Rajasthan News : राजस्थान में बीजेपी के मुख्यमंत्री भजनलाल के पद संभालने के बाद पहले ही चुनाव में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है. राज्य की श्रीकरणपुर विधानसभा सीट पर हुये चुनाव में बीजेपी को कांग्रेस से शिकस्त मिली है। सरकार बनने के कुछ ही समय बाद भाजपा को मिली हार के कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं।
कांग्रेस के प्रत्याशी रूपेंद्र सिंह कुन्नर की हुई जीत
आपको बता दें कि श्रीकरणपुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के प्रत्याशी रूपेंद्र सिंह कुन्नर को जीत मिली है। उन्होंने भाजपा के मंत्री सुरेंद्र पाल सिंह को हराया है। रूपेंद्र सिंह कुन्नर के जीतने पर कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उन्हें इस जीत के लिए बधाई दी है और कहा है की ये जीत उनके पिता गुरमीत सिंह कुन्नर के बेहतर कामों की जीत है।
श्रीकरणपुर में कांग्रेस प्रत्याशी श्री रुपिन्दर सिंह कुन्नर को जीत की हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। यह जीत स्व. गुरमीत सिंह कुन्नर के जनसेवा कार्यों को समर्पित है।
श्रीकरणपुर की जनता ने भारतीय जनता पार्टी के अभिमान को हराया है। चुनाव के बीच प्रत्याशी को मंत्री बनाकर आचार संहिता…
— Ashok Gehlot (@ashokgehlot51) January 8, 2024
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गुरमीत सिंह कुन्नर की मौत के बाद ये सीट खाली हुई थी। ये हार बीजेपी के लिए एक बड़ा सियासी संदेश भी बताई जा रही है । इस जीत के साथ कांग्रेस के राज्य में विधानसभा सीटों की संख्या 70 हो जाएगी। कांग्रेस के प्रत्याशी रूपेंद्र सिंह ने बीजेपी के सुरेंद्र पाल सिंह को 12000 से भी ज्यादा वोटो से हराया है । सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कुन्नर को बधाई देते हुए कहा है कि यह जीत उनके पिता के कामों की जीत है। साथ ही गहलोत ने यह भी कहा है कि श्रीकरणपुर में हुई हार बीजेपी के घमंड की हार है। जनता ने उन्हें सबक सिखाया है। जहां बीजेपी के एक मंत्री को हार का मुंह देखना पड़ा है ।
एमएलए बनने से पहले ही बना दिया था मंत्री
कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया है कि भाजपा ने वोटरों को अपनी तरफ खींचने के लिए एमएलए बनने से पहले ही सुरेंद्र पाल सिंह को मंत्री बना दिया था। उनकी यह चाल भी चुनाव में काम नहीं आई।
राजस्थान में भजनलाल सरकार की पहली परीक्षा
राजस्थान में भजनलाल सरकार का गठन हुए एक ही महीना हुआ है । क्या एक ही महीने में जनता का मोह भंग हो गया है? सियासी जानकारों का कहना है की जनता को भजनलाल से कई बड़े फैसलों की उम्मीद थी लेकिन ऐसा कुछ अभी तक उन्हें नजर नहीं आया। जिस तरह से मंत्रिमंडल के विस्तार और विभागों के बंटवारे में देरी हुई उससे उनकी कार्यशैली पर भी सवाल उठने लगे हैं। क्योंकि लंबे समय से नेतृत्व में एक बदलाव का इंतजार कर रही राजस्थान की जनता को उम्मीद थी कि भजनलाल सरकार कुछ नया करेगी । राज्य में चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना को लेकर भी थोड़ा कंफ्यूजन है जिससे जनता इस योजना में दावा किए गए 25 लाख रुपए तक के फ्री इलाज का फायदा नहीं ले पा रही है।
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