UP News : उत्तर प्रदेश भारत का सबसे अधिक जनसंख्या वाला राज्य है जहां गांवों की तादाद भी सबसे ज्यादा है। उत्तर प्रदेश की ग्रामीण संस्कृति और पारंपरिक जीवनशैली भारत की आत्मा मानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि उत्तर प्रदेश का सबसे छोटा गांव कौन-सा है? अगर नहीं तो आज हम आपको इस लेख के मध्यम से उत्तर प्रदेश के सबसे छोटे गांव (Smallest Villages of UP) के बारे में बताने जा रहे है जो भले ही क्षेत्रफल में छोटा हो लेकिन इतिहास और पहचान में किसी से कम नहीं।
देश के चौथे सबसे बड़े राज्य में बसा है उत्तर प्रदेश का यह छोटा गांव
उत्तर प्रदेश का कुल क्षेत्रफल करीब 2,40,928 वर्ग किलोमीटर है जो भारत के कुल क्षेत्र का लगभग 7.33% हिस्सा है। इस विशाल राज्य में करीब 1 लाख 6 हजार से अधिक गांव बसे हुए हैं जो इसे ‘गांवों का प्रदेश’ बना देते हैं और इन्हीं गांवों में एक है भूड़िया, जो प्रदेश का सबसे छोटा गांव माना जाता है।
सबसे छोटे जिले में बसा है यह सबसे छोटा गांव
दिलचस्प बात यह है कि यह छोटा गांव राज्य के सबसे छोटे जिले में स्थित है हापुड़। करीब 660 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल वाला हापुड़ जिला स्टील और पापड़ उद्योग के लिए प्रसिद्ध है और अब यह भूड़िया गांव के कारण भी खास बन गया है।
2 किलोमीटर में पूरी बसावट
भूड़िया गांव की कुल लंबाई केवल दो किलोमीटर में ही सिमटी हुई है। यहां की कुल जनसंख्या 1272 दर्ज की गई है और जनसंख्या घनत्व प्रति वर्ग किलोमीटर 260 व्यक्ति है। गांव छोटा है लेकिन सुविधाओं और सामाजिक सौहार्द में पीछे नहीं है।
गांव का ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी कम दिलचस्प नहीं
इतिहास पर नजर डालें तो कहा जाता है कि वर्ष 1615 में हरियाणा के बड़ोली गांव से बैसला गोत्र के तीन बुजुर्गों ने पलायन किया था। इनमें से दो मेरठ में बसे और तीसरे ने भूड़िया के पास स्थित दहिरपुर राजजपुर गांव में डेरा जमाया। बाद में 1755 के आसपास भूड़िया के लोगों ने जाटों के साथ युद्ध कर गांव की नींव रखी। वर्तमान में इस गांव में गुर्जर समाज के लोग प्रमुखता से निवास करते हैं।
छोटा गांव की बड़ी विरासत
भूड़िया गांव भले ही क्षेत्रफल में छोटा है लेकिन इसकी ऐतिहासिक विरासत, सामाजिक समरसता और सांस्कृतिक पहचान इसे बेहद खास बनाती है। ऐसे गांव ही हैं जो भारत की असल आत्मा को जीवित रखते हैं।