Mohammad Yunus : बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस (Mohammad Yunus) अपनी चार दिवसीय यात्रा पर बीजिंग पहुंचे, जहां उन्होंने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात की। इस बैठक के दौरान बहुप्रतीक्षित तीस्ता नदी परियोजना पर चर्चा होने की संभावना जताई जा रही है। बांग्लादेश के विदेश सचिव मोहम्मद जशीम उद्दीन ने पहले ही संकेत दिया था कि जल प्रबंधन परियोजना इस यात्रा के एजेंडे में है और तीस्ता नदी परियोजना भी चर्चा में आ सकती है।
चीन की रुचि और यूनुस(Mohammad Yunus) की प्राथमिकता
दरअसल चीन ने पहले तीस्ता नदी परियोजना के लिए रुचि दिखाई थी, लेकिन बांग्लादेश की शेख हसीना सरकार ने 2024 में चीन के प्रस्ताव को नकारते हुए भारत के साथ मिलकर परियोजना लागू करने का निर्णय लिया। शेख हसीना ने इस बात की घोषणा की थी कि भारत के पास तीस्ता नदी का पानी है, और वह परियोजना को भारत के सहयोग से पूरा करना चाहती हैं। यह निर्णय चीन के लिए एक झटका था, जो पहले बांग्लादेश को इस परियोजना के लिए अपनी मदद देने की पेशकश कर चुका था।
चीन द्वारा किए गए प्रयास
बता दें कि चीन ने पहले तीस्ता नदी के प्रबंधन और पुनर्निर्माण के लिए सर्वेक्षण किया था। इसके बाद, बांग्लादेश ने 2026 में नदी के जल प्रबंधन के लिए वैकल्पिक दृष्टिकोण को तलाशने के लिए चीन के सरकारी स्वामित्व वाली पावर कॉरपोरेशन के साथ एक एमओयू पर हस्ताक्षर किए थे। इस समझौते के तहत 2020 में एक मास्टर प्लान तैयार किया गया, जिसे पंचवर्षीय योजना के तहत 2024 तक अंतिम रूप देना था।
यूनुस(Mohammad Yunus) की बैठक और वित्तीय मुद्दे
यूनुस(Mohammad Yunus) ने चीन यात्रा के दौरान चीनी ऋणों पर ब्याज दरों में कटौती की मांग की और चीन से वित्तपोषित परियोजनाओं पर प्रतिबद्धता शुल्क माफ करने का आह्वान किया। यूनुस का यह दौरा बांग्लादेश और चीन के संबंधों में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, खासकर जल प्रबंधन और आर्थिक सहयोग के क्षेत्रों में।
इस यात्रा से यह स्पष्ट हो गया है कि बांग्लादेश जल प्रबंधन के मामले में भारत के साथ अपने संबंधों को प्राथमिकता देता है, जबकि चीन अब भी इस क्षेत्र में अपनी भूमिका को लेकर सक्रिय है।Mohammad Yunus :
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