Friday, 29 November 2024

तेजी से उठ रही है ओवैसी की सांसदी छीनने की मांग

Asaduddin Owaisi : फिलिस्तीन की जय बोलने पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी घिरते हुए नजर आ रहे हैं। सांसद के तौर…

तेजी से उठ रही है ओवैसी की सांसदी छीनने की मांग

Asaduddin Owaisi : फिलिस्तीन की जय बोलने पर सांसद असदुद्दीन ओवैसी घिरते हुए नजर आ रहे हैं। सांसद के तौर पर संसद सदस्यता की शपथ लेते हुए ओवैसी ने फिलिस्तीन की जय बोली थी। देश भर के अनेक नागरिकों तथा वकीलों ने संविधान का हवाला देते हुए ओवैसी की संसद सदस्यता रदद करने की मांग की है।

Asaduddin Owaisi

संसद के अंदर की है घटना

आपको बता दें कि यह पूरा मामला 25 जून को भारत की संसद के अंदर का है। यह मामला तेजी से तूल पकड़ रहा है। 18वीं लोकसभा के पहले सत्र के दूसरे दिन ये सारी घटना हुई। ओवैसी ने फिलिस्तीन की जय बोलने के बाद कहा कि वे हाशिए पर पड़े लोगों के मुद्दे उठाते रहेंगे। हालांकि नारे पर राजनीति शुरू हो गई। विपक्षी दल, खासकर बीजेपी ने उनसे माफी मांगने की मांग की। यहां तक कि एडवोकेट विनीत जिंदल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में दावा किया कि उन्होंने फिलिस्तीन के लिए निष्ठा दिखाने पर ओवैसी को अनुच्छेद 102 (4) के तहत अयोग्य ठहराने की मांग की है। सुप्रीम कोर्ट के वकील हरिशंकर जैन ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से असदुद्दीन ओवैसी की सदस्यता रद्द करने की मांग की है।

सांसद के तौर पर सदस्यता लेते हुए अब तक एमपी अपने राज्य और देश की ही बात करते रहे। ये पहला मामला है, जब किसी लीडर ने इस दौरान दूसरे देश के लिए नारा लगाया। अब इस मामले पर संसदीय मामलों के मंत्री किरन रिजिजू का भी बयान आ चुका। मिंट में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि हमारी फिलिस्तीन या किसी देश से कोई दुश्मनी नहीं। समस्या बस इतनी है कि शपथ के दौरान क्या किसी सदस्य को दूसरे देश की बात करनी चाहिए। इसपर हमें नियम चेक करने होंगे। इस पूरे मामले में बार-बार अनुच्छेद 102 का जिक्र आ रहा है। विपक्षी दल इसके हवाले से कह रहे हैं कि लोकसभा सदस्यता लेते के समय किसी अन्य देश की हिमायत करना गलत है, और इस आधार पर मेंबरशिप रद्द तक हो सकती है।

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क्या है अनुच्छेद-102 में

– किसी भी व्यक्ति की लोकसभा या राज्यसभा की सदस्यता रद्द हो सकती है अगर वो संसद में बताए गए पद के अलावा, भारत सरकार या किसी भी राज्य की सरकार के अधीन लाभ का कोई पद ले।
– अगर लीडर की मानसिक स्थिति खराब हो जाए, और कोर्ट भी इसे मान ले।
– जिसपर भारी कर्ज हो, और जो अपना उधार चुका पाने में सक्षम न हो. यहां तक कि अदालत ने भी ये मान लिया।
– ऐसा शख्स, जो भारत का नागरिक न हो, या जिसने अस्थाई तौर पर विदेशी देश की नागरिकता ले ली हो। अनुच्छेद 102 कहता है कि किसी और देश के प्रति निष्ठा जताने पर भी सदस्यता जा सकती है। यही वो पॉइंट है,जिस पर ओवैसी घिरे हुए हैं। अपने देश के लीडर बतौर शपथ लेते हुए उन्होंने फिलिस्तीन का नाम ले लिया। देश भर के अनेक नागरिक असद्दीन ओवैसी की सांसदी रद्द करने की मांग कर रहे हैं। Asaduddin Owaisi

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