सावधान! कोरोना वैक्सीन के नाम पर हो रही है ठगी, ऐसे कॉल का न दें जवाब

Vaccine
COVID-19 Vaccine Scam
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 May 2024 09:58 PM
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COVID-19 Vaccine Scam : आजकल टेक्नोलॉजी जितनी तेजी से आगे बढ़ रही है, फायदा के साथ नुकसान भी उठना पड़ रहा है। दरअसल साइबर जालसाज लोगों को आपने जाल में फांसने के लिए नए-नए तरीके ढूंढ रहे है। ताजा मामला कोरोना वैक्सीन से जुड़ा है। साइबर जालसाज कोरोना वैक्सीन की आड़ में लोगों से ठगी कर रहे है। आइए जानते है कैसे कोरोना के नाम पर हो रही है ठगी।

क्या है पूरा मामला?

दऱअसल पिछले कई दिनों से कोरोना वैक्सीन को लेकर चर्चा जारी है। जिसके बाद साइबर हैकर्स को धोखाधड़ी करने का नया तरीका मिल गया है। यह जालसाज भोले-भाले लोगों को फोन करके कोरोना वैक्सीन से जुड़ी जानकारी मांग रहे है और उनके बैंक अकाउंट को खाली कर रहे है। क्योंकि कई लोग ऐसे होते है जिन्हें नहीं पाता होता कि कॉल फर्जी है या असली, जिसके कारण मासूम लोग ठगी का शिकार बन रहे है।

COVID-19 Vaccine Scam

 कैसे की जाती है ठगी?

आपको बता दें कि साइबर ठगी कई तरह कि जाती है, कुछ जालसाज एसएमएस-मैसेज का सहारा लेते हैं, तो कुछ सोशल मीडिया के द्वारा कर रहे है। इसके लिए आपके पास मैसेज में खतरनाक लिंक को भेजा जाता है, जिस पर क्लिक करते ही आपकी जानकारी हैकर्स के पास पहुंच जाती है। वहीं, जालसाज सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट और ऐड बनाकर लोगों भटका रहे है।

कोराना वैक्सीन के नाम पर धोखाधड़ी

आज के टाइम में सबसे ज्यादा धोखाधड़ी कॉल के जरिए की जा रही है। साइबर अपराधियों के लिए ‘फोन कॉल’ ठगी करने का एक तेज तरीका है, जिससे कुछ ही मिनटों में धोखाधड़ी की जाती है। दरअसल जालसाज खुद को पहले हेल्थ डिपार्टमेंट या वैक्सीन सेंटर का सरकारी अधिकारी बताते है। फिर वह आपसे पूछते हैं कि आपने कोराना वैक्सीन लगवाई या नहीं। इसके बाद किसी तरह वो आपसे जरूरी जानकारी ले लेते है। फिर जालसाज आपके नंबर पर एक OTP भेजेंगे। ताकि आपको यकीन हो जाए कॉल वैक्सीन वालो की तरफ से ही है। यही से असली खेल शुरू किया जाता है। जो लोग ओटीपी बताते हैं, ओटीपी के जरिए उनके बैंक अकाउंट को हैक कर लेते है। जिसके बाद हैकर्स आपके अकाउंट को साफ कर देते है। अगर आपके पास भी कोई ऐसी फेक कॉल आए तो आप सावधान रहे।

कोराना वैक्सीन की धोखाधड़ी से बचे

अगर आप इन फेक कॉल से बचना चाहते है तो, किसी भी अनजान व्यक्ति का फोन कॉल या एसएमएस का का जवाब देने से बचें। वहीं कोई अगर कोरोना वैक्सीन से जुड़ी जानकारी पूछ रहा है और मैसेज करता है और दावा करता है कि वो एक सरकारी कर्मचारी है, तो उससे सावधान हो जाएं। किसी भी तरह की जानकारी देने से पहले उसकी पहचान और असलियत के बारें में जान लें। COVID-19 Vaccine Scam

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झारखंड में बार-बार मिल रहा है नोटों का जखीरा, गिनने में छूटे पसीने

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ED Raid In Jharkhand
locationभारत
userचेतना मंच
calendar30 Nov 2025 06:32 AM
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ED Raid In Jharkhand : झारखंड प्रदेश एक बार फिर से सुर्खियों में है। झारखंड की राजधानी रांची में एक बार फिर से नोटों का बड़ा जखीरा बरामद हुआ है। 500-500 रूपए के इतने नोट मिले हैं कि नोटों की गिनती करने में ED के अधिकारियों तथा कर्मचारियों के पसीने छूट रहे हैं। झारखंड में इस बार नोटों का यह जखीरा झारखंड सरकार के एक मंत्री के पीए.... के चपरासी के घर के अंदर से मिला है। झारखंड सरकार का मंत्री कांग्रेस पार्टी का विधायक है।

