246 साल में पहली बार अमेरिकी सिख नौसैनिक को पगड़ी पहनने की मिली इजाजत
एजेंसी: अमेरिकी नौसेना के 246 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी सिख को ड्यूटी…
Anzar Hashmi | September 27, 2021 12:36 PM
एजेंसी: अमेरिकी नौसेना के 246 साल के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब किसी सिख को ड्यूटी के दौरान पगड़ी पहनने की इजाजत दी गई हो। अमेरिका निवासी 26 वर्षीय भारतवंशी सिख नौसैनिक अधिकारी को कुछ सीमाओं के साथ पगड़ी पहनने की इजाजत दी गई है। ऐसा अमेरिकी नौसेना के 246 साल के इतिहास में पहली बार हुआ है। इसके साथ ही नौसैनिक ने पूर्ण धार्मिक आजादी की मांग की है और ऐसा नहीं होने पर वह कोर के खिलाफ मुकदमा करने का मन बना रहे हैं। द न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, ‘लगभग पांच साल से हर सुबह सुखबीर तूर अमेरिकी नौसैनिक कोर की वर्दी पहनते रहे हैं। गुरुवार को सिख मत के अनुरूप सिर पर पगड़ी पहनने की उनकी इच्छा भी पूरी हो गई।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि नौसैनिक कोर के 246 साल के इतिहास में तूर पहले व्यक्ति हैं, जिन्हें पगड़ी पहनने की अनुमति मिली है। तूर ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘खुशी है कि मुझे मेरे विश्वास व देश में से किसी एक को चुनने की नौबत नहीं आई। मैं दोनों का सम्मान करता हूं।’ तूर ने इस अधिकार को पाने के लिए काफी संघर्ष किया है। इस साल जब वह पदोन्नति पाकर कैप्टन बने तो उन्होंने अपील करने का फैसला किया था। रिपोर्ट के अनुसार, यह इतने लंबे समय तक चला अपनी तरह का पहला मामला था। उल्लेखनीय है कि इससे पहले अमेरिकी सेना व वायुसेना में दाढ़ी रखने और पगड़ी पहनने के लिए भी सिख समुदाय के सैनिक लड़ाई लड़ चुके हैं। परिणामस्वरूप उन्हें इसकी इजाजत मिली और फिलहाल करीब 100 सिख दाढ़ी व पगड़ी के साथ अमेरिकी सेना व वायुसेना में सेवाएं दे रहे हैं।
सभी जगह पगड़ी पहनने की अनुमति के लिए तूर लड़ेंगे एक और लड़ाई
वाशिंगटन व ओहायो में पले-बढ़े भारतवंशी तूर को कुछ सीमाओं के साथ ड्यूटी पर पगड़ी पहनने की अनुमति मिली है। शर्त है कि वह सामान्य ड्यूटी के दौरान पगड़ी पहन सकते हैं, लेकिन युद्ध क्षेत्र में तैनात होने पर इसकी इजाजत नहीं होगी। द न्यूयार्क टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि तूर ने मरीन कोर कमांडेंट के प्रतिबंधात्मक निर्णय के खिलाफ अपील की है। तूर का कहना है कि अगर उन्हें सभी जगह पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं मिली तो वह कोर के विरुद्ध मुकदमा करेंगे।