विनय संकोची
Health : फल देशी हो या विदेशी ज्यादातर स्वास्थ्यवर्धक ही होते हैं। एरियोबोट्री जैपानिका वानस्पतिक नामधारी एक फल है तो विदेशी मूल का लेकिन इसे भारत में ही बड़े चाव से खाया जाता है। इस फल को हिंदी में लोकाट, लुकाट या लोगाट कहा जाता है। इसे संस्कृत में लौट्टाक, उर्दू में लखोटा, कन्नड़ में लक्कोटे, गुजराती में लुगाट, तमिल में इलाकोत्ता, नेपाली में माया, मलयालम में नेस्पली नाम से जाना जाता है। यह खट्टा मीठा गूदेदार स्वादिष्ट और स्वास्थ्यवर्धक फल है, जिसका उपयोग औषधि के रूप में भी होता है।
लोकाट फल अनेक पोषक तत्वों का भंडार होता है। इसमें विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी, फोलिक एसिड, थायमिन, नियासिन, राइबोफ्लेविन के अतिरिक्त कैल्शियम, मैग्नीशियम, फॉस्फोरस, जस्ता और कार्बोहाइड्रेट जैसी खनिज पर्याप्त मात्रा में मौजूद होते हैं। इतना ही नहीं इस गुणकारी फल में ओमेगा3 फैटी एसिड, ओमेगा6 फैटी एसिड, वसा, फोलेट भी पाए जाते हैं, जो इसे स्वास्थ्य के लिए और अधिक लाभकारी बनाते हैं। आइए जानते हैं लोकाट से होने वाले लाभ के बारे में –
• लोकाट मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसमें मौजूद विभिन्न पोषक तत्व ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित व सामान्य रखने में सहायक हो सकते हैं।
• लोकाट में एक एंटी कैंसर यौगिक पाया जाता है, जो शरीर में उत्पन्न कैंसर कोशिकाओं को समाप्त करने में सहायता कर सकता है। लोकाट के सेवन से कैंसर के होने और बढ़ने को रोकने में मदद मिल सकती है।
• लोकाट का एंटीऑक्सीडेंट गुण फ्री रेडिकल्स को खत्म कर तनाव से छुटकारा दिला सकता है। साथ ही इससे याददाश्त को भी तेज किया जा सकता है।
• लोकाट फल के सेवन से त्वचा पर दिखने वाले उम्र के प्रभाव को कम किया जा सकता है। लोकाट का एंटीऑक्सीडेंट गुण सूर्य की नुकसानदायक अल्ट्रावायलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करने में सक्षम है।
• लोकाट विटामिन-सी का एक अच्छा स्रोत है, जो श्वेत रक्त कोशिकाओं को बढ़ाने में सहायता करता है। लोकाट के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकती है। लोकाट सही मायने में एक आदर्श इम्यूनिटी बूस्टर फल है।
• लोकाट के सेवन से कॉलेस्ट्रॉल के बढ़े स्तर को कम करने में सहायता मिल सकती है।लोकाट की चाय के नियमित सेवन करने से कॉलेस्ट्रॉल को नियंत्रित रखा जा सकता है।
• विटामिन और पोषक तत्वों के सेवन से हड्डियों को कमजोर होने से रोका जा सकता है। लोकाट में वो तमाम विटामिन और
गुणकारी तत्व मौजूद होते हैं, जो हड्डियों को कमजोर न होने देने में सहायक होते हैं।
• लोकाट में एंटी ओबेसिटी गुण भी मौजूद होता है। यही कारण है कि लोकाट के सेवन से वजन घटाने में सहायता मिल सकती है।
• लोकाट का सेवन लिवर के विकार से लड़ने में सहायक हो सकता है। लोकाट के पत्तों का काढ़ा बनाकर पीने से लिवर से जुड़ी समस्याओं का समाधान संभव है।
• लोकाट के पत्तों का काढ़ा बनाकर घाव को धोने से, घाव जल्दी भर जाता है।
• जरूरी बात : मधुमेह की दवा लेने वालों को लोकाट का अधिक मात्रा में सेवन नुकसानदेह हो सकता है। अधिक मात्रा में लोकाट के सेवन से पेट में विषाक्तता हो सकती है। फूड एलर्जिक लोगों को लोकाट से भी एलर्जी हो सकती है। अधिक मात्रा में लोकाट का सेवन शरीर में नए विकार उत्पन्न कर सकता है।
( विशेष : यहां लोकाट से जुड़ी विशुद्ध सामान्य जानकारी दी गई है, जिसे चिकित्सकीय परामर्श का विकल्प नहीं माना जा सकता है। हम लोकाट के किसी भी रूप में उपयोग, प्रयोग से लाभ का कोई दावा नहीं करते है। लोकाट को किसी भी रोग विशेष में औषधि के रूप में प्रयोग से पूर्व योग्य चिकित्सक/आयुर्वेदाचार्य/आहार विशेषज्ञ से परामर्श आवश्यक/अनिवार्य है।)