Sunday, 15 December 2024

18 साल बाद सच का खुलासा, महिला ने तीन खिलाड़ियों पर लगाए झूठे रेप के आरोप

America : अपराधों को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए सख्त कानून कई बार गलत इस्तेमाल का शिकार हो जाते…

18 साल बाद सच का खुलासा, महिला ने तीन खिलाड़ियों पर लगाए झूठे रेप के आरोप

America : अपराधों को रोकने के उद्देश्य से बनाए गए सख्त कानून कई बार गलत इस्तेमाल का शिकार हो जाते हैं, जिससे निर्दोष लोगों की जिंदगी बर्बाद हो सकती है। ऐसा ही एक मामला अमेरिका में चर्चा का विषय बना हुआ है, जिसमें रेप कानून के दुरुपयोग ने तीन खिलाड़ियों को लंबे समय तक कानूनी विवाद में उलझा दिया।

झूठे आरोपों का खुलासा

18 साल बाद, रेप का आरोप लगाने वाली महिला क्रिस्टल मैंगम ने स्वीकार किया कि उसने यह आरोप केवल सबक सिखाने के लिए गढ़े थे। उसने हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में यह भी कबूल किया कि आरोप झूठे थे और तीन खिलाड़ियों ने कभी उसका रेप नहीं किया था।

मामला कैसे शुरू हुआ?

13 मार्च 2006 को ड्यूक यूनिवर्सिटी के लैक्रोस खिलाड़ियों द्वारा आयोजित एक पार्टी में क्रिस्टल मैंगम और एक अन्य डांसर को परफॉर्म करने के लिए बुलाया गया। परफॉर्मेंस के बाद, क्रिस्टल ने आरोप लगाया कि खिलाड़ियों डेविड इवांस, कोलिन फिनर्टी और रीड सेलिगमैन ने उसका रेप किया।

अदालत में कानूनी लड़ाई

इस आरोप के बाद मामला अदालत में पहुंचा और कई सालों तक चला। यह मामला मीडिया में सुर्खियों में रहा और इसे नस्ल, वर्ग, और विशेषाधिकार की बहस का हिस्सा बनाया गया। हालांकि, जांच में पाया गया कि आरोप झूठे थे और सबूतों के साथ छेड़छाड़ की गई थी। America

क्रिस्टल मैंगम का कबूलनामा

हाल ही में, उत्तरी कैरोलिना सुधारात्मक महिला संस्थान में दी गई एक इंटरव्यू में, जहां क्रिस्टल अपने बॉयफ्रेंड की हत्या के आरोप में सजा काट रही हैं, उसने कहा, “मैंने झूठी गवाही दी थी। उन्होंने मेरा रेप नहीं किया था। मैं बस चाहती थी कि उन्हें एहसास हो कि मैं उनसे प्यार करती हूं। वे इस सज़ा के लायक नहीं थे।”

खिलाड़ियों का भविष्य

2007 में जांच के बाद, तीनों खिलाड़ियों को निर्दोष घोषित कर दिया गया और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप हटा दिए गए। इस मामले में सबूत छिपाने और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग करने के आरोप में जिला अटॉर्नी माइक निफोंग को बर्खास्त कर दिया गया।

मीडिया और सामाजिक बहस

इस घटना ने अमेरिकी मीडिया में बड़ी बहस छेड़ दी। नस्ल और वर्ग के मुद्दों को लेकर यह मामला सामाजिक और कानूनी व्यवस्था पर सवाल खड़े करता रहा। कानून का दुरुपयोग न केवल निर्दोषों के जीवन को बर्बाद कर सकता है, बल्कि न्याय व्यवस्था की विश्वसनीयता को भी नुकसान पहुंचा सकता है। America

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