बिहार और नेपाल को जोड़ेगी उत्तर प्रदेश की ये नई फोर लेन सड़क

बिहार और नेपाल को जोड़ेगी उत्तर प्रदेश की ये नई फोर लेन सड़क
locationभारत
userचेतना मंच
calendar28 Sep 2025 06:57 PM
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उत्तर प्रदेश के बुनियादी ढांचे को नई रफ्तार देने वाली एक अहम परियोजना अब हकीकत बनने की ओर है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ से बहराइच तक 101 किलोमीटर लंबी चार लेन सड़क के निर्माण की तैयारी पूरी कर ली गई है। खास बात यह है कि इस सड़क के जरिए न सिर्फ लखनऊ, बाराबंकी और बहराइच जैसे जिलों को फायदा होगा, बल्कि नेपाल सीमा से जुड़े भारी वाहनों का आवागमन भी आसान और सुगम हो जाएगा। UP News :

नेपाल जाने वाले वाहनों को बड़ी राहत

यह सड़क रुपईडीहा बॉर्डर तक सीधा कनेक्शन देगी। नेपाल की ओर जाने वाले ट्रक और अन्य मालवाहक वाहन बिना जाम और अव्यवस्था के आसानी से यात्रा कर सकेंगे। फिलहाल इस मार्ग पर रोजाना करीब 20 हजार वाहन चलते हैं, और यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। नई सड़क बनने के बाद इसकी क्षमता बढ़कर 38 हजार वाहनों तक पहुंच जाएगी। इससे अगले कई दशकों तक ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी।

7350 करोड़ की लागत, तीन साल में तैयार होगी परियोजना

नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस प्रोजेक्ट का विस्तृत खाका बनाकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया है। हरी झंडी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना पर लगभग 7350 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला हिस्सा बाराबंकी से मुस्तफाबाद तक और दूसरा हिस्सा मुस्तफाबाद से बहराइच तक होगा। परियोजना को पूरा करने में लगभग तीन साल लगने का अनुमान है।

सर्विस लेन से स्थानीय लोगों को फायदा

101 किलोमीटर लंबी इस सड़क के दोनों ओर सात-सात मीटर चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी। इससे कस्बों और गांवों के लोगों को मुख्य मार्ग से जुड़ने में आसानी होगी। लोकल यातायात का दबाव भी मुख्य हाईवे पर नहीं आएगा, जिससे लंबी दूरी की यात्रा तेज और सुरक्षित होगी। यह सड़क लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच और गोंडा/बलरामपुर जैसे जिलों को विकास की नई राह पर ले जाएगी। जहां एक ओर नेपाल व्यापार को गति मिलेगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए रोजमर्रा की यात्रा भी सरल और समयबचाऊ होगी।

पुराना प्रस्ताव बदला, नया प्लान हुआ और मजबूत

गौरतलब है कि जनवरी 2025 में इस परियोजना का एक प्रस्ताव 6000 करोड़ रुपये की लागत से भेजा गया था, लेकिन उसमें सर्विस रोड का उल्लेख नहीं था। अब नया प्रस्ताव न सिर्फ आधुनिक है, बल्कि ज्यादा व्यवहारिक भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सड़क के बनने से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार और नेपाल के साथ व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। औद्योगिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। UP News उत्तर प्रदेश का नया एक्सप्रेसवे जोड़ेगा एमपी और राजस्थान को, बनेगा 1600 मीटर लंबा हैंगिंग पुल
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उत्तर प्रदेश का नया एक्सप्रेसवे जोड़ेगा एमपी और राजस्थान को, बनेगा 1600 मीटर लंबा हैंगिंग पुल

उत्तर प्रदेश का नया एक्सप्रेसवे जोड़ेगा एमपी और राजस्थान को, बनेगा 1600 मीटर लंबा हैंगिंग पुल
locationभारत
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calendar28 Sep 2025 06:04 PM
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उत्तर प्रदेश जल्द ही एक और मेगा प्रोजेक्ट की शुरुआत करने जा रहा है। उत्तर प्रदेश में आगरा-ग्वालियर ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य अक्टूबर के अंत से शुरू होगा। यह 88 किलोमीटर लंबा छह लेन का एक्सप्रेसवे होगा, जो उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश को सीधी सुपरफास्ट कनेक्टिविटी देगा। परियोजना पूरी होने के बाद उत्तर प्रदेश के आगरा से ग्वालियर की दूरी महज 1 से 1.5 घंटे में तय की जा सकेगी। UP News :

