Saturday, 18 May 2024

Sawan 2023 : एकमात्र ऐसा शिवलिंग जिसका जलाभिषेक नही होता है,आप सिर्फ दर्शन कर सकते है

  Sawan 2023 : शिव पुराण मे उल्लेख मिलता है कि की भगवान शिव स्वयं ही जल है और भगवान…

Sawan 2023 : एकमात्र ऐसा शिवलिंग जिसका जलाभिषेक नही होता है,आप सिर्फ दर्शन कर सकते है

 

Sawan 2023 : शिव पुराण मे उल्लेख मिलता है कि की भगवान शिव स्वयं ही जल है और भगवान शिव को सबसे प्रिय है जलाभिषेक। ऐसी मान्‍यता है कि जो भक्‍त सच्‍चे मन से भोलेबाबा को जल चढ़ाता है और गंगाजल से उनका अभिषेक करता है, भगवान इतने में ही प्रसन्‍न होकर उसकी सभी इच्‍छाएं पूरी करते हैं। लेकिन यह जानकर आपको हैरानी होगी की एक ऐसा शिवलिंग भी है जिस पर दूध,जल आदि का अभिषेक वर्जित है । यहाँ आप सिर्फ दूर से ही दर्शन कर सकते है ।

बुंदेलखंड के अपराजेय कालिंजर किले मे भगवान नीलकंठ का एक प्राचीन मंदिर भी स्थापित है। मंदिर के प्रवेशद्वार पर परिमाद्र देव नामक चंदेल शासक रचित शिवस्तुति है व अंदर एक स्वयंभू शिवलिंग स्थापित है। मन्दिर के ऊपर ही जल का एक प्राकृतिक स्रोत है, जो कभी सूखता नहीं है। यहां स्वयंभू नीले पत्थर का शिवलिंग है जिसपर जलाभिषेक की मनाही है । इस शिवलिंग का अभिषेक निरंतर प्राकृतिक तरीके से होता रहता है। कालिंजर में अद्भुत शिवलिंग और इससे निकलने वाले पानी का राज बेहद गहरा है। मान्यता है कि शिव ने समुद्र मंथन में जो विष पीया था, उसका प्रभाव यहां दिखाई देता है। यही पानी पातालगंगा में गिरता है, जो कभी नहीं सूखता है। इस साल सावन सोमवार बेहद खास है मलमास होने की वजह से इस बार सावन 2 महीने का है ।सावन का पहला सोमवार यानी की 10 जुलाई को पड़ रहा है जो की बहुत ही शुभ है । ज्योतिषिय गणना के अनुसार इस दिन गुरु और चंद्रमा मीन राशि मे होंगे जिससे गज केसरी योग बनता है ।

क्यो नही चढ़ाया जाता है जल और दूध:

Sawan 2023
Sawan 2023

पुरातत्व विभाग संरक्षक सहायक सतेंद्र कुमार ने बताया की वैज्ञानिकों के शोध के अनुसार शिवलिंग के क्षरण की बात सामने आयी है ।जिसकी वजह से आमजन के शिवलिंग पर अभिषेक करने दूध,शहद आदि चढ़ाने की मनाही है । बताते चले कि बुंदेलखंड सूखे के कारण जाना जाता है, लेकिन कितना भी सूखा पड़ जाए, यहां के शिवलिंग से पानी रिसना बंद नहीं होता है। कहा जाता है कि सैकड़ों साल से ऐसे पानी निकल रहा है, ये सभी इतिहासकारों के लिए अबूझ पहेली की तरह है।

Sawan 2023 कालिंजर नाम क्यो पड़ा:

कालिंजर का अर्थ होता है काल को जर्जर करने वाला।कालिंजर पहाड़ी मध्य प्रदेश और उत्तरप्रदेश के बीच विंध्याचल पर्वतमाला के बीच यह मंदिर स्थित है ।।यहां भगवान शिव ने कंठ में स्थित जहर को योग एवं वन औषधियों की सहायता से समाप्त कर दिया था। अर्थात काल पर विजय प्राप्त कर ली थी। इस पर्वत को अब कालिंजर पर्वत के नाम से जाना जाता है। कालिंजर का अर्थ है ‘काल को नष्ट करने वाला’।Sawan 2023 

Hariyali Amavasya 2023: हरियाली अमावस्या पर बनेंगे कई शुभ योग, दूर होगा पितृ दोष का प्रभाव  

Related Post