Saturday, 28 December 2024

Hindi Kavita – रुठूंगा मैं तुमसे इक दिन इस बात पे

रुठूंगा मैं तुमसे इक दिन इस बात पे जब रूठा था मैं तो मनाया क्यूँ नहीं। कहते थे तुम तो…

Hindi Kavita – रुठूंगा मैं तुमसे इक दिन इस बात पे

रुठूंगा मैं तुमसे इक दिन इस बात पे
जब रूठा था मैं तो मनाया क्यूँ नहीं।

कहते थे तुम तो करते हो मुझसे प्यार,
जो दिखाया मैने नखरा तो उठाया क्यूँ नहीं।

मुहँ फेर कर जब खडा था मैं वहां
बुलाकर पास सीने से अपने लगया क्यूँ नहीं।

पकड़ कर तेरे हाथ पुहूँगा मैं तुमसे
हक अपना मुझ पर तुमने जताया क्यूँ नहीं।

इस धागे का एक सिरा तुम्हारे पास भी तो था
उलझा था अगर मुझसे तो तुमने सुलझाया क्यूँ नहीं।

  • अज्ञात

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