बिहार और नेपाल को जोड़ेगी उत्तर प्रदेश की ये नई फोर लेन सड़क

नेपाल जाने वाले वाहनों को बड़ी राहत
यह सड़क रुपईडीहा बॉर्डर तक सीधा कनेक्शन देगी। नेपाल की ओर जाने वाले ट्रक और अन्य मालवाहक वाहन बिना जाम और अव्यवस्था के आसानी से यात्रा कर सकेंगे। फिलहाल इस मार्ग पर रोजाना करीब 20 हजार वाहन चलते हैं, और यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। नई सड़क बनने के बाद इसकी क्षमता बढ़कर 38 हजार वाहनों तक पहुंच जाएगी। इससे अगले कई दशकों तक ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी।7350 करोड़ की लागत, तीन साल में तैयार होगी परियोजना
नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस प्रोजेक्ट का विस्तृत खाका बनाकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया है। हरी झंडी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना पर लगभग 7350 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला हिस्सा बाराबंकी से मुस्तफाबाद तक और दूसरा हिस्सा मुस्तफाबाद से बहराइच तक होगा। परियोजना को पूरा करने में लगभग तीन साल लगने का अनुमान है।सर्विस लेन से स्थानीय लोगों को फायदा
101 किलोमीटर लंबी इस सड़क के दोनों ओर सात-सात मीटर चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी। इससे कस्बों और गांवों के लोगों को मुख्य मार्ग से जुड़ने में आसानी होगी। लोकल यातायात का दबाव भी मुख्य हाईवे पर नहीं आएगा, जिससे लंबी दूरी की यात्रा तेज और सुरक्षित होगी। यह सड़क लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच और गोंडा/बलरामपुर जैसे जिलों को विकास की नई राह पर ले जाएगी। जहां एक ओर नेपाल व्यापार को गति मिलेगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए रोजमर्रा की यात्रा भी सरल और समयबचाऊ होगी।पुराना प्रस्ताव बदला, नया प्लान हुआ और मजबूत
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में इस परियोजना का एक प्रस्ताव 6000 करोड़ रुपये की लागत से भेजा गया था, लेकिन उसमें सर्विस रोड का उल्लेख नहीं था। अब नया प्रस्ताव न सिर्फ आधुनिक है, बल्कि ज्यादा व्यवहारिक भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सड़क के बनने से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार और नेपाल के साथ व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। औद्योगिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। UP News उत्तर प्रदेश का नया एक्सप्रेसवे जोड़ेगा एमपी और राजस्थान को, बनेगा 1600 मीटर लंबा हैंगिंग पुलअगली खबर पढ़ें
नेपाल जाने वाले वाहनों को बड़ी राहत
यह सड़क रुपईडीहा बॉर्डर तक सीधा कनेक्शन देगी। नेपाल की ओर जाने वाले ट्रक और अन्य मालवाहक वाहन बिना जाम और अव्यवस्था के आसानी से यात्रा कर सकेंगे। फिलहाल इस मार्ग पर रोजाना करीब 20 हजार वाहन चलते हैं, और यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है। नई सड़क बनने के बाद इसकी क्षमता बढ़कर 38 हजार वाहनों तक पहुंच जाएगी। इससे अगले कई दशकों तक ट्रैफिक की समस्या से निजात मिलेगी।7350 करोड़ की लागत, तीन साल में तैयार होगी परियोजना
नेशनल हाईवे अथॉरिटी आॅफ इंडिया (एनएचएआई) ने इस प्रोजेक्ट का विस्तृत खाका बनाकर सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय को भेज दिया है। हरी झंडी मिलते ही निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। इस महत्वाकांक्षी योजना पर लगभग 7350 करोड़ रुपये खर्च होंगे और इसे दो चरणों में पूरा किया जाएगा। पहला हिस्सा बाराबंकी से मुस्तफाबाद तक और दूसरा हिस्सा मुस्तफाबाद से बहराइच तक होगा। परियोजना को पूरा करने में लगभग तीन साल लगने का अनुमान है।सर्विस लेन से स्थानीय लोगों को फायदा
101 किलोमीटर लंबी इस सड़क के दोनों ओर सात-सात मीटर चौड़ी सर्विस लेन बनाई जाएगी। इससे कस्बों और गांवों के लोगों को मुख्य मार्ग से जुड़ने में आसानी होगी। लोकल यातायात का दबाव भी मुख्य हाईवे पर नहीं आएगा, जिससे लंबी दूरी की यात्रा तेज और सुरक्षित होगी। यह सड़क लखनऊ, बाराबंकी, बहराइच और गोंडा/बलरामपुर जैसे जिलों को विकास की नई राह पर ले जाएगी। जहां एक ओर नेपाल व्यापार को गति मिलेगी, वहीं दूसरी ओर स्थानीय लोगों के लिए रोजमर्रा की यात्रा भी सरल और समयबचाऊ होगी।पुराना प्रस्ताव बदला, नया प्लान हुआ और मजबूत
गौरतलब है कि जनवरी 2025 में इस परियोजना का एक प्रस्ताव 6000 करोड़ रुपये की लागत से भेजा गया था, लेकिन उसमें सर्विस रोड का उल्लेख नहीं था। अब नया प्रस्ताव न सिर्फ आधुनिक है, बल्कि ज्यादा व्यवहारिक भी है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस सड़क के बनने से न सिर्फ उत्तर प्रदेश बल्कि बिहार और नेपाल के साथ व्यापारिक संबंध और मजबूत होंगे। औद्योगिक गतिविधियों को नई दिशा मिलेगी और स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। UP News उत्तर प्रदेश का नया एक्सप्रेसवे जोड़ेगा एमपी और राजस्थान को, बनेगा 1600 मीटर लंबा हैंगिंग पुलसंबंधित खबरें
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