Ajab Gajab : तमिलनाडु के मदुरै में सांडों को ‘विशेष आहार योजना’ के तहत ताजी घास, चावल की चोकर, काले व लाल चने की भूसी और भरपूर पानी पिलाकर जल्लीकट्टू उत्सव के लिए तैयार किया जा रहा है।
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सांडों को प्रदान किए जाने वाले भोजन में घास का एक बड़ा पैकेट, कपास के बीज और मकई से बना चारा भी शामिल है। इस तरह के खाद्य पदार्थों को बड़े करीने से तीन वर्गों में विभाजित किया गया है। सुबह, दोपहर और शाम को सांडों को ये खाद्य पदार्थ प्रदान किए जाते हैं।
पशुपालन का अनुभव रखने वाली चरवाही सुंदरवल्ली ने बताया कि सांडों के लिए पौष्टिक भोजन सुनिश्चित करने के लिए यह आहार योजना बनाई गई है।
उन्होंने कहा, “हम हर समय पौष्टिक भोजन प्रदान करते हैं। हालांकि, अब हम पोषण सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त प्रयास कर रहे हैं क्योंकि जल्लीकट्टू आने वाला है और इसके लिए सांडों को शारीरिक रूप से अधिक मजबूत होने की आवश्यकता होती है।”
सुंदरवल्ली ने कहा, “पहला पूर्ण भोजन सुबह साढ़े नौ बजे होता है जब हम चावल की भूसी से पूरी तरह भरी हुई बाल्टी सांड को देते हैं।”
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