ग्रेटर नोएडा में रेहड़ी विक्रेताओं के लिए राहत योजना, रिहायशी इलाकों से हटेंगी रेहड़ियां
योजना के पहले चरण में 96 विक्रेताओं का चयन किया गया है, जिनमें से 69 लोगों ने निर्धारित शुल्क जमा कर दिया है। शुल्क जमा करने वाले विक्रेताओं का भौतिक सत्यापन घर-घर जाकर किया जा रहा है। अब तक 20 से अधिक आवेदकों का सत्यापन पूरा हो चुका है और शेष प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।

Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर के रिहायशी सेक्टरों में लंबे समय से चली आ रही रेहड़ी-पटरी की अव्यवस्था को समाप्त करने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा के रेहड़ी विक्रेताओं को तय वेंडिंग जोन में स्थायी स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे आम नागरिकों को अतिक्रमण से राहत मिलेगी और विक्रेताओं को सुरक्षित आजीविका का अवसर मिलेगा। प्राधिकरण द्वारा इस माह लॉटरी प्रणाली के माध्यम से रेहड़ी विक्रेताओं को दुकानों और निर्धारित स्थलों का आवंटन किया जाएगा। योजना के पहले चरण में 96 विक्रेताओं का चयन किया गया है, जिनमें से 69 लोगों ने निर्धारित शुल्क जमा कर दिया है। शुल्क जमा करने वाले विक्रेताओं का भौतिक सत्यापन घर-घर जाकर किया जा रहा है। अब तक 20 से अधिक आवेदकों का सत्यापन पूरा हो चुका है और शेष प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
चार प्रमुख सेक्टरों में मिलेगा स्थान
प्रारंभिक चरण में बीटा-1, बीटा-2, अल्फा-2 और सेक्टर-36 में विकसित किए गए वेंडिंग जोन में रेहड़ी विक्रेताओं को स्थान आवंटित किया जाएगा। इससे इन रिहायशी क्षेत्रों में अव्यवस्थित रूप से लगने वाली रेहड़ियों की समस्या खत्म होगी। इस योजना के अंतर्गत विक्रेताओं को तीन वर्षों की अवधि के लिए जगह दी जाएगी। फल-सब्जी और फास्ट फूड विक्रेताओं को डेढ़ से दो मीटर तक का स्थान मिलेगा, जिसके लिए 1500 रुपये मासिक किराया निर्धारित किया गया है। वहीं स्टेशनरी व्यवसाय के लिए चार मीटर का स्थान तय किया गया है, जिसका मासिक किराया 5000 रुपये होगा।
नौ सेक्टरों में बन चुकी हैं दुकानें
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि अब तक अल्फा-2, बीटा-1, बीटा-2, गामा-2, पाई-1, पाई-2, डेल्टा-1, डेल्टा-2 और सेक्टर-36 सहित नौ सेक्टरों में कुल 529 रेहड़ी विक्रेताओं के लिए छोटी दुकानों का निर्माण किया जा चुका है। इसके अलावा अन्य सेक्टरों में भी नए वेंडिंग जोन विकसित करने की प्रक्रिया जारी है।
सर्वे और निरीक्षण जारी
प्राधिकरण के अनुसार, चार वेंडिंग जोन में आवेदन करने वाले 67 रेहड़ी विक्रेताओं का सत्यापन पूरा होते ही उन्हें स्थान सौंप दिया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण की टीमें लगातार निरीक्षण और सर्वे कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस योजना के लागू होने से शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी, स्वच्छता में सुधार आएगा और पथ विक्रेताओं को कानूनी पहचान के साथ स्थायी रोजगार भी मिलेगा। यह कदम ग्रेटर नोएडा को अधिक व्यवस्थित और रहने योग्य शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
Greater Noida News : ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण ने शहर के रिहायशी सेक्टरों में लंबे समय से चली आ रही रेहड़ी-पटरी की अव्यवस्था को समाप्त करने के लिए नई व्यवस्था लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत ग्रेटर नोएडा के रेहड़ी विक्रेताओं को तय वेंडिंग जोन में स्थायी स्थान उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे आम नागरिकों को अतिक्रमण से राहत मिलेगी और विक्रेताओं को सुरक्षित आजीविका का अवसर मिलेगा। प्राधिकरण द्वारा इस माह लॉटरी प्रणाली के माध्यम से रेहड़ी विक्रेताओं को दुकानों और निर्धारित स्थलों का आवंटन किया जाएगा। योजना के पहले चरण में 96 विक्रेताओं का चयन किया गया है, जिनमें से 69 लोगों ने निर्धारित शुल्क जमा कर दिया है। शुल्क जमा करने वाले विक्रेताओं का भौतिक सत्यापन घर-घर जाकर किया जा रहा है। अब तक 20 से अधिक आवेदकों का सत्यापन पूरा हो चुका है और शेष प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है।
चार प्रमुख सेक्टरों में मिलेगा स्थान
प्रारंभिक चरण में बीटा-1, बीटा-2, अल्फा-2 और सेक्टर-36 में विकसित किए गए वेंडिंग जोन में रेहड़ी विक्रेताओं को स्थान आवंटित किया जाएगा। इससे इन रिहायशी क्षेत्रों में अव्यवस्थित रूप से लगने वाली रेहड़ियों की समस्या खत्म होगी। इस योजना के अंतर्गत विक्रेताओं को तीन वर्षों की अवधि के लिए जगह दी जाएगी। फल-सब्जी और फास्ट फूड विक्रेताओं को डेढ़ से दो मीटर तक का स्थान मिलेगा, जिसके लिए 1500 रुपये मासिक किराया निर्धारित किया गया है। वहीं स्टेशनरी व्यवसाय के लिए चार मीटर का स्थान तय किया गया है, जिसका मासिक किराया 5000 रुपये होगा।
नौ सेक्टरों में बन चुकी हैं दुकानें
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने बताया कि अब तक अल्फा-2, बीटा-1, बीटा-2, गामा-2, पाई-1, पाई-2, डेल्टा-1, डेल्टा-2 और सेक्टर-36 सहित नौ सेक्टरों में कुल 529 रेहड़ी विक्रेताओं के लिए छोटी दुकानों का निर्माण किया जा चुका है। इसके अलावा अन्य सेक्टरों में भी नए वेंडिंग जोन विकसित करने की प्रक्रिया जारी है।
सर्वे और निरीक्षण जारी
प्राधिकरण के अनुसार, चार वेंडिंग जोन में आवेदन करने वाले 67 रेहड़ी विक्रेताओं का सत्यापन पूरा होते ही उन्हें स्थान सौंप दिया जाएगा। इसके लिए प्राधिकरण की टीमें लगातार निरीक्षण और सर्वे कर रही हैं। अधिकारियों का मानना है कि इस योजना के लागू होने से शहर की सड़कों पर ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होगी, स्वच्छता में सुधार आएगा और पथ विक्रेताओं को कानूनी पहचान के साथ स्थायी रोजगार भी मिलेगा। यह कदम ग्रेटर नोएडा को अधिक व्यवस्थित और रहने योग्य शहर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।












