बीएमसी चुनाव 2026: संजय निरुपम के बयान से सियासी हलचल
संजय निरुपम ने दावा किया कि बीएमसी चुनाव के बाद महायुति का ही मेयर चुना जाएगा। उन्होंने कहा कि मुंबई का मेयर कौन होगा, इसका फैसला मराठी भाषा बोलने वाले मुंबई के मतदाता करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो भी मेयर बनेगा, वह हिंदू और मराठी भाषी होगा।

महाराष्ट्र की बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य में 15 जनवरी 2026 को होने वाले महानगरपालिका चुनाव से पहले सभी दल अपनी रणनीति मजबूत करने में जुटे हैं। इसी बीच शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम का बड़ा बयान सामने आया है, जिसने सियासी हलकों में हलचल बढ़ा दी है।
अपने बयान में संजय निरुपम ने कहा
बता दें कि जो लोग जिहादियों के दबाव में बुर्का या टोपी पहनने वाले व्यक्ति को मेयर बनाने का सपना देख रहे हैं, उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है और विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाओं का भी इंतजार किया जा रहा है।
15 जनवरी 2026 को होंगे महाराष्ट्र में महानगरपालिका चुनाव
बता दें कि महाराष्ट्र में 15 जनवरी 2026 को सभी प्रमुख महानगरपालिकाओं के चुनाव होने जा रहे हैं। इस चुनाव को लेकर राज्य की राजनीति में कई बड़े गठबंधन देखने को मिल रहे हैं। कई वर्षों बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही हैं, हालांकि बीएमसी को लेकर दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा अभी तय नहीं हुआ है।
मुंबई चुनाव को लेकर दलों की बढ़ती सक्रियता और बयानबाजी
बता दें कि इसके अलावा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के साथ गठबंधन में चुनाव मैदान में है। वहीं, महाविकास अघाड़ी की सहयोगी रही कांग्रेस ने इस बार अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बीएमसी की 227 सीटों के लिए कांग्रेस ने वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के साथ गठबंधन किया है। बीएमसी चुनाव को लेकर सभी दलों की सक्रियता और लगातार आ रहे बयानों से यह साफ है कि आने वाले महीनों में मुंबई की राजनीति और भी गर्माने वाली है।
महाराष्ट्र की बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के आगामी चुनावों को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गई है। राज्य में 15 जनवरी 2026 को होने वाले महानगरपालिका चुनाव से पहले सभी दल अपनी रणनीति मजबूत करने में जुटे हैं। इसी बीच शिवसेना (शिंदे गुट) के नेता और पूर्व सांसद संजय निरुपम का बड़ा बयान सामने आया है, जिसने सियासी हलकों में हलचल बढ़ा दी है।
अपने बयान में संजय निरुपम ने कहा
बता दें कि जो लोग जिहादियों के दबाव में बुर्का या टोपी पहनने वाले व्यक्ति को मेयर बनाने का सपना देख रहे हैं, उनका यह सपना कभी पूरा नहीं होने दिया जाएगा। उनके इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में बयानबाजी तेज हो गई है और विपक्षी दलों की प्रतिक्रियाओं का भी इंतजार किया जा रहा है।
15 जनवरी 2026 को होंगे महाराष्ट्र में महानगरपालिका चुनाव
बता दें कि महाराष्ट्र में 15 जनवरी 2026 को सभी प्रमुख महानगरपालिकाओं के चुनाव होने जा रहे हैं। इस चुनाव को लेकर राज्य की राजनीति में कई बड़े गठबंधन देखने को मिल रहे हैं। कई वर्षों बाद उद्धव ठाकरे की शिवसेना (यूबीटी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) एक साथ मिलकर चुनाव लड़ने जा रही हैं, हालांकि बीएमसी को लेकर दोनों दलों के बीच सीटों का बंटवारा अभी तय नहीं हुआ है।
मुंबई चुनाव को लेकर दलों की बढ़ती सक्रियता और बयानबाजी
बता दें कि इसके अलावा शरद पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी भी शिवसेना (यूबीटी) और मनसे के साथ गठबंधन में चुनाव मैदान में है। वहीं, महाविकास अघाड़ी की सहयोगी रही कांग्रेस ने इस बार अलग चुनाव लड़ने का फैसला किया है। बीएमसी की 227 सीटों के लिए कांग्रेस ने वंचित बहुजन आघाड़ी (VBA) के साथ गठबंधन किया है। बीएमसी चुनाव को लेकर सभी दलों की सक्रियता और लगातार आ रहे बयानों से यह साफ है कि आने वाले महीनों में मुंबई की राजनीति और भी गर्माने वाली है।











