Sheikh Hasina: बांग्लादेश की अवामी लीग पार्टी के सीनियर नेता रब्बी आलम ने हाल ही में बड़ा दावा किया है कि शेख हसीना(Sheikh Hasina) जल्द ही प्रधानमंत्री के रूप में बांग्लादेश लौट सकती हैं। आलम ने यह बयान बुधवार को देते हुए बांग्लादेश में उत्पन्न राजनीतिक संकट के बीच शेख हसीना (Sheikh Hasina) और अवामी लीग के नेताओं को सुरक्षित शरण देने और उन्हें सुरक्षित यात्रा मार्ग प्रदान करने के लिए भारत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने विशेष रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया और उनकी भूमिका को स्वीकारते हुए कहा कि भारत ने शेख हसीना के लिए एक सुरक्षित मार्ग सुनिश्चित किया है।
बांग्लादेश में बढ़ता राजनीतिक संकट और अंतरराष्ट्रीय हस्तक्षेप की आवश्यकता
रब्बी आलम ने बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक हालात पर चिंता जताते हुए इसे गंभीर संकट बताया। उन्होंने इस संदर्भ में अंतरराष्ट्रीय समुदाय से हस्तक्षेप की आवश्यकता का उल्लेख किया। आलम ने बांग्लादेश में पिछले साल हुए आंदोलन को आतंकवादी विद्रोह करार दिया और कहा कि यह आंदोलन राजनीतिक नहीं था, बल्कि एक आतंकवादी विद्रोह था। उनका कहना था कि बांग्लादेश पर बाहरी हमला हो रहा है और इस पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय को कदम उठाने की जरूरत है। बांग्लादेश में उथल-पुथल के कारण कई अवामी लीग के नेता भारत में शरण लिए हुए हैं, और इसके लिए भारत सरकार का आभार व्यक्त किया गया है।
भारत में शरण लेने के बाद शेख हसीना(Sheikh Hasina) का राजनीतिक भविष्य
पिछले साल जुलाई में बांग्लादेश में हुए हिंसक आंदोलन के बाद शेख हसीना (Sheikh Hasina) बांग्लादेश छोड़कर भारत में शरण लेने आईं। 5 अगस्त 2022 को बांग्लादेश सेना के विमान से वह दिल्ली के हिंडन एयरबेस पर पहुंची थीं। भारत ने उन्हें आपातकालीन शरण देने का फैसला किया और तब से वह दिल्ली में किसी अज्ञात स्थान पर रह रही हैं। शेख हसीना के इस कदम ने बांग्लादेश के राजनीतिक माहौल को और जटिल बना दिया है, और इस पर कई सवाल उठ रहे हैं।
बांग्लादेश द्वारा प्रत्यर्पण की मांग और न्यायिक दबाव
शेख हसीना (Sheikh Hasina) के बांग्लादेश छोड़ने के बाद, मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का गठन हुआ है, जिसने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की है। बांग्लादेश सरकार ने हाल ही में भारत से प्रत्यर्पण की अनुरोध किया, लेकिन भारत ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है। बांग्लादेश ने शेख हसीना के खिलाफ कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिनमें मानवता के खिलाफ अपराध के मुकदमे भी शामिल हैं।
यह स्पष्ट है कि शेख हसीना (Sheikh Hasina) की राजनीतिक स्थिति अब बहुत ही जटिल हो गई है। भारत की ओर से उन्हें दी गई शरण और उनके लिए सुरक्षित यात्रा मार्ग की सुविधा ने उनकी स्थिति को और मजबूत किया है। अब सवाल यह उठता है कि शेख हसीना का भविष्य क्या होगा और क्या वे एक बार फिर प्रधानमंत्री के रूप में बांग्लादेश लौटेंगी। इस बीच, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की ओर से उन पर दायर किए गए मामले और प्रत्यर्पण की मांग भी सुलझना बाकी है। Sheikh Hasina:
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