Coffee Day अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस दुनियाभर में प्रतिवर्ष 01 अक्टूबर को मनाया जाता है। कॉफी के चाहने वाले पूरी दुनिया मे हैं। इस खास दिन को मनाने का तात्पर्य यह है कि इस पेय को अधिक से अधिक बढ़ावा देना। उन लोगों का सम्मान करना जो एक लंबे समय से इस व्यवसाय से जुड़े हैं। इस दिन के माध्यम से हम उन सभी लोगों का सम्मान करते हैं, जो कॉफी को खेत से लेकर दुकान तक पहुंचाने के लिए कठिन मेहनत करते हैं। अंतरराष्ट्रीय कॉफी संगठन ने साल 2015 में इटली के मिलान में पहला विश्व कॉफी दिवस आयोजित किया था।
कॉफी कैसे भारत पहुंची:
माना जाता है कि 1670 में भारत में कॉफी पहुंची थी। इसे भारत में लाने का श्रेय एक भारतीय मुस्लिम सूफी संत बाबा बुदान को जाता है। उस समय अरब से कॉफी के बीजों को कहीं ले जाना जुर्म था। तब बाबा बुदान को एक तरकीब सूझी। उन्होंने कॉफी के सात बीजों को अपनी दाढ़ी में छिपा लिया और भारत ले आए। बुदान कर्नाटक के चिक्कामगलुरु जिले के रहने वाले थे। कहा जाता है कि इन सात बीजों को बाबा बुदान ने चंद्रगिरी की पहाड़ियों में उगाया, और यहीं से भारत में काफी का पहला उत्पादन शुरू हुआ।
Coffee Day
कॉफी दिवस का महत्व:
अंतरराष्ट्रीय कॉफी दिवस को मनाने का प्रमुख उद्देश्य है कॉफी की खेती करने वाले हजारों लाखों किसानों का समर्थन करना। इन किसानों की आजीविका का मुख्य स्रोत कॉफी होता है और इस दिवस को मनाने के महत्व का यह भी हिस्सा है कि कॉफी की खेती करने वाले किसानों की आय को मजबूती से बढ़ावा देना, उनके सामने आने वाली मुश्किलों को दुनिया के सामने लाना और कॉफी उद्योग को बढ़ावा देना है। उन लोगों को सम्मान और धन्यवाद करना जो कड़ी मेहनत करके कॉफी को खेतों से हमारे घरों तक पहुचते हैं । कॉफी का स्वाद हल्का सा कड़वाहट भरा होता है लेकिन इसके बावजूद लोग इसे मूड फ्रेश करने के लिये पीते हैं। कई लोगों के दिन की शुरुआत इसी से होती है। कॉफी पीने वालों के लिए इसके कई तरह के ऑप्शन मौजूद हैं। आइये आज हम आपको कॉफी के भिन्न-भिन्न स्वाद से लेकर इसको बनाने के तरीके के बारे में बताएंगे।
Coffee Day
कैफ़े लट्टे:
लोगों में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली यह कॉफ़ी तीन गुना अधिक मात्रा में दूध के साथ बनाई जाती है, जो इसे नियमित कॉफ़ी की तुलना में हल्के रंग और लगभग सफेद बनाती है। इसमें हल्की चीनी होती है और इसे कुकीज या पेस्ट्री जैसी अन्य चीज़ों में मिलाकर इसका आनंद लिया जा सकता है।
कैपेचीनो:
आप किसी भी मशहूर कॉफी शॉप मे जायेंगे तो आपको कैपेचीनो आपकी फ़ेवरेट कॉफी लिस्ट में जरूर मिल जायेगी। इसमें दूध का उपयोग किया जाता है और अक्सर इसे चॉकलेट सिरप या चॉकलेट पाउडर के साथ परोसा जाता है, जिसका स्वाद व्यक्तिगत पसंद पर निर्भर करता है।
कैफे मोचा :
कैफे मोचा बनाने का तरीका बहुत ही आसान होता है। इसमें बस कैपेचीनो कॉफी में कोको पाउडर मिला दिया जाता है और तैयार हो जाती है एक बेहद टेस्टी कॉफी। स्वाद और टेक्सचर को थोड़ा और बेहतर बनाने के लिए इसमें व्हीप्ड क्रीम का इस्तेमाल किया जाता है।
फ्रैपी कॉफी
अगर आप कोल्ड कॉफी पीने के शौकीन हैं तो आपको इसका स्वाद भी उतना ही अच्छा लगेगा ,क्योंकि यह ठंडी होती है, जिसे पीने के बाद आप एक दम तरोताज़ा महसूस करते हैं। इस कॉफी में ढेर सारे झाग होते हैं, आप इसे किसी भी कॉफी शॉप पर पी सकते हैं, लेकिन अगर आप चाहते हैं कि घर पर इसका स्वाद लें तो इसे घर पर भी बनाना काफी आसान है। इसके लिए आपको बस जरूरत है इंस्टेंट कॉफी, ठंडा पानी, चीनी और दूध। दूध में चीनी और कॉफी को मिक्स करके अच्छी तरह से ब्लेंड करें। आप इसे जितना ज्यादा ब्लेंड करेंगे, कॉफी में उतना ही ज्यादा झाग बनेगा और कॉफी का स्वाद भी बढ़ेगा। तो बस तैयार है आपका फ्रैपी कॉफी, घर बैठे इस टेस्टी फ्रैपी कॉफी का आनंद लीजिए।
इंडियन फिल्टर कॉफी:
इंडियन फिल्टर कॉफी, भारत के दक्षिण इलाकों में ज्यादा मशहूर है। इसमें भुने हुए कॉफी बीन्स को तैयार किया जाता है और दूध व चीनी मिलाकर बनाई जाती है। नॉर्मल कॉफी की तुलना में यह थोड़ी मीठी भी होती है। भारत में सबसे ज्यादा पसंद की जाने वाली कॉफी है और ये भारत के सभी हिस्सों मे मिलती है ।
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