यूपी में साहिबाबाद को स्मार्ट सिटी जैसा लुक देने की तैयारी, यूरोपीय शहरों को देगा टक्कर

Smart city
Ghaziabad News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 05:25 PM
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Ghaziabad News : साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र (साइट-4) के मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर रिडेवलपमेंट को केवल सौंदर्यीकरण नहीं, बल्कि स्मार्ट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के रूप में देखा जा रहा है। जिससे इस क्षेत्र की तस्वीर आने वाले महीनों में पूरी तरह बदल जाएगी। साहिबाबाद को स्मार्ट सिटी जैसा लुक देने की तैयारी की जा रही है। उत्तर प्रदेश सरकार की यह योजना साहिबाबाद औद्योगिक क्षेत्र को एक यूरोपीय शहरों की तर्ज़ पर विकसित करने की दिशा में बड़ा कदम है। करीब 100 करोड़ की लागत से एक व्यापक पुनर्विकास योजना पर काम शुरू हो चुका है।

अब सड़कें नहीं रहेंगी बदहाल, होगा स्थायी समाधान

यहां पर दो चरणों में सड़कों का कायाकल्प किया जाएगा। पहले चरण में 17 सड़कों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। जिसका अनुमानित खर्च 12 करोड़ रुपया आंका गया है। इससे जो मुख्य कार्य किए जाएंगे उनमें एस-ब्लॉक और बनाना ट्री होटल के पीछे की आरसीसी सड़क का निर्माण किया जाना है। इसके दूसरे चरण में 19 नई सड़कों के निर्माण का प्रस्ताव रखा गया है जिसकी अनुमानित लागत 14 करोड़ रुपया है। इसका टेंडर प्रक्रिया भी शुरू हो गया है।

अतिरिक्त सहायता दी गई

40 करोड़ की मंजूरी टूटी हुई सड़कों की मरम्मत के लिए दिया गया है। इससे हजारों लोगों को गड्ढों और धूलभरी सड़कों से राहत मिलेगी। 14,000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में रामलीला पार्क का कायाकल्प किया जाएगा। हरियाली और आरामदायक वातावरण का ख्याल रखा जाएगा। यहां वॉकिंग ट्रैक, सुंदर फव्वारे और सघन पौधारोपण किया जाएगा। जिसपर 50 लाख रुपये का खर्च आएगा।

कार्यों की रूपरेखा तैयार, कंसल्टेंट की नियुक्ति हो चुकी

ग्रीन बेल्ट के लिए 1 करोड़ का प्रस्ताव भेजा गया है। मंजूरी मिलने के बाद औद्योगिक क्षेत्र के आसपास हरियाली को बढ़ावा दिया जाएगा। भव्य प्रवेश द्वारों बनाए जाएंगे जिससे पहचान और गौरव बढ़ेगा। साइट-4 में 7 मीटर ऊंचा प्रवेश द्वार 1 करोड़ की लागत से बनाया जाएगा। जो नमो भारत स्टेशन के पास होगा। इसके साथ ही कौशांबी-वसुंधरा मार्ग पर द्वार बनाया जाएगा, जिसकी लागत 46 लाख रुपये होगी। इन सभी की मंजूरी मिल चुकी है। यह द्वार न केवल सुंदरता बढ़ाएंगे, बल्कि पूरे क्षेत्र की अलग पहचान भी बनाएंगे।

स्मार्ट सुरक्षा और रोशनी से सजेगा इलाका

साइट-4 में सीसीटीवी कैमरे और स्ट्रीट लाइट लग चुकी हैं। जिसपर 10 करोड़ की लागत आई है। रात के समय सुरक्षा और दृश्यता अब बेहतर होगी। यह क्षेत्र रोशनी से सजेगा जिससे यह इलाका जगमगा जाएगा। पुलिया का निर्माण किया जाएगा जिससे इससे भारी वाहन और औद्योगिक सामग्री के ट्रांसपोर्टेशन में सहूलियत होगी। यह पूरी परियोजना न केवल एक क्षेत्रीय कायाकल्प है, बल्कि यह यूपी के औद्योगिक विकास और "नए भारत की नई तस्वीर" का हिस्सा है। साहिबाबाद अब सिर्फ एक औद्योगिक क्षेत्र नहीं, बल्कि स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर, बेहतर जीवन और आधुनिक सुविधाओं का केंद्र बनने की राह पर है। Ghaziabad News

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धनुष-बाण’ लेकर CBI दफ्तर पहुंचा हमलावर, ASI को बना डाला निशाना

UP News
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locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:35 PM
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UP News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित CBI कार्यालय में सुरक्षा में तैनात ASI पर तीर से हमला करने की सनसनीखेज घटना सामने आई है। इस वारदात का सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया है, जिसमें साफ देखा जा सकता है कि आरोपी दिनेश मुर्मू नामक व्यक्ति ने पहले CBI दफ्तर के मुख्य गेट पर एएसआई वीरेंद्र सिंह को निशाना बनाकर तीर चलाया और फिर दफ्तर के अंदर घुसकर एक और तीर मारा। इस हमले में एएसआई गंभीर रूप से घायल हो गए।

तैयारी के साथ आया था हमलावर

घटना शुक्रवार की है। ASI वीरेंद्र सिंह, जो कि लखनऊ पुलिस लाइन से CBI दफ्तर की सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात थे, उस वक्त मुख्य गेट पर चेकिंग कर रहे थे। तभी 50 वर्षीय दिनेश मुर्मू, जो बिहार का रहने वाला है, वहां पहुंचा। जब एएसआई ने उससे पूछताछ की, तो उसने अपने झोले से धनुष और बाण निकाला और पहला तीर एएसआई के पेट में मार दिया।

