Friday, 17 May 2024

Tulsidas Jayanti 2023 Date: रामकथा को जन-जन तक पहुंचाने वाले तुलसीदास के जन्मोत्सव पर देश भर में मनाई जाती है तुलसीदास जयंती

Tulsidas Jayanti 2023 Date: श्रावण माह की सप्तमी तिथि के दिन तुलसीदास जयंती का पर्व मनाया जाता है. रामचरितमास के…

Tulsidas Jayanti 2023 Date: रामकथा को जन-जन तक पहुंचाने वाले तुलसीदास के जन्मोत्सव पर देश भर में मनाई जाती है तुलसीदास जयंती

Tulsidas Jayanti 2023 Date: श्रावण माह की सप्तमी तिथि के दिन तुलसीदास जयंती का पर्व मनाया जाता है. रामचरितमास के रचनाकार गोस्वामी तुलसीदास जी का जीवन राम भक्ति में ही बीता।

Tulsidas Jayanti 2023 कब है?

Tulsidas Jayanti 2023: इस वर्ष 23 अगस्त 2023 को बुधवार के दिन तुलसीदास जयंती मनाई जाएगी। देश भर में तुलसीदास जयंती का उत्सव बहुत ही भक्ति भाव के साथ मनाया जाता है। इस दिन पर देश भर में रामकाथाओं का आयोजन किया जाता है। इसी के साथ मंदिरों में रामायण कथा के साथ साथ झांकियों का भी आयोजन होते देखा जा सकता है।

goswami tulsidas jivan parichay

Tulsidas Jayanti 2023: तुलसी दास जी का जीवन राम भक्ति में ही व्यतीत हुआ। किंतु अपने जीवन के आरंभिक चरण में तुलसी जी भौतिक जीवन की ओर बहुत आकर्षित रहे किंतु अपने जीवन की एक घटना ने उनका संपूर्ण व्यक्तित्व ही बदल दिया। कहा जाता है कि अपनी पत्नी के व्यंग्य बाण को सुनकर ही उनका मन भौतिकता एवं माया से हट गया और वह राम भक्ति में ऎसे लीन हुए की उन्होंने रामायण जैसा महाकाव्य एवं धार्मिक ग्रंथ रच डाल तथा साथ ही सुंदरकाण्ड, हनुमान बाहुक, इत्यादि रचनाएं करके भक्ति को नया आयाम प्रदान किया।

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तुलसीदास जीवन परिचय

Tulsidas Jayanti 2023 Date गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म समय और जन्मस्थान एक नहीं रहा है विवादित रुप में जन्म समय और स्थान को लेकर कई मत प्रचलित रहे हैं। इसमें से एक मत के अनुसर गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म उत्तर प्रदेश के चित्रकूट स्थान में संवत् 1554 के करीब का माना जाता है। हिंदू माह के अनुसार श्रावण शुक्ल सप्तमी तिथि को इनके जन्म समय से जोड़ा गया है।

Tulsidas Jayanti 2023 Date गोस्वामी जी के जन्म होने के साथ ही कई कथाएं भी प्रचलित होती है। जिसमें से एक कथा के अनुसार जन्म के समय इनके मुख से पहला शब्द राम निकला था। इसके अलावा 12 महीने गर्भ में रहने के बाद ही इनका जन्म हुआ था। तुलसीदास जी के पिता का नाम आत्माराम दुबे और माता का नाम हुलसी देवी था।

महान संत और कवि तुलसी दास की जयंती का जश्न

Tulsidas Jayanti 2023: भारतीय संस्कृति एवं सभ्यता में ऎसे अनेकों रत्न मौजूद हैं जिनके द्वारा इस संस्कृति की श्रेष्ठता आज भी विश्व के भीतर जगमगा रही है। इसी श्रेणी में एक रत्न हैं तुलसीदास जीय़। गोस्वामी तुलसीदास जी का जन्म एवं उनका कर्म सभी कुछ इस हिंदू धर्म के कण कण में समाहित है। एक महान संत होने के साथ साथ एक श्रेष्ठ रचनाकार के रुप में आज भी वह हम सभी भारतीयों के भीतर जागृत रुप में विराजमान हैं। संत तुलसीदास जी द्वारा निर्मित रामायण ग्रंथ आज के युग की एक अमूल्य निधि है जिसके द्वारा जीवन का विकास किस प्रकार संभव हो पाता है।

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तुलसीदास की राम भक्ति

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Tulsidas Jayanti 2023 Date: कहा जाता है कि विवाह के बाद एक बार तुलसीदास जी का अपनी पत्नी के प्रति बहुत अधिक प्रेम था। वह उनके बिना नहीं रह पाते थे और एक बार जब उनकी पत्नी अपने मायके चली जाती हैं तो वह अपनी पत्नी के वियोग में व्याकुल होने लगते हैं और उनसे मिलने की इच्छा से पत्नी के पीछे-पीछे चल पड़ते हैं। अपने पति की यह हरकत देख कर रत्नावली कहती हैं कि “ अस्थि चर्म में देय यह , ता सो ऐसी प्रीति. नेकु जो होती राम से, तो काहे भव – भीत ?”
हड्डी माँस के इस शरीर से इतना प्रेम करते हो अगर राम से इतना प्रेम करो तो जीवन तो ये जीवन सुधर जाता. पत्नी की बातें सुनकर तुलसीदास जी का विवेक जागृत होता है और फिर उनके मन में राम भक्ति की ऎसी लौ लगती है कि वह उनके परम भक्तों में स्थान पाते हैं।

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