Thane : डॉक्टर से अपहरण के बाद 30 लाख रुपये वसूलने के पांच आरोपी गिरफ्तार

Thane : डॉक्टर से अपहरण के बाद 30 लाख रुपये वसूलने के पांच आरोपी गिरफ्तार
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calendar23 Apr 2023 11:25 AM
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ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे जिले में पुलिस ने 38 वर्षीय एक डॉक्टर के अपहरण और उससे 30 लाख रुपये वसूलने के आरोप में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी।

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लिफ्ट लेने के बाद दिया घटना को अंजाम

अधिकारी ने बताया कि डॉक्टर 22 अक्टूबर 2022 को अपने स्कूटर से जा रहा था। तभी एक व्यक्ति ने उससे लिफ्ट मांगी। कुछ दूर जाने के बाद उस व्यक्ति के साथी भी वहां पहुंच गए और वे डॉक्टर की आंखों पर पट्टी बांधकर कार से उसे मुरबाड़ इलाके के सरलगांव में एक जंगल में ले गए।

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आरोपियों को 26 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेजा

मुरबाड़ पुलिस थाने के वरिष्ठ निरीक्षक प्रसाद पंढारे ने बताया कि आरोपियों ने डॉक्टर की पत्नी को फोन किया और उसे छोड़ने से पहले कथित तौर पर 30 लाख रुपये की फिरौती ली। उन्होंने बताया कि इस घटना के 25 दिन बाद डॉक्टर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करायी। उन्होंने बताया कि पुलिस दल ने कुछ दिन पहले आरोपियों की पहचान की तथा उन्हें गिरफ्तार कर लिया। पंढारे ने बताया कि अभी अपराध के पीछे की वजह का पता नहीं चला है। एक स्थानीय अदालत ने आरोपियों को 26 अप्रैल तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है। देश विदेश की खबरों से अपडेट रहने लिए चेतना मंच के साथ जुड़े रहें। देशदुनिया की लेटेस्ट खबरों से अपडेट रहने के लिए हमें फेसबुक पर लाइक करें या ट्विटर पर फॉलो करें।
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आखिर धर लिया गया भगोड़ा खालिस्तानी अमृतपाल, जानिए कौन कर रहा था मदद Amritpal Singh Arrested

आखिर धर लिया गया भगोड़ा खालिस्तानी अमृतपाल, जानिए कौन कर रहा था मदद Amritpal Singh Arrested
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userचेतना मंच
calendar02 Dec 2025 02:36 AM
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Amritpal Singh Arrested / चंडीगढ़। कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को पंजाब के मोगा जिले से रविवार को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने बताया कि उसे असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेजा जाएगा।

Amritpal Singh Arrested

पुलिस अधिकारी ने कहा कि अमृतपाल सिंह पर रासुका लगी है और उसे डिब्रूगढ़ ले जाया जाएगा। पंजाब पुलिस ने खालिस्तान समर्थक के खिलाफ पहले ही सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) लगाया हुआ है।

पुलिस ने 18 मार्च को अमृतपाल सिंह तथा उसके संगठन ‘वारिस पंजाब दे’ के सदस्यों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू की थी जिसके बाद से वह फरार था।

अमृतपाल तथा उसके साथियों पर विभिन्न वर्गों के बीच वैमनस्य पैदा करने, हत्या का प्रयास करने, पुलिसकर्मियों पर हमला करने और लोक सेवकों के काम में बाधा पैदा करने से जुड़े कई आपराधिक मामले दर्ज हैं।

जानें कौन हैं अमृतपाल के मददगार

किरणदीप कौर: यह अमृतपाल की पत्नी है। इसी साल 10 फरवरी को दोनों की शादी हुई है। पुलिस को आशंका है कि किरणदीप को अमृतपाल को हो रही विदेशी फंडिंग की जानकारी है। इसके अलावा, खुफिया एजेंसियों को इस बात की आशंका है कि किरणदीप कौर आनंदपुर खालसा फोर्स (AKF) और 'वारिस पंजाब दे' के लिए धन जुटाने का काम करती थी। पुलिस ने कथित विदेशी फंडिंग के मामले में किरणदीप कौर से करीब एक घंटे तक पूछताछ की थी।