बचने के लिए अंदर भागे एएसआई

पहले तीर के लगते ही घायल एएसआई जान बचाने के लिए अंदर भागे, लेकिन आरोपी ने वहीं रुकने के बजाय उनका पीछा किया और दफ्तर के अंदर घुसकर दूसरा तीर भी चला दिया। यह हमला देख वहां तैनात अन्य सुरक्षाकर्मियों में भगदड़ मच गई। इस दौरान एक सतर्क जवान ने डंडे से आरोपी को मारकर काबू में किया और जमीन पर गिरा दिया। बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया।

पहले भी कर चुका है हमले

जांच में सामने आया है कि दिनेश मुर्मू कोई पहली बार ऐसा नहीं कर रहा था। वह पहले भी कई बार सरकारी कर्मचारियों से मारपीट के मामलों में जेल जा चुका है। आरोपी पहले रेलवे में कार्यरत था लेकिन 2000 में बर्खास्त कर दिया गया था। 2005 में दिल्ली पुलिस के सिपाही से मारपीट के मामले में जेल गया। 2015 में जौनपुर में जीआरपी के सिपाही से भी मारपीट की थी। गौरतलब है कि दिनेश मुर्मू ने रेलवे में नौकरी के दौरान एक रेलवे ट्रैक इंस्पेक्टर के खिलाफ CBI में रिश्वत की शिकायत की थी, जिसके बाद CBI की एंटी करप्शन टीम ने इंस्पेक्टर को गिरफ्तार भी किया था। UP News

हापुड़ की यूनिवर्सिटी पर लटकी बुलडोजर एक्शन की तलवार, 15 दिन में जवाब वरना…

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हापुड़ की यूनिवर्सिटी पर लटकी बुलडोजर एक्शन की तलवार, 15 दिन में जवाब वरना...

Monad University
UP News
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calendar01 Dec 2025 08:08 PM
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UP News : हापुड़ की मोनाड यूनिवर्सिटी एक बार फिर विवादों के घेरे में आ गई है। इस बार मामला अवैध निर्माण को लेकर है, जिस पर हापुड़-पिलखुवा विकास प्राधिकरण (HPDA) ने सख्त रुख अपनाते हुए यूनिवर्सिटी को 6.82 करोड़ रुपये का भारी-भरकम जुर्माना ठोका है। साथ ही, प्राधिकरण ने अंतिम नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है। समय पर संतोषजनक उत्तर न मिलने पर यूनिवर्सिटी के छात्रावास को पहले सील और फिर ध्वस्त करने की चेतावनी दी गई है।

हाईकोर्ट को गुमराह करने का आरोप

प्राप्त जानकारी के अनुसार, मोनाड यूनिवर्सिटी प्रबंधन पर लंबे समय से हाईकोर्ट को गुमराह कर प्राधिकरण की कार्रवाई से बचते रहने का आरोप है। कोर्ट में दायर एक याचिका के जरिए यूनिवर्सिटी ने खुद को औद्योगिक श्रेणी में दर्शा कर नक्शा शुल्क से छूट पाने की कोशिश की थी। हालांकि, हाईकोर्ट ने इस दावे को खारिज करते हुए स्पष्ट कहा कि यूनिवर्सिटी को उद्योग की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। इसके साथ ही कोर्ट ने प्राधिकरण के वीसी को मामले में निर्णय लेने का अधिकार दिया।

बिना नक्शा पास कराए शुरू हुआ था निर्माण

मोनाड यूनिवर्सिटी का निर्माण जनवरी 2008 में बिना नक्शा स्वीकृत कराए शुरू किया गया था। इसकी जानकारी मिलने पर 5 मार्च 2008 को प्राधिकरण ने पहला नोटिस जारी किया था। बाद में, 28 मई 2009 को यूनिवर्सिटी ने नक्शा स्वीकृत कराया, लेकिन निर्धारित 3.19 करोड़ रुपये की किस्तों में से सिर्फ पहली किस्त ही जमा की गई। शेष रकम जमा न कर प्रबंधन ने कोर्ट से स्टे ले लिया और कार्रवाई को वर्षों तक टाल दिया।

अवैध निर्माण और मानकों की अनदेखी

प्राधिकरण द्वारा की गई जांच में पाया गया कि यूनिवर्सिटी के मुख्य छात्रावास सहित उसके आसपास बड़े स्तर पर अवैध निर्माण किए गए हैं, जिनमें बिल्डिंग बायलॉज और सुरक्षा मानकों की गंभीर अनदेखी की गई है। इसके मद्देनजर HPDA ने मोनाड यूनिवर्सिटी पर 6.82 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

आठ नोटिसों के बाद भी नहीं दिया जवाब

अब तक प्राधिकरण द्वारा मोनाड को कुल आठ नोटिस भेजे गए हैं, लेकिन एक का भी संतोषजनक उत्तर नहीं मिला। आखिरकार, शुक्रवार को अंतिम नोटिस जारी कर 15 दिन की समयसीमा दी गई है। अगर निर्धारित अवधि में जवाब नहीं दिया गया, तो छात्रावास को पहले सील और फिर गिरा दिया जाएगा।

एसटीएफ और पुलिस की भी नजर

मोनाड यूनिवर्सिटी पहले से ही STF और पुलिस की निगरानी में है। अब प्राधिकरण की सख्ती ने यूनिवर्सिटी प्रशासन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। बताया जा रहा है कि यदि स्थिति जस की तस रही तो जल्द ही बुलडोजर चलने की कार्रवाई शुरू हो सकती है। UP News

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