नई दिल्ली। सरकार माल एवं सेवा कर (जीएसटी) में पंजीकृत व्यापारियों के लिए जल्द एक राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति और दुर्घटना बीमा योजना की घोषणा कर सकती है। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी। अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावित नीति से व्यापारियों को बेहतर बुनियादी ढांचा उपलब्ध होगा और साथ ही वे अधिक कर्ज भी ले सकेंगे।
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खुदरा क्षेत्र में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा बाजार है भारत
अधिकारी ने कहा कि इस नीति में सस्ते और सुगम कर्ज, खुदरा व्यापार का आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण, वितरण श्रृंखला के लिए आधुनिक ढांचागत समर्थन, कौशल विकास और श्रम उत्पादकता में सुधार और एक प्रभावी परामर्श और शिकायत निपटान तंत्र का प्रावधान हो सकता है। भारत वैश्विक स्तर पर खुदरा क्षेत्र में दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा गंतव्य है। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय वित्तीय सेवा विभाग के साथ मिलकर सभी जीएसटी-पंजीकृत खुदरा व्यापारियों के लिए एक बीमा योजना पर भी काम कर रहा है।
राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति भी ला रही है सरकार
अधिकारी ने कहा कि सरकार न केवल ई-कॉमर्स में नीतिगत बदलाव की कोशिश कर रही है, बल्कि व्यापारियों के लिए एक राष्ट्रीय खुदरा व्यापार नीति भी ला रही है, जिससे कारोबार सुगमता की स्थिति बेहतर होगी, ढांचागत सुविधाएं उपलब्ध होंगी और व्यापारियों को ज्यादा कर्ज के साथ अन्य सुविधाएं भी मिलेंगी। प्रस्तावित नीति के तहत, एक केंद्रीकृत और कंप्यूटरीकृत निरीक्षण प्रणाली के अलावा व्यापारियों के लिए एकल खिड़की मंजूरी तंत्र विकसित किया जा सकता है।
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अब तक नहीं है खुदारा कारोबार के लिए कोई नीति
व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के महासचिव प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि खुदरा व्यापार नीति से निश्चित रूप से इस क्षेत्र को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि खुदरा कारोबार अर्थव्यवस्था का एकमात्र क्षेत्र है, जिसके लिए कोई नीति नहीं है। व्यापारियों के लिए बीमा योजना से अर्थव्यवस्था में उनके योगदान को मान्यता मिलेगी।
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