भूमि अधिग्रहण और औद्योगिक जोन

इस एक्सप्रेसवे के लिए भूमि अधिग्रहण का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अधिग्रहित जमीन पर भविष्य में चार औद्योगिक जोन विकसित किए जाएंगे, जिन्हें सर्विस रोड के जरिए एक्सप्रेसवे से जोड़ा जाएगा। विशेषज्ञों का कहना है कि इससे औद्योगिकीकरण और निवेश को बढ़ावा मिलेगा और आसपास के जिलों में आर्थिक गतिविधियों की रफ्तार तेज होगी।

1600 मीटर लंबा हैंगिंग पुल बनेगा आकर्षण

इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा आकर्षण होगा चंबल नदी पर बनने वाला 1600 मीटर लंबा हैंगिंग पुल। वर्तमान में इसके लिए सर्वे कार्य जारी है। पुल के बन जाने से न केवल यातायात सुगम होगा बल्कि यह क्षेत्र की इंजीनियरिंग उपलब्धियों का प्रतीक भी बनेगा। यह एक्सप्रेसवे रोहता, धौलपुर और मुरैना होते हुए सुसेरा, ग्वालियर तक जाएगा। तीन राज्यों को जोड़ने वाला यह मार्ग व्यापार, परिवहन और पर्यटन के लिहाज से बेहद अहम साबित होगा।

निवेश और समयसीमा

इस महत्वाकांक्षी परियोजना पर कुल 4613 करोड़ रुपये की लागत आएगी और इसे दो साल के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। निर्माण का जिम्मा जीआर इंफ्रा प्रोजेक्ट्स को सौंपा गया है, जबकि इसकी निगरानी एनएचएआई का ग्वालियर खंड करेगा। एक्सप्रेसवे और इसके साथ बनने वाले औद्योगिक जोन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे, सड़क और पुल से कनेक्टिविटी मजबूत होगी और क्षेत्र का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। UP News
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उत्तर प्रदेश के इस शहर में ट्रैफिक जाम से निजात के लिए मेट्रो ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का होगा निर्माण

उत्तर प्रदेश के इस शहर में ट्रैफिक जाम से निजात के लिए मेट्रो ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का होगा निर्माण
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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 04:51 AM
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उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मेट्रो के ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर का निर्माण कार्य अगले माह से शुरू होने जा रहा है। यूपीएमआरसी (उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन) ने इसके लिए पूरी तैयारी कर ली है। अधिकारियों के अनुसार, दशहरे तक डिटेल डिजाइन एंड कंसल्टेंट का टेंडर फाइनल कर दिया जाएगा, जिसके बाद निर्माण से जुड़े टेंडर भी फ्लोट किए जाएंगे। UP News :

कॉरिडोर का रूट और तैयारियां

यह कॉरिडोर चारबाग से वसंत कुंज तक बनाया जाएगा। ग्राउंड सर्वे और सॉयल टेस्टिंग की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो चुकी है, और प्रयोगशाला की सभी रिपोर्ट भी मिल चुकी हैं, जिससे निर्माण कार्य में तेजी लाई जा सकेगी। डीडीसी टेंडर फाइनल होने के बाद मेट्रो स्टेशनों की डिजाइनिंग प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद एलिवेटेड और अंडरग्राउंड दोनों तरह के स्टेशनों के निर्माण के लिए अलग-अलग कंपनियों को जिम्मेदारी दी जाएगी। सूत्रों के अनुसार, आगरा और कानपुर मेट्रो प्रोजेक्ट्स पर काम कर चुकी बड़ी और अनुभवी कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी।

ट्रैफिक जाम में कमी और कनेक्टिविटी में सुधार

यूपीएमआरसी का मानना है कि छोटे ठेकेदारों से इतनी बड़ी परियोजना को संभालना मुश्किल होगा। इसी कारण डीडीसी टेंडर की अवधि तीन सप्ताह बढ़ा दी गई थी। इस बार बेंगलुरु और चेन्नई की दो प्रमुख कंपनियों ने भी इस प्रोजेक्ट में रुचि दिखाई है और उनके प्रतिनिधियों का यूपीएमआरसी दफ्तर में आना-जाना शुरू हो गया है। यह परियोजना न केवल शहर की ट्रैफिक समस्या को कम करेगी, बल्कि आने वाले वर्षों में लखनऊ की कनेक्टिविटी और भी मजबूत बनाएगी। निर्माण कार्य शुरू होते ही राजधानी की मेट्रो सेवा को नई गति मिलने की उम्मीद है। UP News