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तालिबान की अदालत में समर्पण या मौत

तालिबान का फरमान

अमेरिकी सैनिक के निकलने पर तालिबान का क्रूर शासन दिन प्रति दिन नए अंदाज में सामने आ रहा है। हाल ही में तालिबान ने पश्चिमी ताकतों की मदद करने वाले घरों में हाजिर होने के लिए फरमान चिपकाए है। बता दें कि अफगान में अब तालिबानियों और आईएसआईएस की अदालत चलेगी।


सूत्रों के मुताबिक अफगानी नाज ने मीडिया से बात की और तालिबान के फरमान की दास्तां सुनाई। नाज ने पहले ब्रिटिश फौज को कंस्ट्रक्शन की मदद की थी। हाल ही में उन्होंने ब्रिटिश से मदद की गुहार लगाई है। नाज ने बताया कि तालिबान की क्रूरता बढ़ती जा रही है। वहीं उन्होंने बताया कि मेरे घर के बाहर तालिबान के फरमान का खत चिपकाया गया था। बता दें कि संदेश से स्पष्ट होता है कि तालिबान बुला-बुलाकर मार देगा, क्योंकि आतंकी संगठन में सीधी सजा मौत है।

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नाज ने कहा कि में अपने जीवन की रक्षा चाहता हूं तालिबान के डर से छिपा हुआ हूं। इसके अलावा ब्रिटिश मिलिट्री के एक ट्रांसलेटर के घर पर भी खत लगाया गया है। उसके खिलाफ जासूसी का आरोप लगा है।


दरअसल तालिबान के खत में सीधा संदेश समर्पण या मौत दर्ज है। उसके बाद तीसरा खत दुभाषिय के भाई को मिला इसके खिलाफ पनाह देने का आरोप लगा है। अफगानी नागरिक शीर ने कहा कि एक खत उनकी बेटी को मिला है। खत पर तालिबान मुहर लगाकर भेज रहा है। बुलावे को स्वीकार कर समर्पण करों या मौत के आगे नतमस्तक हो जाओ।


नाज ने कहा कि मुझे नाटो सेना का गुलाम कहा गया है। खत में पिता व गांव के साथ मेरा नाम दर्ज है। गैर हाजिर हुए तो सजाए मौत का फरमान सुना दिया जाएगा।


26 अगस्त का काबुल में सीरीयल ब्लास्ट दुनिया में 170 अफगानी समेत 13 अमेरिकी सैनिक मारे गए थे। उसी ब्लास्ट में 20 साल की नजमा शामिल था, जिन्होंने मौत से चंद घंटे पहले एक वीडियो बनाया था, जिसमें नजमा ने तालिबान की क्रूरता का राज सपने की तरह खत्म होने का संदेश दिया। लेकिन न वो यूट्यूबर दुनिया में है और न ही उसका सपना सच हुआ। तालिबान का अत्याचार आए दिन नए रूप में देखने को मिल रहा है।

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