Owaisi : सुप्रीम कोर्ट में वक्फ (संशोधन) अधिनियम-2025 की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को लगातार दूसरे दिन सुनवाई हुई। केंद्र सरकार ने जवाब दाखिल करने के लिए सात दिन का समय मांगा, साथ ही आश्वासन दिया कि इस दौरान वक्फ काउंसिल या बोर्ड में कोई नियुक्ति नहीं की जाएगी। इस बीच AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी की प्रतिक्रिया सामने आई है।
“हम एक्ट को असंवैधानिक मानते हैं” – ओवैसी (Owaisi)
ओवैसी (Owaisi) ने साफ कहा कि यह कानून संविधान के अनुच्छेद 14, 15, 25 और 26 का उल्लंघन करता है। उन्होंने बताया कि उन्होंने संसद में और जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) की बैठक में भी इसका विरोध किया था। उनके मुताबिक, यह कानून न सिर्फ धार्मिक स्वतंत्रता को प्रभावित करता है, बल्कि अल्पसंख्यक अधिकारों पर भी सीधा हमला है।
SC की टिप्पणी और केंद्र का आश्वासन
कोर्ट ने स्पष्ट किया कि वक्फ बाय यूजर को हटाया नहीं जा सकता और न ही इस दौरान केंद्रीय या राज्य वक्फ परिषद का गठन किया जाएगा। कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के इस बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि केंद्र 7 दिनों के भीतर जवाब दाखिल करेगा और इस दौरान किसी भी वक्फ संपत्ति को डीनोटिफाई नहीं किया जाएगा।
ओवैसी (Owaisi) ने कोर्ट में भी दी चुनौती
AIMIM चीफ ओवैसी (Owaisi) की ओर से भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है, जिसमें वक्फ एक्ट को असंवैधानिक करार देते हुए उसे रद्द करने की मांग की गई है। उन्होंने दोहराया कि वक्फ संपत्तियों की सुरक्षा और अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा के लिए उनकी कानूनी लड़ाई आगे भी जारी रहेगी।
अब 5 मई को अगली सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 5 मई के लिए सूचीबद्ध की है। कोर्ट ने यह भी कहा कि 73 में से 5 याचिकाओं को आधार बनाकर सुनवाई की जाएगी, जबकि शेष याचिकाएं आवेदन के तौर पर मानी जाएंगी। वक्फ कानून को लेकर देशभर में बहस तेज हो गई है, और आने वाले दिनों में यह मामला और तूल पकड़ सकता है। Owaisi :
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