Sonal Goyal IAS : देश की प्रसिद्ध महिला IAS अधिकारी सोनल गोयल एक बार फिर चर्चा में हैं। सोनल गोयल इस बार एक अंतर्राष्ट्रीय मंच पर मिले सम्मान के बाद चर्चा में आई हैं। सोनल गोयल ने अंतर्राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित सम्मान भारत की पूरी नारी शक्ति को समर्पित किया है। सोनल गोयल का कहना है कि यह सम्मन भारतीय नारी सम्मान की मेघा का सम्मान है।
ओमान में मिला सोनल गोयल को बड़ा सम्मान
आपको बता दें कि हाल ही में सस्टेनेबिलिटी इन ह्यूमन कैपिटल एंड ग्लोबल लीडरशिप थीम पर आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ओमान के प्रतिष्ठित संस्थान गल्फ स्किल पायनियर्स ने किया था, जिसमें ओमान के वरिष्ठ मंत्रियों समेत अमेरिका, इंडोनेशिया, थाईलैंड, जर्मनी, संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों के 300 से अधिक कॉर्पोरेट लीडर्स, पॉलिसी मेकर्स, ब्यूरोक्रेट्स और एजुकेशनिस्ट शामिल हुए। इस कार्यक्रम में, 2008 बैच के त्रिपुरा कैडर की वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सोनल गोयल को वैश्विक नेतृत्व और नीति निर्माण में उनके प्रभावशाली योगदान के लिए प्रतिष्ठित डी-20 लीडर आॅफ इन्फ्लुएंस एंड चेंजमेकर अवार्ड से सम्मानित किया गया।
विदेशी धरती पर एक भारतीय अधिकारी को मिले इस सम्मान के बारे में पूछे जाने पर सोनल गोयल IAS ने कहा कि निश्चित रूप से यह एक अच्छा अनुभव था। मैं समझती हूं यह भारत, विशेषकर भारतीय महिलाओं, की मेधा का सम्मान है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर सम्मान पाकर अच्छा तो लगता ही है, लेकिन हर सम्मान के साथ ही हमारी जिम्मेदारी थोड़ी और बढ़ जाती है। और इसलिए मेरा यही प्रयास रहता है कि अपने कार्यक्षेत्र में देश अथवा वैश्विक समाज की मुझसे जो भी अपेक्षाएँ हैं उन पर हमेशा खरी उतर सकूं।
शिक्षा और कौशल विकास से समाज को लांग टर्म मजबूती
अपने भाषण में वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सोनल गोयल ने वसुधैव कुटुम्बकम का उल्लेख करते हुए बताया कि कैसे भारतीय समाज पूरे विश्व को एक परिवार की तरह मानता है। उन्होंने भारत के ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और ओमान की STEM शिक्षा में निवेश जैसी पहल का उदाहरण देते हुए बताया कि कैसे शिक्षा और कौशल विकास समाज को लांग टर्म मजबूती प्रदान कर सकते हैं।
अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने समावेशिता,जेंडर इक्वालिटी और इमोशनल इंटेलिजेंस को प्रभावशाली और बेहतर नेतृत्व के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण बताया। भारत की प्रसिद्घ आईएएस अधिकारी सोनल गोयल ने पैनल डिस्कशन के दौरान क्लाइमेट चेंज और असमानता जैसी वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा की और इनके समाधान के लिए सहयोगात्मक दृष्टिकोण को अपनाने की वकालत की। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत और ओमान के बीच अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ते सहयोग का हवाला देते हुए इसे सस्टेनिबिलिटी को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक स्तर पर एक शानदार उदाहरण के रूप में प्रस्तुत किया। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोनल गोयल को मिले इस सम्मान की खूब तारीफ हो रही है।
