Bengaluru Suicide : कर्नाटक का खूबसूरत शहर बेंगलुरु इन दिनों आत्महत्या करने वालों के लिए चर्चा में बना हुआ है। सभी जानते हैं कि बेंगलुरु में अभी मात्र बीस दिन पहले एक साफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष के सुसाइड करने का मामला अभी शांत भी नहीं हुआ कि उन्हीं की तरह एक और सॉफ्टवेयर इंजीनियर ने आत्महत्या कर ली। इस आत्महत्या की कहानी भी ठीक वैसी है जैसे अतुल सुभाष की है, जिस तरह अतुल ने आत्महत्या के लिए पत्नी और ससुराल वालों को दोषी ठहराया था। ठीक उसी तरह प्रमोद की बीवी पर भी उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगा है। दोनों ही स्टोरी में पूरी तरह से समानता है।
पत्नी से प्रताड़ना बनी आत्महत्या का कारण
बेंगलुरु शहर में ये दोनों ही आत्महत्या करने वाले अपनी अपनी पत्नी से प्रताड़ित होकर अपनी जीवन लीला समाप्त करने को मजबूर हुए। खास बात यह है कि कि अतुल और प्रमोद दोनों ही पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर थे। अच्छा खासा पैसा कमा रहे थे, लेकिन कमी थी तो बस सुकून की। जब पत्नी की प्रताड़ना की हद हो गई तो अतुल ने 9 दिसंबर को बेंगलुरु स्थित अपने फ्लैट में फंदा लगाकर जान दे दी। मरने से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा साथ ही एक वीडियो भी बनाया। इसी तरह पत्नी से तंग आकर प्रमोद घर से बहाना बनाकर निकला, फिर वापस ही नहीं लौटा। और जब प्रमोद के माता-पिता ने थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई तो उसके बाद प्रमोद का शव नदी से बरामद हुआ। अच्छा पद पैसा सब कुछ होने के बाद इन दोनों के पास सुकून भरी जिंदगी नहीं थी, दोनों की पत्नियों ने उनका जीना दूभर कर रखा था।
दोनों केसों में काफी समानता है
अतुल ने आत्महत्या करने से पहले कहा था- मुझे मेरी बीवी और ससुरालियों ने मरने के लिए विवश किया है। मेरे ऊपर 9 से ज्यादा झूठे मुकदमे दर्ज करवाए गए हैं। मेरे बेटे से भी मुझे मिलने नहीं दिया जाता, इसलिए मैं परेशान होकर जान दे रहा हूं। यह उसने अपने सुसाइड नोट में लिखा था और मौत को गले लगा लिया। इस केस में पत्नी निकिता, सास निशा और साले की गिरफ्तारी हो चुकी है। सभी आरोपी न्यायिक हिरासत में हैं। मामला बेंगलुरु की लोअर कोर्ट, हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है।
दूसरे केस में प्रमोद 29 दिसंबर को घर से बाहर गया था और इसके बाद वह वापस नहीं लौटा। जब वह घर से निकला तो वह अपना फोन भी घर पर छोड़ गया था। जब प्रमोद वापस नहीं लौटा तो माता-पिता की शिकायत पर पुलिस को तलाशी के दौरान हेमावती नदी के पुल के पास से प्रमोद की बाइक और बैंक पासबुक बरामद हुई। इसके बाद बैंक पासबुक पर लिखे नंबर पर संपर्क किया गया, जिसे प्रमोद के पिता ने उठाया। पहचान होने के बाद प्रमोद के शव को नदी से खोजकर बाहर निकाला गया। प्रमोद ने भी नदी में आत्महत्या करने का फैसला अपनी पत्नी की प्रताड़ना से तंग होकर ही लिया है। इस केस की पुलिस जांच चल रही है, केस में अभी किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।
पत्नी के लड़ाई-झगड़े से था परेशान
अतुल के मौत के बीस दिन बाद आत्महत्या करने वाला प्रमोद बेंगलुरु में बेंज कंपनी में काम करता था। वह अपनी पत्नी के साथ होने वाले लड़ाई-झगड़े से तनाव में आ गया था। इसके साथ ही ये भी कहा जा रहा है कि प्रमोद को उसके भाई-बहन भी परेशान कर रहे थे। इस सब से छुटकारा पाने के लिए प्रमोद ने मौत को गले लगा लिया और नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली। जब प्रमोद का शव बरामद कर लिया गया, तो परिजन मौके पर पहुंच गए। प्रमोद की पत्नी भी अपनी मां और बच्चों के साथ प्रमोद के शव को देखने आई। इसी दौरान पत्नी के परिजनों और प्रमोद के परिजनों के बीच विवाद हो गया, जहां भीड़ को काबू करने में पुलिस को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। दोनों ही हादसों में पत्नियों की नासमझी और प्रतारना के कारण दोनों के ही बच्चे बाप के बिना जीवन गुजारने की प्रताड़ना को जीवन भर झेलने को मजबूर हो गए।
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