Sunday, 12 May 2024

Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी के दिन करें राधारानी जी का पूजन दूर होंगी सभी परेशानियां 

Radha Ashtami 2023 : राधाष्टमी पर बरसाने से लेकर भक्तों के दिलों तक हर तरह सुनाई देगी राधा जी के…

Radha Ashtami 2023: राधा अष्टमी के दिन करें राधारानी जी का पूजन दूर होंगी सभी परेशानियां 

Radha Ashtami 2023 : राधाष्टमी पर बरसाने से लेकर भक्तों के दिलों तक हर तरह सुनाई देगी राधा जी के नाम की गूंज.
Radha Ashtami 2023 Date: भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को राधाष्टमी के रुप में मनाया जाता है. इस समय पर उत्तर भारत में विशेष रुप से बरसाना, मथुरा और वृंदावन के आस पास के क्षेत्रों में इस दिन को बेहद ही उत्साह के साथ मनाते हैं. राधा रानी के जन्मोत्सव का यह समय भक्तों के लिए बेहद खास होता है. भगवान श्री कृष्ण की प्रिय राधा रानी का जन्मोत्सव हर वर्ष ही भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है.

Radha Ashtami 2023 Date Timing Puja : कृष्ण जन्माष्टमी के लगभग 15 दिन बाद राधाष्टमी का त्योहार मनाया जाता है. कृष्ण जन्माष्टमी की तरह राधा अष्टमी का त्यौहार भी भक्तों के लिए महत्व रखता है. हजारों की संख्या में लोग मथुरा, वृन्दावन और बरसाना राधारानी के दर्शनों हेतु पहुंचते हैं. राधाष्टमी का पर्व इस दिन  बड़ी धूमधाम से मनाया जाता रहा है. मंदिरों में इस दिन के लिए विशेष इंतजाम किए जाते हैं तथा भक्तों को विशेष प्रसाद दिया जाता है. इस समय पर कई स्थानों पर लीलाओं का भी आयोजन किया जाता है तथा भक्त भजन एवं मंत्रों के साथ राधारानी का पूजन करते हैं.

राधाष्टमी पूजा विधि : Radha Ashtami Puja Vidhi Shubh Muhurat

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 22 सितंबर 2023 को है आज के दिन दोपहर 113:35 बजे से इसका आरंभ होगा और फिर यह तिथि अगले दिन 23 सितंबर 2023 को दोपहर 12 बजकर 17 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि के आधार पर राधा अष्टमी का त्योहार 23 सितंबर के दिन मनाया जाएगा. radha ashtami vrat kaise kare इस शुभ दिन राधा रानी की पूजा की जाती है, राधा अष्टमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के उपरांत साफ स्वच्छ वस्त्र पहने जाते हैं. पूजा की तैयारी आरंभ की जाती है. पूजा का संकल्प लेने के साथ ही मंत्र एवं राधा नाम को स्मरण करते हुए भक्ति देवी का पूजन आरंभ करते हैं.

what is the significance of radha ashtami vrat 

मंदिर में एक कलश स्थापित किया जाता है. राधा जी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करते हैं. किसी साफ चौकी पर लाल या पीला कपड़ा बिछाकर मंडप तैय़ार किया जाता है. राधा रानी जी एवं श्री कृष्ण जी को इस दिन पंचामृत से स्नान कराना बहुत शुभ होता है. प्रतिमाओं को सुंदर वस्त्र पहनाते हैं तथा श्रृंगार स्वरुप वस्तुओं को अर्पित किया जाता है. पूजा हेतु फल, फूल और मिष्ठान इत्यादि अर्पित करते हैं. इसके बाद राधा कृष्ण के मंत्रों का जाप करने के साथ ही राधा जी के जन्म की कथा को सुनते हैं. राधा कृष्ण की आरती करने के पश्चात भोग लगाकर पूजा संपूर्ण होती है.

राधा अष्टमी का महत्व :  Radha Ashtami 2023 Mahatv 

राधा अष्टमी का दिन बेहद ही शुभ होता है इस दिन राधा रानी के जन्मोतस्व का समय होने के साथ ही शक्ति के प्रार्दुर्भाव का समय होता है. धर्म कथाओं के अनुसार माना जाता है कि राधा के बिना भगवान कृष्ण की पूजा अधूरी मानी जाती है और श्री कृष्ण के बिना राधा जी का पूजन अधूरा होता है, क्योंकि राधा अष्टमी के व्रत के बिना कृष्ण जन्माष्टमी के व्रत का पूर्ण फल प्राप्त नहीं होता है, इस दिन व्रत और पूजा करने वालों को सभी सुखों की प्राप्ति होती है.

एस्ट्रोलॉजर राजरानी

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