Gameophobia : अक्सर आपने अपने आस-पास ऐसे लोग देखे होंगे जो ‘हम कभी शादी नहीं करेंगे’ कहते हैं। ऐसे लोगों के दिल में हमेशा शादी और प्यार को लेकर डर बना रहता है। कुछ लोग इन्हें आम बात समझ बैठते हैं और मजे-मजे में इस बात को जाने देते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह एक तरह की गंभीर बीमारी होती है। इस बीमारी का शिकार हुए युवक, युवतियां अपने दिल की बात कहने से डरते हैं। शादी की बात सुनकर तो यह दूर भागते हैं।
Gameophobia
दरअसल, इस तरह के व्यक्ति एक खास तरह की बीमार का शिकार होते हैं। इस बीमारी को गेमोफोबिया कहा जाता है। गेमोफोबिया का मतलब होता है शादी या किसी प्रकार का संबंध बनाने से डर लगना। आज हम आपको बताएंगे कि आखिर गैमोफोबिया होता क्या है ?
गेमोफोबिया क्या होता है ?
जब भी कोई शख्स किसी दूसरे व्यक्ति के साथ किसी तरह के संबंध बनाने से बेहद ज्यादा डरता या घबराता है तो मान लें कि वह गेमोफोबिया से ग्रस्त है। उदाहरण के तौर पर शादी को लेकर डरना, किसी के साथ लम्बे समय तक रिश्ता न रखना आदि गैमोफोबिया के लक्षण हैं। गैमोफोबिया का शिकार हुए व्यक्ति के लिए यह बेहद खतरनाक होता है क्योंकि उनके लिए लम्बे समय तक किसी के साथ भी संबंध बनाना मुश्किल होता है। यह डर किसी भी व्यक्ति के रोमांटिक व सामाजिक रिश्तों, व्यावसायिक जिन्दगी को नकारात्मक रूप से बहुत प्रभावित कर सकता है।
क्या है गैमोफोबिया के लक्षण ?
• किसी के साथ संबंध में आने से डरना।
• शरीर का ठंडा हो जाना।
• अत्यधिक परेशान होना।
• सांस लेने में दिक्कत होना।
• दिल की धड़कने बढ़ जाना।
• गर्मी के दिनों में ठंड लगना।
• चक्कर आना।
• छाती में दर्द होना।
• बिना किसी बात के एंग्जायटी व स्ट्रेस होना।
• शादी की बात सुनते ही डर जाना।
• सही पार्टनर ना मिलने का डर सताना।
• बेवजह घबराहट होना।
क्या है गेमोफोबिया के कारण ?
• पहले से ब्रेकअप होना।
• माता-पिता का झगड़ा होना।
• पार्टनर के छोड़ देने का डर सताना।
• जाति-धर्म को लेकर दबाव बना होना।
गैमोफोबिया से बचने के उपाय
• अपने डर के बारे में योग्य डॉक्टर से सलाह लें और उनके द्वारा बताई गई दवाईयों का सेवन करें।
• अपने डर के बारे में अपने साथी के साथ खुलकर बात करें।
• मेडिटेशन करें।
• जितना हो सके अपने पार्टनर से बात करें, क्योंकि आपके बात करने से आपका डर धीरे-धीरे खत्म होने लगेगा।
• अपने डर को स्वीकार करें उससे लड़ने की पूरी कोशिश करें।
• बीती घटनाओं के कारण अपने वर्तमान की खुशी को खराब न करें।
• अपने डर पर काबू पाने की पूरी कोशिश करें।
• जो बात आपके दिमाग में चल रही हो उसे बेझिझक पूछें।
• कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरपी का सहारा लें क्योंकि गैमोफोबिया के शिकार हुए व्यक्तियों के लिए कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरपी बेहद मददगार साबित होती है।
आजकल अधिकतर युवाओं को गैमोफोबिया का सामना करना पड़ता है। वो किसी से खुलकर बातें करने में बहुत कतराते हैं। जब भी आप किसी से बात कर रहे हैं तो ये न सोचें कि सामने वाला व्यक्ति आपके बारे में क्या सोच रहा है। इन दिनों यह सोचना बहुत आम बात हो गई है कि, ‘लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे’? जो कहीं न कहीं लोगों का आत्मविश्वास पूरी तरह से खत्म कर देती है। यदि आप बताए गए उपायों को फॉलो करते हैं तो आपका डर हमेशा के लिए खत्म हो सकता है।
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