Tamil Nadu : तमिलनाडु की राजनीति में एक नया विवाद खड़ा हो गया है, जब मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन के नेतृत्व वाली डीएमके (DMK) सरकार ने विधानसभा में केंद्र सरकार द्वारा प्रस्तावित वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 के खिलाफ एक प्रस्ताव पारित किया। इस कदम ने राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक (AIADMK) और भाजपा (BJP) के बीच तीखी बहस छेड़ दी है।
प्रस्ताव का उद्देश्य और सीएम स्टालिन का बयान
विधानसभा में प्रस्ताव पेश करते हुए मुख्यमंत्री स्टालिन ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि नया वक्फ संशोधन विधेयक मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला है। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार द्वारा वक्फ अधिनियम में संशोधन करने का प्रयास वक्फ बोर्ड की शक्तियों को बाधित करेगा, जिससे अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता प्रभावित होगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम संविधान प्रदत्त धार्मिक अधिकारों की रक्षा करें।”
प्रस्ताव में यह भी कहा गया कि भारत की गंगा-जमुनी तहजीब को बनाए रखने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता और सद्भाव आवश्यक हैं। इसलिए, केंद्र सरकार को वक्फ अधिनियम 1995 में प्रस्तावित संशोधनों को वापस लेना चाहिए।
बीजेपी और एआईएडीएमके की प्रतिक्रिया
भाजपा विधायक वनथी श्रीनिवासन ने विधानसभा में इस प्रस्ताव का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का उद्देश्य वक्फ बोर्डों के कार्यों में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है, जिससे किसी भी समुदाय के अधिकारों को नुकसान नहीं होगा। भाजपा का मानना है कि वक्फ बोर्ड की संपत्तियों के उचित प्रबंधन और प्रशासनिक सुधार के लिए यह संशोधन आवश्यक है।
वहीं, एआईएडीएमके के राष्ट्रीय प्रवक्ता कोवई सत्यन ने डीएमके सरकार पर राजनीतिक स्वार्थ के लिए समुदायों के बीच मतभेद बढ़ाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “डीएमके सरकार धर्म और भाषा के आधार पर समाज में एक खास नैरेटिव सेट करने की कोशिश कर रही है। जब इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति (JPC) पहले ही बनी हुई है, तो फिर विधानसभा में प्रस्ताव पारित करने की इतनी जल्दी क्यों दिखाई जा रही है?
वक्फ संशोधन विधेयक 2024: क्या हैं प्रावधान?
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 का मुख्य उद्देश्य वक्फ अधिनियम 1995 में सुधार करना है। सरकार का कहना है कि यह विधेयक वक्फ संपत्तियों के पंजीकरण, रिकॉर्ड प्रबंधन और प्रशासन को अधिक पारदर्शी बनाने के लिए केंद्रीय डेटाबेस प्रणाली की शुरुआत करेगा। इसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:
- वक्फ संपत्तियों का डिजिटलीकरण: वक्फ बोर्डों के अंतर्गत आने वाली संपत्तियों को एक केंद्रीकृत पोर्टल पर दर्ज किया जाएगा।
- जवाबदेही और पारदर्शिता: संपत्ति के पंजीकरण से पहले सभी संबंधित पक्षों को उचित नोटिस दिया जाएगा और राजस्व कानूनों के अनुसार कार्रवाई होगी।
- महिलाओं की भागीदारी: वक्फ बोर्डों में महिलाओं की अनिवार्य भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रावधान किया गया है। Tamil Nadu :
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