Government: नई दिल्ली। भारत सरकार ने पिछले 8 सालों में सरकारी खजाने के 64 अरब रूपये सरकार की छवि ”चमकाने” के लिए केवल विज्ञापनों पर खर्च कर डाले हैं। यहां बात हो रही है नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री काल की, यानि कि जब से नरेन्द्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने हैं तब से ”सरकार” का चेहरा चमकाने के लिए देश के बजट से 64 अरब रूपये केवल सरकारी विज्ञापनों के नाम पर अखबारों व टीवी चैनलों को बांटे गए हैं। देश भर में लगने वाले बड़े-बड़े होर्डिंग व पोस्टरों का खर्च इस खर्च से अलग है।
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यह उपरोक्त बात कोई कोरी कल्पना या मनगढंत आंकड़े नहीं हैं। यह तथ्य लोकसभा में भारत सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने उजागर किया है। केन्द्रीय मंत्री श्री ठाकुर ने यह जवाब लोकसभा में सांसद एम सेल्वराज के प्रश्न के लिखित उत्तर में मंगलवार को पेश किये गए आंकड़ों में दिया है। सांसद ने सवाल पूछा था कि वर्ष 2014 से प्रत्येक मंत्रालय द्वारा प्रिंट और इलेक्ट्रानिक माध्यम से विज्ञापनों पर वहन किये गए खर्च का वर्ष-वार ब्यौरा क्या है?
केन्द्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा पेश किये गए आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2014-15 से सात दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया के माध्यम से विज्ञापनों पर 3138.81 करोड़ रूपये खर्च किये गए जबकि इस अवधि में इलेक्ट्रानिक मीडिया के माध्यम से विज्ञापन पर 3260.79 करोड़ रूपये खर्च हुए, यानि कुल 64 अरब रूपये खर्च हुए हैं।
सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये आंकड़ों के अनुसार केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) के माध्यम से वर्ष 2014-15 में प्रिंट मीडिया पर विज्ञापन में 424.84 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर विज्ञापन में 473.67 करोड़ रूपये, वर्ष 2015-16 में प्रिंट मीडिया पर 508.22 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 531.60 करोड़ रूपये खर्च किए गए। इसी प्रकार वर्ष 2016-17 में प्रिंट मीडिया पर 468.53 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 609.60 करोड़ रूपये, वर्ष 2017-18 में प्रिंट मीडिया पर 636.09 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 514.28 करोड़ रूपये खर्च हुए।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2018-19 में प्रिंट मीडिया पर 429.55 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 514.28 करोड़ रूपये, वर्ष 2019-20 में प्रिंट मीडिया पर 295.05 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 317.11 करोड़ रूपये, वर्ष 2020-21 में प्रिंट मीडिया पर 197.49 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 167.98 करोड़ रूपये तथा वर्ष 2021-22 में प्रिंट मीडिया पर 179.04 करोड रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 101.24 करोड़ रूपये खर्च हुए।
इसमें बताया गया है कि वर्ष 2022-23 में सात दिसंबर 2022 तक प्रिंट मीडिया पर विज्ञापन में 91.96 करोड़ रूपये और इलेक्ट्रानिक मीडिया पर 76.84 करोड़ रूपये खर्च हुए। देश भर में लगने वाले बड़े-बड़े होर्डिंग, पोस्टर व स्क्रीन का प्रचार इस खर्च से बिल्कुल अलग है।
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