Friday, 29 November 2024

सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर ) जागरूकता ही बचाव है

cervical cancer: अंजना भागी/  (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर ) महिलाओं में होने वाला कैंसर अब दूसरे स्थान पर आता है।…

सर्वाइकल कैंसर (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर ) जागरूकता ही बचाव है

cervical cancer: अंजना भागी/  (गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर ) महिलाओं में होने वाला कैंसर अब दूसरे स्थान पर आता है। भारत में इसके रोगी तेजी  से बढ़ रहे हैं। आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल 122,844 महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर पता चल रहा है,  जिनमें से 67 हजार से अधिक महिलाओं की तो इससे मृत्यु भी हो जाती है। डॉक्टर रमेश वर्मा केन्द्रीय हेल्थ स्कीम अधिकारी उत्तर प्रदेश के अनुसार- सर्वाइकल कैंसर या बच्चेदानी के मुंह का कैंसर सर्वाइकल कैंसर या गर्भाशय ग्रीवा का कैंसर के नाम से जाना जाता है। गर्भाशय ग्रीवा (प्रवेश द्वार) के अस्तर में जब कोशिकाएं असामान्य रूप से विकसित होने लगती हैं। तो वो कैंसर को जन्म देती हैं। अब यह चौथा सबसे आम कैंसर हो गया है। यह गर्भाशय ग्रीवा में विकसित होता है। लेकिन यह न केवल रोका जा सकता है अपितु इसे बहुत जल्दी पकड़ा भी जा सकता है। यदि समय रहते सर्वाइकल कैंसर का पता चल  जाए तो डॉक्टर्स के अनुसार इसका पूर्णतः इलाज  हो सकता है। लेकिन लापरवाही से मृत्य भी हो जाती है। आंकड़ों के अनुसार पूर्वी उत्तर प्रदेश व् पूर्वोत्तर के राज्यों में इसके मरीजों की संख्या बढ़ रही है। भारतीय महिलाओं में तो अब कैंसर से होने वाली मौत का सबसे आम कारण सर्वाइकल कैंसर ही बनता जा रहा है। लेकिन यह भी सच है की यह  इस तरह का कैंसर भी है जिससे बचाव और समय पर पता लग जाने पर इलाज  संभव हैं।

कैंसर के लक्षण

गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के लक्षण हैं, बच्चे दानी से गंदें पानी का रिसाव, अनियमित माहवारी का  होना, संभोग के समय खून आना, कमर या पैरों  में बहुत दर्द रहना, पेशाब में रूकावट। ये  इसके शुरुआती  लक्षण हैं। अधिक बच्चे होना, कई पुरूषों से यौन संबंध,  गुप्तांगों की सफाई में कमी या एड्स इसके खतरे को और बढ़ा देते हैं।

सर्वाइकल कैंसर के कारण

cervical cancer के लगभग सभी कारणों में जो सामने आया है। वह है ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) जो की  एक आम सा वायरस है  और  एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में संभोग के दौरान जा सकता है। कम आयु में बहुत से लोगों से  यौन संबंध रखने से या यौन सक्रिय होने से गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर के हो जाने की संभावना अधिक रहती है। फिर भी यदि कैंसर के लक्षण जल्दी सामने आ जाएँ तो इलाज हो जाने  से जीवित बचने की संभावना  होती है। लेकिन यह देखा गया है कि आमतौर पर महिलाएं इस बीमारी के बारे में जागरूक नहीं होती हैं। जिस कारण  इलाज न मिलने पर 15 से 44 वर्ष की आयु की महिलाओं में ही कैंसर उनकी मौत का आज दूसरा सबसे बड़ा कारण बनता जा रहा है। ह्यूमन पैपीलोमा वायरस इतना आम है कि लोग अपनी ज़िंदगी में इससे आम ही  संक्रमित हो जाते हैं, हालांकि HPV से संक्रमण में किसी  भी  तरह के लक्षण नज़र नहीं आते हैं, इसलिए इससे कोई भी कभी भी संक्रमित हो सकता है और इसका पता भी नहीं चलता है। आमतौर पर महिलाओं में ये वायरस अपने आप  भी चला जाता है,  इसके अलावा भी इसके बहुत से कारक हैं ।  जिसकी वजह से महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर होने की संभावना बढ़ती जा रही है।