नोटों का अम्बार देखकर चौंक गए ED वाले

आपको बता दें कि ED की एक टीम ने सोमवार की सुबह झारखंड सरकार के मंत्री आलमगीर के PA संजीव पाल के चपरासी के घर छापा मारा। छापेमारी के दौरान घर में इतने नोट मिले कि ED के अधिकारी भी चौंक गए। जब हम यह समाचार लिख रहे थे तब तक चपरासी के घर में ED के अधिकारी 30 करोड़ रूपए से अधिक के नोटों की गिनती कर चुके थे। ED ने यह छापा झारखंड सरकार में तैनात रहे इंजीनियर वीरेन्द्र राम के केस में मारा है। झारखंड के ग्रामीण विकास विभाग का चीफ इंजीनियर वीरेन्द्र राम एक महीने पहले मनी लॉड्रिंग के केस में गिरफ्तार किया गया था। वीरेन्द्र राम ने बताया था कि वह रिश्वत का पैसा मंत्री आलमगीर के पास पहुंचाता था। वीरेन्द्र राम की निशानदेही पर झारखंड के मंत्री आलमगीर, उनके PA संजीव पाल तथा संजीव पाल के चपरासी के ठिकानों पर छापे मारे हैं। पहले मिले थे 350 करोड़ रूपए के नोट।

जब बरामद हुई 351 करोड़ की नकदी

दरअसल, वर्ष 2023 के दिसंबर महीने में आयकर विभाग ने कांग्रेस सांसद धीरज साहू के ठिकानों पर छापा मारा था। इस छापेमारी में कुल 351 करोड़ रुपये की संपत्ति बरामद हुई थी। इतिहास में ये पहली बार था, जब छापेमारी में इतनी बड़ी रकम बरामद हुई थी। तब आयकर विभाग ने ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के 40 से ज्यादा ठिकानों पर छापा मारा था। इतनी नकदी बरामद हुई थी कि उसे गिनने के लिए 40 मशीनें लगी थीं। वहीं, 200 बैग और ट्रंक में भरकर इस रकम को ले जाया गया था। आयकर विभाग का कहना था कि ये सारा पैसा देसी शराब की नकद बिक्री से कमाया गया है। दरअसल, साहू परिवार सवा सौ साल से शराब के कारोबार से जुड़ा हुआ है। ओडिशा और झारखंड में शराब की ज्यादातर दुकानें साहू परिवार की ही हैं। इतनी बड़ी नकदी बरामद होने पर धीरज साहू ने दावा किया था कि ये सारा पैसा परिवार का है और इससे कांग्रेस का लेना-देना नहीं है। वहीं, इस साल फरवरी में धीरज साहू ने 351 करोड़ रुपये में से 150 करोड़ रुपये पर टैक्स भर दिया था। खबर थी कि साहू ने 150 करोड़ रुपये की कमाई पर टैक्स भर दिया है। जबकि बाकी की कमाई का रिटर्न अगले साल भरा जाना है।

भारत के बैंकों ने खोल दिया अपना खजाना, जमकर बांट रहे हैं होम लोन

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भारत के बैंकों ने खोल दिया अपना खजाना, जमकर बांट रहे हैं होम लोन

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India News
locationभारत
userचेतना मंच
calendar06 May 2024 07:24 PM
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India News : भारत के बैंकों ने होम लोन (Home Loan) के लिए अपना खजाना खोल दिया है। होम लोन (Home Loan) को आसान भाषा में हाउसिंग लोन भी कहा जाता है। भारत के बैंक पिछले दो साल में 10 लाख करोड़ रूपए का होम लोन बांट चुके हैं। दो साल में भारत में होम लोन 10 लाख करोड़ रूपये से बढक़र अब तक 27 लाख करोड़ रूपए हो गया है। इसका मतलब यह है कि भारत में 27 लाख करोड़ रूपए का होम लोन बांटा जा चुका है।

खूब लोन बांटा जा रहा है

भारतीय रिवर्ज बैंक (RBI) की एक ताजा रिपोर्ट साफ संकेत कर रही है कि भारत के बैंक होम लोन (Home Loan) लेने वालों के लिए अपने खजाने खोलकर बैठे हुए हैं। हर किसी को आसानी से होम लोन दिया रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में इन दिनों मकानों की बढ़तीं कीमतें और ब्याज दरों में तेजी के बावजूद कर्ज लेने की रफ्तार अच्छी खासी बढ़ रही है। पिछले दो साल में हाउसिंग लोन करीब 10 लाख करोड़ बढ़कर इस साल मार्च में रिकॉर्ड 27.23 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

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विश्लेषकों का मानना है कि कोरोना के बाद आवासीय संपत्तियों में मजबूत सुधार से हाउसिंग लोन में जबरदस्त तेजी देखी गई है। आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च, 2022 में कुल हाउसिंग लोन 17.26 लाख करोड़ था जो मार्च, 2023 में 19.88 लाख करोड़ २ रुपये हो गया। आंकड़ों के मुताबिक, वाणिज्यिक रिंयल एस्टेट में कुल उधारी 4.48 लाख करोड़ रुपये रही है जो मार्च, 2022 में 2.97 लाख करोड़ रुपये थी। बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस कहते हैं कि सरकारी प्रयासों से सस्ते मकानों की मांग में तेजी आई है। साथ ही कोरोना में घर की बिक्री अच्छी खासी घटी थी और अब यह उससे ज्यादा रफ्तार से बढ़ रही है। हालांकि आने वाले समय में होम लोन की वृद्धि दर 15-20 फीसदी के बीच रह सकती है। India News

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