से न्यूनतम 13 करोड़ लोगों का रोजगार प्रभावित हो रहा है। अब यह कारोबार सरकार ने एमएसएमई सेक्टर से भी जोड़ दिया है। ऐसे में संगठित व असंगठित क्षेत्र से 44 करोड़ से अधिक लोगों का रोजगार जुड़ा है, जिनसे 11 करोड़ प्रत्यक्ष और 33 करोड़ लोग अप्रत्यक्ष रूप से खुदरा बाजार से जुड़े हैं। आनलाइन व्यापार से खुदरा व्यापारी वर्ग को नुकसान हो रहा है।

केंद्र और राज्य सरकार द्वारा लगातार टैक्स लगाए जा रहे हैं, जबकि हमारा टर्नओवर गिरता जा रहा है। बैठक में व्यापारियों ने अपील की कि आपलोग परिवार के साथ बाजारों में समान खरीदारी के लिए निकलें। लोकल बाजार में खरीदारी न करने से बाजार की रौनक खत्म होती जा रही है। वरिष्ठ महामंत्री मनोज भाटी ने कहा कि आनलाइन शॉपिंग के बढ़ते चलन के कारण नोएडा शहर व छोटे कस्बों से खरीदारों की चहल-पहल करीब खत्म-सी हो गई है। दीपावली को अभी नौ दिन शेष बचा है। चेयरमैन राम अवतार सिंह ने कहा कि आज हर दुकानदार आर्थिक मंदी संहित टर्नओवर की कमी से जूझ रहा है। इस मौके पर महामंत्री दिनेश महावर, राधेश्याम गोयल, सत्यनारायण गोयल, मूलचंद गुप्ता, संदीप चौहान, सोहन वीर, सोनू कुमार, सुभाष त्यागी, वीर पाल, ओमपाल शर्मा, अंकित कौशिक, पीयूष वालिया समेत अन्य उपस्थित रहे।

Noida News:

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Noida Today News: दैनिक जागरण के 21 अक्‍टूबर के अंक में “सड़क पर सीवर और गलियों में फैला कचड़ा, लोग हो रहे परेशान” शीर्षक से भी समाचार प्रकाशित किया गया है। इस समाचार में बताया गया है कि प्राधिकरण दावा कर रहा है, कि शहर में साफ- सफाई की व्यवस्था मजबूत है। सेक्टर से लेकर गांव तक डोर टू डोर कचरा कलेक्शन किया जा रहा है। इससे सड़क पर कचरा नहीं गिर रहा है, लेकिन दावों की हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है। सेक्टर-72, 73 से सटा सर्फाबाद गांव अपनी दुर्दशा पर रो रहा है। गांव में जगह- जगह कचरा पड़ा है। नाली-नाले गंदगी से अटे पड़े हैं। सीवर का गंदा पानी सड़कों पर बह रहा है। इसके बीच गुजर कर ग्रामीणों को आना- जाना पड़ता है।

Hindi News:

आश्चर्य चकित करने वाली बात यह है कि इन समस्या के निराकरण के लिए बार-बार जन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को फोन किया जा रहा है, लेकिन फिर भी समस्या जस की तस बनी हुई है। हैरान कर देने वाली बात यह है कि गांव में जगह-जगह प्राधिकरण की ओर से कचरा नहीं डालने का बोर्ड लगा रखा है। जुर्माने की भी चेतावनी लिखी है। लेकिन उसके बाद भी बोर्ड के पास ही लोग कचरा डाल रहे हैं। इस पर प्राधिकरण की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इससे पूरी व्यवस्था की पोल खुल रही है। नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक जल सीवर आरपी सिंह ने कहा कि समस्या संज्ञान में नहीं थी। संबंधित डिविजन से जानकारी हासिल कर सुधार कराया जाएगा।

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नोएडा में निर्माणाधीन मकान की गिरी शटरिंग, चार मजदूर घायल

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