BPSC Protest : पटना में 70वीं BPSC पीटी परीक्षा को रद्द करने की मांग को लेकर अभ्यर्थियों का आंदोलन तेज हो गया है। इस आंदोलन के दौरान पुलिस द्वारा लाठीचार्ज किया गया जिससे कई अभ्यर्थी घायल हो गए। इस मामले में जनसुराज पार्टी के नेता और राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं। प्रशांत किशोर पर आरोप है कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को उकसाया और बाद में उन्हें अकेला छोड़ दिया जिससे हालात और बिगड़ती चली गई। इसी बीच प्रशांत किशोर का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है जिससे इंटरनेट पर तीखी बहस शुरू हो गई है।
छात्रों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज
प्रशांत किशोर का गांधी मैदान में प्रदर्शनकारी छात्रों के साथ पहुंचना और फिर उनके साथ सीएम हाउस तक मार्च करना इस विवाद का मुख्य कारण बना। प्रशासन ने इस प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी थी, लेकिन फिर भी बड़ी संख्या में अभ्यर्थी गांधी मैदान में इकट्ठा हो गए। गांधी मैदान में प्रदर्शन के दौरान जब अभ्यर्थियों ने वहां से निकलकर सीएम हाउस की ओर मार्च करना शुरू किया, तो पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा दिए। प्रदर्शनकारी बैरिकेड्स को तोड़ते हुए आगे बढ़ने लगे जिसके बाद पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज किया।
पुलिस ने छात्रों को दौड़ाकर पीटा
हालांकि, जैसे-जैसे समय बीतता गया, प्रदर्शन और उग्र हो गया। रात करीब 8:30 बजे प्रदर्शनकारी फिर से जेपी गोलंबर पर जमा हो गए और प्रशासन की चेतावनी के बावजूद हटने को तैयार नहीं हुए। इसके बाद पुलिस ने वाटर कैनन का इस्तेमाल किया और फिर से लाठीचार्ज किया। इस लाठीचार्ज में कई प्रदर्शनकारी गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने उन्हें दौड़ा-दौड़ा कर पीटा जिससे तनाव और बढ़ गया। इस पूरे मामले को लेकर प्रशांत किशोर पर आरोप लगाया गय है कि, उन्होंने अभ्यर्थियों के प्रदर्शन को उकसाया और उनका नेतृत्व करते हुए उनकी स्थिति को और खराब कर दिया। पटना यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और प्रशांत किशोर पर आरोप लगाया कि उन्होंने प्रदर्शन को “हाइजैक” किया।
प्रशांत किशोर के साथ छात्रों की नोंक-झोंक
इस बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें सांसद पप्पू यादव ने एक वीडियो पोस्ट किया। वायरल वीडियो में कुछ अभ्यर्थी प्रशांत किशोर से नाराजगी व्यक्त कर रहे थे। वीडियो में अभ्यर्थी यह कहते हुए दिखाई दे रहे थे कि, प्रशांत किशोर ने उनकी लड़ाई को अपने राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल किया और बाद में उन्हें अकेला छोड़ दिया। बता दें कि, पटना में लाठीचार्ज के बाद स्थिति अब और भी तनावपूर्ण हो गई है, और राजनीतिक हलकों में यह सवाल उठ रहा है कि क्या प्रशांत किशोर ने जानबूझकर इस आंदोलन को राजनीतिक रूप से भड़काया।
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