सोनल गोयल बताती हैं कि IAS तथा PCS बनने का गुरु मंत्र
आपको यह भी बता दें कि प्रसिद्ध आईएएस अधिकारी सोनल गोयल बच्चों को IAS तथा IPS बनने का गुरु मंत्र भी बताती हैं। भारत की सबसे प्रतिष्ठित मानी जाने वाली परीक्षा IAS की परीक्षा दूसरे अटेंप्ट में पास करने वाली आईएएस अधिकारी सोनल गोयल ने राय दी है कि आईएएस तथा पीसीएस अधिकारी बनने के लिए जो सबसे जरूरी बात है कि अगर आपका इरादा पक्का हो तो कोई भी परेशानी आपका रास्ता नहीं रोक सकती। हर सफलता और असफलता सीखने-सुधार करने और आखिर में जीत का मौका है। इसलिए स्टूडेंट्स को अपनी क्षमताओं पर विश्वास करना चाहिए, जुनून के साथ अपने लक्ष्यों का पीछा करें और अपने सपनों को कभी न भूलें। दृढ़ता से ही महानता प्राप्त होती है।
कौन हैं IAS सोनल गोयल
IAS आॅफिसर सोनल गोयल वर्ष-2008 में UPSC में आॅल इंडिया में 13वीं रैंक हासिल करने के बाद भारतीय प्रशासनिक सेवा में शामिल हुई थीं। उनकी पहली पोस्टिंग त्रिपुरा में असिस्टेंट कलेक्टर के रूप में हुई थी। अभी वे त्रिपुरा भवन, दिल्ली में रेजिडेंट कमिश्नर की पोस्ट पर हैं। आईएएस आफिसर सोनल गोयल हाल ही में अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स (पहले ट्विटर) पर अपनी यूपीएससी सिविल सर्विसेज मेन्स एग्जाम 2007 की मार्कशीट भी शेयर की थी। उन्होंने यूपीएससी की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को मोटिवेट करने के लिए मार्कशीट शेयर करते हुए अपनी सफलता और असफलता के बारे में बताया। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए बताया कि वे साल 2007 में अपने पहले अटेंप्ट में असफल रही थीं, लेकिन अगले साल 2008 में यूपीएससी एग्जाम क्रैक किया था। आईएएस सोनल ने अपनी पोस्ट में लिखा, जब मैंने अपनी आईएएस सिविल सेवा 2007 मेन्स मार्कशीट देखी तो पुरानी यादें ताजा हो गईं, जिसने मुझे उन ट्रायल्स और जीत की याद दिला दी जिनके कारण मई 2008 के नतीजों में अंतिम चयन हुआ। मैं उम्मीदवारों के साथ केवल यह शेयर करना चाहती हूं कि अपने पहले प्रयास में मैं मेन्स एग्जाम में जनरल स्टडीज के पेपर में कम मार्क्स की वजह से इंटरव्यू से चूक गई थी। हालांकि, इस झटके ने मेरे यूपीएससी के लक्ष्य को हासिल करने में कोई कसर नहीं छोड़ने के मेरे दृढ़ संकल्प को बढ़ावा दिया था, उन्होंने दोगुनी मेहनत की। उन्होंने आगे बताया, इसके बाद मैंने खुद को पूरी तरह से सामान्य अध्ययन के पेपर में महारत हासिल करने, नोट्स बनाने, बार-बार दोहराने और उत्तर लिखने पर जोर देते हुए मेन्स के अन्य पहलुओं में सुधार करने के लिए समर्पित कर दिया। मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी करने और सीएस (कंपनी सचिव) के रूप में नौकरी करने के साथ-साथ यूपीएससी सिलेबस के हर पहलू पर अपना दिल और आत्मा लगा दी। पहले अटेंप्ट में फेल होने के बाद भी सोनल ने हार नहीं मानी। उन्होंने नौकरी के साथ यूपीएससी की तैयारी जारी रखी और दूसरे अटेंप्ट में सफलता हासिल की। उन्होंने कहा, अपने दूसरे अटेंप्ट में, मैंने न केवल परीक्षा पास की, बल्कि जनरल स्टडीज में मेरे मार्क्स मेरे वैकल्पिक विषयों- कॉमर्स और लोक प्रशासन की तुलना में सबसे ज्यादा थे। देश की जानी-मानी महिला IAS अधिकारी सोनल गोयल आए दिन किसी न किसी कारण से मीडिया की सुर्खियों में बनी ही रहती हैं।
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