Depression : आजकल डिप्रेशन एक आम मानसिक समस्या बन गई है और इसके मामले लगातार बढ़ रहे हैं। यह हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए एक गंभीर खतरा है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि हमारा खानपान भी डिप्रेशन पर असर डाल सकता है?
डिप्रेशन क्या होता है?
डिप्रेशन एक मानसिक स्थिति है, जिसमें व्यक्ति लगातार उदासी, नीरसता और किसी भी काम में रुचि की कमी महसूस करता है। यह स्थिति मूड में बदलाव, रिश्तों, और सामाजिक जीवन पर भी गहरा असर डाल सकती है। डिप्रेशन का कारण केवल मानसिक तनाव नहीं होता, बल्कि यह पोषण की कमी से भी हो सकता है।
डिप्रेशन की सामान्यता
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, दुनिया में लगभग 3.8% लोग डिप्रेशन का शिकार हैं। इसमें महिलाओं में डिप्रेशन पुरुषों के मुकाबले लगभग 50% अधिक आम है। इसके अलावा, मानसिक समस्याओं के बावजूद इलाज की कमी भी एक प्रमुख कारण है, खासकर गरीब और मध्यम आय वाले देशों में।
विटामिन की कमी
कुछ खास विटामिनों की कमी से डिप्रेशन और ओवरथिंकिंग जैसी मानसिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। पोषक तत्वों की कमी से हमारे दिमाग के न्यूरोट्रांसमीटर प्रभावित होते हैं, जो हमारे मूड और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं।
विटामिन D की कमी से सेरोटोनिन का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे मूड में गिरावट, थकान, और डिप्रेशन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसे पूरा करने के लिए धूप, मछली, और अंडे का सेवन फायदेमंद होता है।
विटामिन B12 न्यूरोट्रांसमीटर के निर्माण के लिए आवश्यक होता है और इसकी कमी से थकान, बेचैनी, और हाथ-पैरों में झुनझुनी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह विटामिन मांस, मछली, अंडे, और दूध में पाया जाता है।
विटामिन B9 (फोलेट) डोपामाइन और सेरोटोनिन जैसे न्यूरोट्रांसमीटर बनाने में मदद करता है, जो मूड को नियंत्रित करते हैं। इसकी कमी से डिप्रेशन और चिंता का खतरा बढ़ सकता है। यह हरी पत्तेदार सब्जियों, बीन्स, और फोर्टिफाइड अनाज से मिलता है।
विटामिन B6 सेरोटोनिन और डोपामाइन के उत्पादन में मदद करता है। इसकी कमी से चिड़चिड़ापन, मूड स्विंग्स, और बेचैनी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। यह विटामिन चिकन, मछली, आलू, केला, और मेवों से मिलता है।
विटामिन E एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है, जो दिमाग को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। इसकी कमी से थकान और मानसिक सुस्ती हो सकती है। इसे बादाम, बीज, पालक, और सूरजमुखी तेल से प्राप्त किया जा सकता है।
ओमेगा-3 फैटी एसिड दिमाग के कार्य और मूड को स्थिर रखने के लिए महत्वपूर्ण हैं। इनकी कमी से मानसिक समस्याएं बढ़ सकती हैं।
मैग्नीशियम की कमी से चिंता और डिप्रेशन बढ़ सकता है। इसे पूरा करने के लिए हरी पत्तेदार सब्जियां, बादाम, और बीजों का सेवन फायदेमंद होता है।
डिप्रेशन से बचने के उपाय
डिप्रेशन और ओवरथिंकिंग जैसी समस्याओं से बचने के लिए एक संतुलित आहार अपनाना जरूरी है, जिसमें सभी आवश्यक विटामिन और पोषक तत्व शामिल हों। यदि शरीर में किसी विटामिन की कमी हो, तो डॉक्टर की सलाह से सप्लीमेंट्स का सेवन करें।
डिप्रेशन का इलाज
डिप्रेशन का इलाज पूरी तरह से संभव है। इसके उपचार के लिए मनोवैज्ञानिक इलाज (साइकोलॉजिकल ट्रीटमेंट) और दवाइयां (एंटीडिप्रेसेंट मेडिटेशन) उपयोगी होती हैं। हल्के डिप्रेशन में मनोवैज्ञानिक उपचार ही पर्याप्त हो सकता है, जबकि गंभीर डिप्रेशन में दवाइयां भी दी जाती हैं। डिप्रेशन केवल मानसिक समस्या नहीं, बल्कि यह पोषण की कमी से भी जुड़ी हो सकती है। एक सही और संतुलित आहार, विटामिन और पोषक तत्वों की सही मात्रा से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। अगर डिप्रेशन की समस्या हो, तो डॉक्टर से सलाह लेना आवश्यक है।
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