UN : भारत ने कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के क्षेत्र में अपनी वैश्विक उपस्थिति को और मजबूत कर लिया है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास संगठन (UNCTAD) की हालिया “प्रौद्योगिकी और नवाचार रिपोर्ट 2024” के अनुसार, AI में निजी निवेश के मामले में भारत दुनिया भर में 10वें स्थान पर पहुंच गया है। यह उपलब्धि न केवल भारत की तकनीकी प्रगति को दर्शाती है, बल्कि भविष्य के डिजिटल विकास के लिए उसकी मजबूत नींव को भी उजागर करती है।
विकासशील देशों में अग्रणी भारत और चीन
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और चीन ऐसे एकमात्र विकासशील देश हैं जिन्होंने AI तकनीक में उल्लेखनीय निजी निवेश किया है। 2023 में भारत में इस क्षेत्र में 1.4 अरब अमेरिकी डॉलर का निजी निवेश हुआ, जबकि अमेरिका इस सूची में 67 अरब डॉलर के साथ पहले और चीन 7.8 अरब डॉलर के साथ दूसरे स्थान पर रहा।
AI में वैज्ञानिक क्षमता और नवाचार में भारत की मौजूदगी
भारत को अब उन देशों में गिना जा रहा है जो AI के वैज्ञानिक विकास और नवाचार में अग्रणी हैं। भारत, चीन, अमेरिका, जर्मनी और यूके जैसे देशों के साथ इस सूची में शामिल है, जो इस बात का संकेत है कि भारत अब तकनीकी अनुसंधान और नवाचार में प्रतिस्पर्धा कर रहा है।
टेक्नोलॉजी रेडीनेस इंडेक्स में जबरदस्त सुधार
UNCTAD की रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि भारत ने “फ्रंटियर टेक्नोलॉजीज रेडीनेस इंडेक्स” में जबरदस्त छलांग लगाई है। 2022 में जहां भारत 48वें स्थान पर था, वहीं 2024 में वह 36वें पायदान पर पहुंच गया है। यह प्रगति उच्च-कौशल रोजगार, शिक्षा में सुधार और तकनीकी बुनियादी ढांचे की मजबूती के चलते संभव हो पाई है।
सरकारी पहल और संस्थागत सहयोग की भूमिका
भारत में AI के विकास में नीतिगत सहयोग और शैक्षिक संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सरकार ने AI उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना के लिए शिक्षा संस्थानों और उद्योग जगत के साथ साझेदारी की है। IIT हैदराबाद, IIT खड़गपुर, भारतीय विज्ञान संस्थान (IISc) और NASSCOM जैसे संस्थान इस दिशा में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। इसके अलावा, सरकार ने भारत एआई मिशन को भी मंजूरी दी है, जिसका उद्देश्य शिक्षा, अनुसंधान और व्यवसाय में AI के प्रसार को सुलभ और समावेशी बनाना है।
AI के अवसर और चुनौतियाँ
रिपोर्ट के अनुसार, 2033 तक वैश्विक AI बाज़ार का मूल्य 4.8 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है। हालांकि, यह तकनीक दुनिया भर में करीब 40% नौकरियों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में ऑटोमेशन से पैदा होने वाली रोजगार संबंधित चिंताओं के बीच, रिपोर्ट यह भी सुझाव देती है कि AI न केवल नौकरियों को बदल सकता है, बल्कि नए रोजगार सृजित करने की संभावनाएं भी खोल सकता है। UN :
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