तूफान सिंह: वारिस पंजाब दे का सक्रिय सदस्य है और अमृतपाल सिंह बेहद करीबी भी। आरोप है कि लवप्रीत तूफान ने अमृतपाल के खिलाफ टिप्पणी करने पर एक व्यक्ति का अपहरण कर लिया था। यह अमृतपाल के लिए लोगों को डराने-धमकाने का काम करता था। अमृतपाल ने तूफान सिंह को रिहा कराने के लिए 24 फरवरी को अजनाला थाने पर धावा बोल दिया था।

पप्पलप्रीत सिंह: यह अमृतपाल का मेन हैंडलर था। अमृतपाल इसे अपना मेंटर मानता है। पप्पलप्रीत के कहने पर ही अमृतपाल ने कट्टरपंथी सिख उपदेशक से एक साधारण व्यक्ति का रूप लिया। वह पंजाब में खालिस्तान का माहौल खड़ा करने के लिए आईएसआई के सीधे संपर्क में था। वह राज्य में आतंकवाद की साजिश कर रहा था।

दलजीत सिंह कलसी: यह अमृतपाल का फाइनेंसर था। दलजीत आईएसआई और अमृतपाल के बीच की अहम कड़ी भी है। वह पाकिस्तान के कई देशों में स्थित महावाणिज्य दूतावासों में तैनात अफसरों से संपर्क में था। विदेश से फंडिग के लिए उसने स्टर्लिंग इंडिया एजेंसी नाम की एक कंपनी बनाई थी। पड़ताल में पता चला था कि पिछले दो साल में विदेश से करीब 35 करोड़ रुपये उसने जुटाए थे। इस राशि का बहुत सा हिस्सा उसने अमृतपाल और वारिस पंजाब दे पर खर्च किया था।

गुरमीत सिंहः आरोप है कि गुरमीत ने अमृतपाल के लिए लोकल नेटवर्क खड़ा करने में मदद की थी। इसके अलावा 18 मार्च को उसे भगाने में भी हर तरह के इंतजाम किए थें पुलिस ने उसे एनएसए के तहत गिरफ्तार कर डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल में रखा था।

भगवंत सिंह: यह अमृतपाल का सोशल मीडिया मैनेजर और मीडिया कॉर्डिनेटर था। अजनाला पुलिस स्टेशन पर हुए हमले में उसकी बड़ी भूमिका थीं वह खुद को सोशल मीडिया इन्फ्लुएंशर बताता था। उसके फेसबुक पर करीब 6.11 लाख फॉलोअर थे। पुलिस ने उसके इंस्टाग्राम, यूट्यूब चैनल को ब्लॉक कर उसे एनएसए के तहत अरेस्ट किया था।

हरजीत सिंह: यह अमृतपाल का चाचा है और कट्टर खालिस्तान समर्थक नेता। अमृतपाल सबसे पहले जिस कार से भागा था, उसे हरजीत ही चला रहा था। अमृतपाल दुबई में उसी के साथ काम करता था। अमृतपाल के पंजाब लौटने के कुछ महीनों के भीतर ही हरजीत भी लौट आया था। ऐसी आशंका है कि हरजीत को अमृतपाल को दुबई से पंजाब भेजने की साजिश की पूरी जानकारी थी और वह भी इसका हिस्सा था।

तेजिंदर सिंह: यह अमृतपाल का खास गुर्गा है। वह हर वक्त उसकी सुरक्षा में तैनात रहता था। अजनाला केस में भी तेजिंदर आरोपी है। तेजिंदर पहले भी जेल जा चुका है। इसके खिलाफ पहले से लड़ाई और शराब तस्करी का मामला दर्ज है। तेजिंदर सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो भी पोस्ट करता है।