सर्वाइकल कैंसर के प्रकार
यह दो प्रकार का होता है

स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा – ये कैंसर गर्भाशय ग्रीवा के निचले भाग में परतदार, सपाट कोशिकाओं में होता है। 80 से 90 प्रतिशत सर्वाइकल कैंसर के मामले स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा की वजह से होते हैं,

एडेनोकार्सिनोमा: जब कैंसर के ट्यूमर ग्रीवा के ऊपरी हिस्से में ग्लैंड्स की कोशिकाओं में विकसित होते हैं, तब इसे एडेनोकार्सिनोमा कहा जाता है।

cervical cancer से बचने के उपाय
डॉक्टर वर्मा के अनुसार –
1. सावधानी ही बचाव है। हम अपना मुहं कभी कुल्ले करते हैं। दो टाइम ब्रश करते हैं। ये भी तो शरीर की ओपनिंग ही है। हम कितना ध्यान रखते हैं, महिलाएं कितना साफ रखती हैं? इस लिए सफाई पर हर महिला विशेष ध्यान दे।
2. नियमित पैप स्मीयर द्वारा इसको पहली स्टेज से भी पहले पकड़ा जा सकता है।  पहली स्टेज में ऑपरेशन या रेडियोथेरेपी द्वारा ही डॉक्टर इसका इलाज करते हैं। आज रेडियोथेरेपी की किरणों के द्वारा बिना किसी दर्द के मिनटों में इसका इलाज किया जाता है।
3. यदि कैंसर दूसरी स्टेज से ऊपर है तो रेडियोथेरेपी के साथ कीमोथेरेपी के प्रयोग से इस पर विजय पाई जा सकती है।
पर खुशखबरी यह भी  है कि इसके बचाव के लिए अब  वैक्सीन उपलब्ध है जो 9 साल की उम्र से लेकर  45 वर्ष तक की महिलाओं को दी जानी चाहिए। टेलीथैरेपी और ब्रेकीथेरेपी दोनों के प्रयोग से महिला पूरी तरह स्वस्थ होकर सुखमय जीवन व्यतीत कर सकती है। अब तो आखिरी स्टेज में भी डॉक्टर इम्यूनोथेरेपी कर  इसपर काबू पा रहे हैं।

इसलिए। कैंसर के लक्षणों को समय रहते पहचानिए। यौन संबंधों में सतर्कता बरतें। गुप्तांगों की सफाई का विशेष  ध्यान रखें। नियमित जांच करवाएं। वैक्सीन लगवाएं। कोई कैंसर का लक्षण हो तो उसे अनदेखा न करें। कैंसर स्पेशलिस्ट से तुरंत इलाज करवाएं। अच्छा भोजन खाएं। व्यायाम करें। और  अपने परिवार के साथ आनंदित जीवन व्यतीत करें। सदा स्वस्थ रहें। फिर भी यदि हो ही  जाए तो घबराएं नहीं।  इलाज करवाएं सहयोग करें फाइट करें और इस पर विजय प्राप्त करे। सितंबर 2022 में cervical cancer के लिए देश की पहली स्वनिर्मित वैक्सीन लॉन्च की गई । वहीं अब एचपीवी वैक्सीन को भी सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिए असरदार पाया गया है। जल्द ही टीकाकरण शुरू करने की दिशा में भी कार्य किया जा रहा है।

Disclaimer:  जागरूकता ही बचाव है । हमारे देश में महिलाओं की आए दिन सर्वाइकल कैंसर से होने वाली मृत्यु को देखते हुए ही यह  लेख और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना तथा साधारण महिलाओं को जागरूक करने के उद्देश्य से लिखा गया है।

(अंजना भागी)

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