Sawan Somwar 2023 : आज सावन का दूसरा सोमवार है। सावन के सोमवार के दिन को व्रत एवं शिव पूजन के लिए बेहद ही अनुकूल समय के रुप में देखा जाता है। इस बार सावन के दूसरे सोमवार के दिन कई योगों का एक साथ निर्मित होना इस दिन को बेहद विशेष बना देने वाला है। शिव भक्तों को सावन के हर सोमवार का बेसब्री से इंतजार रहता है और अब दूसरा सोमवार 17 जुलाई को होने के साथ ही उनके लिए यह समय बेहद खास भी बन जाएगा।
Sawan Somwar 2023
आईये एक नजर से देखें कि इस बार द्वितीय श्रावण सोमवार व्रत के दिन कौन कौन से योगों का होगा निर्माण, सावन के दूसरे सोमवार के दिन सोमवती अमावस्या होगी, हरियाली अमावस्या, सर्वार्थ सिद्धि योग, के साथ ही पुनर्वसु नक्षत्र का योग प्राप्त होगा। सावन के इस दूसरे सोमवार के दिन भगवान शिव के अभिषेक हेतु शिववास की प्राप्ति भी होगी। तो चलिए जानते हैं दूसरे सावन सोमवार पर बनने वाले विशिष्ट संयोगों के बारे में विस्तार पूर्वक।
सोमवार व्रत पूजा विधि मुहूर्त
सावन के दूसरे सोमवार व्रत के दिन अमृत काल का समय सुबह 05.30 से सुबह 07.14 तक होगा उसके पश्चात शुभ काल का समय 08:58 से 10:42 तक प्राप्त होगा. सोमवार के दिन प्रदोष काल मुहूर्त 19:22 से 20.38 तक रहने वाला है।
द्वितीय सोमवार व्रत के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्रत का संकल्प लेते हहुए शिव मंत्रों के साथ भगवान का जल से अभिषेक करना चाहिए। महादेव की षोडोपचार विधि से पूजा करने के पश्चात सोमवार व्रत कथा का पाठ एवं शिव चालीसा, शिव पुराण का पाठ करना उत्तम होता है। विधि विधान से पूजन द्वारा भगवान अपने भक्तों से सदैव प्रसन्न रहते हैं।
दूसरे सोमवार पर बनने वाले योग और उनका महत्व
इस साल सावन का दूसरा सोमवार कई मायनों में खास रहने वाला है। इस दिन एक या दो नहीं बल्कि कई सारे शुभ संयोग बन रहे हैं, इस समय रखा जाने वाला व्रत एवं पूजन भक्तों को भगवान शिव की कृपा के साथ माता पार्वती का अशीर्वाद प्रदान करने वाला समय बन जाएगा। शिव कृपा से व्यक्ति अपने जीवन में मौजूद ग्रह दोषों को शांत कर पाने में सफल होगा।
अमावस्या का योग
सावन के दूसरे सोमवार के दिन अमावस्या तिथि का होना इस दिन को बेहद महत्वपूर्ण बना देता है। इस दिन पर किया जाने वाला शिव पूजन पितरों की शांति हेतु सर्वोत्तम फल प्रदान करने वाला समय होता है।
सावन के दूसरे सोमवार को श्रावण माह की अमावस्या तिथि होने से इस दिन स्नान दान का महत्व कई गुना बढ़ जाने वाला है। इस समय पर किया गया दान अमोघ फल प्रदान करता है। दान का पुण्य अक्षय रुप से प्राप्त होता है।
सोमवार के दिन अमावस्या तिथि का योग होने से यह दिन सोमवती अमावस्या के रुप में भी पूजनीय होगा। इस दिन चंद्र पूजन के साथ साथ ग्रह शांति का समय होगा। इस समय पर किया गया पूजन व्यक्ति को अशुभ एवं नकारात्मक चीजों से बचाव करने वाला होता है। सोमवार के दिन अमावस्या होने पर भगवान शिव की पूजा अमृत के समान फल देने वाली होती है।
हरियाली अमावस्या भी इस दिन होगी, इस दिन शिव पूजन के साथ गौरी का पूजन भी विशेष होता है। शिव को शक्ति के मिलन द्वारा ही सृष्टि का स्वरुप निर्मित होता है। इस दिन किया जाने वाला शिव गौरी पूजन दांपत्य जीवन के सुख को प्रदान करता है।
पूर्ण होंगी मनोकामनाएं
श्रावण सोमवार के दिन शिव वास का योग होने से इस दिन रुद्राभिषेक का उत्तम फल भक्तों को मिल सकता है। सोमवार पुनर्वसु नक्षत्र में होने से यह दिन शुभता का सूचक बनता है। इसके द्वारा भौतिक सुखों की प्राप्ति संभव होती है। इस दिन शिव गौरी पूजन द्वारा सभी कामनाएं पूर्ण होंगी। Sawan Somwar 2023
एस्ट्रोलॉजर राजरानी
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