Home Remedies : दुनिया में लगभग हर तीसरा या चौथा व्यक्ति मोटापे का शिकार है। वजन बढऩे के कारण शारीरिक रूप में बदलाव आ जाता है और शरीर में अन्य घातक रोग जन्म ले लेते हैं। चर्बी बढऩे से शरीर में मोटापे की शुरूआत होती है। लगातार लोग अपने शरीर पर ध्यान नहीं दे पाते और वह स्वस्थ या क्रियाशाली जीवन व्यतीत नहीं कर पाते। मोटापे से मधुमेह, दिल की बीमारी, उच्च रक्तचाप, कुछ स्तर का कैंसर आघात, पित्ताशय का रोग, उच्च कोलेस्ट्रॉल सहित कई अन्य रोग हो सकते हैं। लेकिन हमारे पास कुछ ऐसे घरेलू उपाय हैं जो मोटापे के कारण शरीर पर जमी चर्बी को हटाकर आपको स्वस्थ बना सकते हैं।
Home Remedies :
प्रसिद्घ डा. अजित मेहता ने बताया कि 125 ग्राम पानी उबालकर ठण्डा करें जब गुनगुना रह जाय तब उसमे 15 ग्राम नींबू का रस (आधा उत्तम कागजी नींबू निचोडक़र) और 15 ग्राम (दो शहद मिलाकर शर्बत के समान गड्डी-मड्ड करके पीने से मोटापा दूर होता है। शरीर में चाहे कैसी भी चर्बी बढ़ गई हो, घटकर शरीर सुडौल बन जाता है। पेट के रोग दूर होकर जठराग्नि तेज बनी रहती है। प्रात: खाली पेट निरन्तर एक-दो मास लें।
सहायक उपचार- मोटापा घटाने में सहायक योगासन और कसरत क्रियाएँ नित्य प्रात: करें तो लाभ द्रुत गति से होता है। योगासनों में उत्तानपादासन, पश्चिमोत्तानासन, भुजंगासन, धनुरासन, त्रिकोणासन, नौली क्रिया मोटापा कम करने में अत्यन्त प्रभावशाली है।
विशेष— भोजन हल्का और दिन में एक बार करें। चौकर की रोटी खाना लाभप्रद है। हरी सब्जियों का विशेष रूप से सेवन करें। सांयकाल केवल फल लें। भोजन के साथ जल न लें। भोजन के एक घंटे पश्चात् थोड़ा जल पीएँ। चाय, कॉफी, चरबी बढ़ाने वाले और मीठे पदार्थों का सेवन यथासम्भव कम कर दें। जहाँ शहद के साथ नींबू पानी के सेवन से मोटापा घटता है वहाँ केवल नींबू-पानी के सेवन से मोटापा बढ़ता है।
विकल्प : बिना पैसे प्रभावशाली इलाज—दोनों समय भोजन के तुरन्त बाद एक कप उबलता हुआ गर्म पानी लें और जितना गर्म पिया जा सके चाय की भाँति छोटे-छोटे घूंट अथवा चम्मच की सहायता से धीरे-धीरे पी लें। (चाहे तो एकाध घूंट ठण्डा पानी भोजन के बीच में ले सकते हैं) इस प्रकार खाने के तुरन्त बाद गर्म पानी के लगातार सेवन करने से मोटापा घटकर शरीर संतुलित हो जाता है। परन्तु गर्म पानी का यह प्रयोग लगातार दो महीनों से अधिक नहीं करना चाहिए। सर्दियों में इस प्रयोग को उचित परहेज के साथ आवश्यकतानुसार पन्द्रह दिन से दो मास तक करने से मोटापा के अतिरिक्त गैस, कब्ज, कोलाइटिस (आंतों की सूजन), अमोबाइसिस, कृमि आदि रोग भी निर्मूल हो जाते हैं।
विशेष: इससे प्रसव के पश्चात् बढ़ा हुआ पेट ठीक होकर सुगठित हो जाता है। मोटे रोगियों, गठिया तथा जोड़ों के दर्द व सूजन के लिए गर्म पानी का सेवन बहुत लाभप्रद है। इससे मूत्र अधिक मात्रा में आकर शरीर से यूरिक एसिड और विषैले अंश निकल जाते हैं। अधिक गैस पैदा होना बन्द होता है। अजीर्ण और पेट फूलना बन्द होता है। कब्ज नहीं रहती। पखाना खुलकर आता है। मल आंतों में नहीं सड़ता। पेट में कीड़ों की उत्पत्ति नहीं होती। आमाशय और आंतों की कमजोरी, पेट फूलना, आमाशय की सूजन, पेचिश आदि बीमारियाँ नष्ट होती हैं। यकृत को शक्ति प्राप्त होती है। औरतों की मासिक धर्म की अनियमितता दूर होती है। आँखों के नीचे काले घेरे और चेहरे का भद्दापन दूर होकर रंग निखरता है। कमर सुन्दर बनती है।