बलजीत कौर: अमृतपाल जब पंजाब से फरार हुआ तो वह हरियाणा के कुरुक्षेत्र में गया था. वह यहां 32 वर्षीय बलजीत कौर के घर पर रुका था. वह यहां 19 मार्च से 21 मार्च तक ठहरा था. रात को खाना खाते वक्त बलजीत कौर के भाई ने अमृतपाल को पहचान लिया था, लेकिन सबने मिलकर बलजीत के भाई को शांत करवा दिया था. उसका भाई एसडीएस कार्यालय में काम करता है. अमृतपाल ने बलजीत कौर और उसके भाई के फोन से कुछ नंबरों पर फोन कॉल किया था. कॉल करने के बाद मोबाइल से नंबर डिलीट कर दिया. बलजीत कौर ने एमबीए किया हुआ है. वह इंस्टाग्राम के जरिये अमृतपाल के संपर्क में आई थी. Amritpal Singh Arrested

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Satpal Malik Issu : सत्यपाल मलिक को तलब करना सच बोलने वालों को चुप रहने का संदेश : कांग्रेस

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calendar01 Dec 2025 10:51 AM
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Satpal Malik Issu / नई दिल्ली। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) द्वारा समन भेजे जाने को लेकर शनिवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा कि इसका मकसद उन्हें तथा सच बोलने सभी लोगों को चुप रहने का संदेश देना है। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि हालांकि, समन आश्चर्यजनक नहीं है, लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित प्रासंगिक और महत्वपूर्ण सवाल उठाने के 10 दिन बाद ‘प्रतिशोधी’ कदम उठाया गया।

Satpal Malik Issu

उन्होंने संवाददाताओं से कहा​ कि हम नहीं जानते कि प्रधानमंत्री को 10 दिन क्यों लग गए। आमतौर पर वह अपने आलोचकों को चुप कराने में बहुत तेजी दिखाते हैं। सत्यपाल मलिक ने क्या किया? उन्होंने कुछ बहुत ही प्रासंगिक, बहुत ही महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे... राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि सीबीआई ने मलिक से केंद्र-शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में कथित बीमा घोटाले के सिलसिले में कुछ सवालों के जवाब मांगे हैं। सात महीने में यह दूसरी बार है, जब सीबीआई मलिक से पूछताछ करेगी। बिहार, जम्मू-कश्मीर, गोवा और मेघालय में राज्यपाल के रूप में उनकी जिम्मेदारी पूरी होने के बाद पिछले साल अक्टूबर में उनसे पूछताछ की गई थी। खेड़ा ने कहा कि मलिक ने फोन पर कहा था कि 14 फरवरी, 2019 को पुलवामा आतंकवादी हमला सुरक्षा चूक के कारण हुआ कि लेकिन प्रधानमंत्री ने उन्हें चुप रहने के लिए कहा।

केंद्र सरकार के निशाने पर अब सत्यपाल मलिक

खेड़ा ने कहा कि सत्यपाल मलिक को कल सीबीआई का समन उसी सलाह का हिस्सा है, जो प्रधानमंत्री ने 14 फरवरी, 2019 की शाम को उन्हें दी थी। श्री सत्यपाल मलिक को इस बार चुप रहने के लिए कहा जा रहा है, हालांकि संदेश सीबीआई के जरिये दिया जा रहा है। यह संदेश केवल उन्हें ही नहीं, बल्कि सच बोलने वाले सभी लोगों को दिया जा रहा है। कांग्रेस नेता ने कहा कि हम नहीं जानते कि श्री राम माधव को सीबीआई ने तलब किया है या नहीं, जिन पर मलिक ने भ्रष्टाचार में शामिल होने का आरोप लगाया था। माधव अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को यह कहते हुए खारिज कर चुके हैं कि वह जल्द ही मानहानि का मामला दायर करेंगे। वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने सीबीआई प्रमुख को भेजा अपना पत्र साझा किया, जिसमें कहा गया है कि मेघालय विधानसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार को ‘सबसे भ्रष्ट’ बताए जाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को तलब किया जाना चाहिए।

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